पिछले तीन मई से मणिपुर जातीय संघर्ष की ज्वाला में झुलस रहा है। अदालत के निर्देश के बाद मणिपुर में रहने वाले मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने के बाद मणिपुर में मैतेई और कुकी के बीच संघर्ष लगातार जारी है। कई हिंसात्मक घटनाएं हो चुकी हैं। ङ्क्षहसा की घटनाओं में अब तक 160 लोग जान गंवा चुके हैं। मणिपुर की घटना अब देश में बड़ा सियासी मुद्दा बन चुका है। विपक्षी पाॢटयां मणिपुर के मुद्दे पर केंद्र सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घेरने में लगी हैं। विपक्षी पाॢटयां प्रधानमंत्री से संसद में बयान देने की मांग कर रही हैं। कांग्रेस सहित देश के कुल 26 विपक्षी दल मिलकर मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगे हैं। हाल ही में 26 विपक्षी दलों ने आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी को परास्त करने के लिए नए गठबंधन इंडियन नेशनल इन्क्लुसिव डेमोक्रेटिक एलायंस (इंडिया) का गठन किया है।
टीम इंडिया के 21 सांसदों ने दो दिनों तक मणिपुर का दौरा किया तथा ङ्क्षहसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर के चुराचांदपुर क्षेत्रों का भी दौरा किया जहां से ङ्क्षहसा भड़की थी। विपक्षी दलों ने मणिपुर में हो रही ङ्क्षहसा के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार को दोषी ठहराया है। मणिपुर की घटना पर संसद में चर्चा कराने की मांग की जा रही है। सत्ताधारी पाटी भाजपा राज्यसभा में चर्चा को आज तैयार हुई, लेकिन विपक्षी पाॢटयां नियम का हवाला देकर चर्चा से दूर हो गई। केंद्र सरकार अब मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए कमर कस चुकी है। सुप्रीम कोर्ट भी मणिपुर के मामले को लेकर अब एक्शन में आ चुकी है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने केंद्र एवं राज्य सरकार से स्पष्ट कहा है कि अगर इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करेगा। सुप्रीम कोर्ट में आज मणिपुर के मुद्दे पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र एवं राज्य सरकार से अब तक की कार्रवाई का विवरण मांगा है।
अदालत ने सरकार से ये भी पूछा है कि पिछले 4 मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर अपमानित किया गया, उस घटना की रिपोर्ट 14 दिन बाद यानी 18 मई को क्यों दर्ज की गई? पुलिस 14 दिन क्यों चुपचाप बैठी थी? सुप्रीम कोर्ट दोनों सरकारों की प्रगति रिपोर्ट पर गौर करने के बाद यह तय करेगा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करेगा या नहीं। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर अटार्नी जनरल तुषार मेहता तथा वरिष्ठ वकील इंदिरा जयङ्क्षसह उपस्थित थे। जयङ्क्षसह ने बताया कि मणिपुर की घटनाओं को लेकर अभी तक 505 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। महिलाओं को निर्वस्त्र करने के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है, जिन्होंने अपना काम शुरू भी कर दिया है। कुकी समुदाय सीबीआई जांच का विरोध कर रहा है।
कुकी संगठन की मांग है कि इस मामले की जांच एसआईटी से कराई जाए। इसी बीच शीर्ष अदालत मणिपुर मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर करने के सरकार के अनुरोध पर विचार कर रही है। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने भी आज भाजपा विधायकों के विरोध के बीच मणिपुर घटना की निंदा की है। भाजपा विधायकों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया है। भाजपा का कहना है कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा एवं मालदा में महिलाओं के साथ बदसलूकी हुई है। पश्चिम बंगाल सरकार अपने राज्य की महिलाओं को सुरक्षा देने की बजाय मणिपुर का गीत गा रही है। पश्चिम बंगाल में महिलाओं की स्थिति काफी बदतर है।
पंचायत चुनाव के दौरान जिस तरह सत्ताधारी टीएमसी ने हंगामा मचाया, यह साबित करने के लिए काफी है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की क्या स्थिति है? सरकार तथा विपक्ष दोनों को मणिपुर के मुद्दे पर सकारात्मक सोच के साथ काम करना चाहिए, ताकि जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो सके। मणिपुर की घटना के लिए दोषी लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। देश के दूसरे भागों में महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं पर भी ध्यान देने की जरुरत है। महिलाओं के साथ हो रहे अपराध के विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।