शून्य निवेश नवाचार के साथ-साथ दिन पर दिन कम होती हरियाली के मध्यनजर वृक्षकुंज विकसित करने को लेकर जयकिशनपुरा के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक राकेश कुमार नामा व दिनकर विजयवर्गीय ने वृक्षम् अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधे उगाने का एक नया तरीका सोचा है, जो सीडबॉल है। इसके तहत उन्होंने पीपलू में बच्चों एवं अन्य पर्यावरण प्रेमियों के साथ 21 हजार सीडबॉल बना इन्हें पीपलू के तालाब की एक किलोमीटर पाल सहित पीपलू से बनवाड़ा के बीच सड़क किनारे, डाइट रोड टोंक सहित जंगल, चरागाह, खेत की मेड़ आदि अन्य स्थानों पर इन्हें फेंक पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल की है। अब बारिश होने पर कुछ दिनों बाद सीडबॉल से बीज अंकुरित होकर जड़ कर लेगा और पौधों का रूप ले सकेगा। बंबूल के बीच फेंकी गई सीडबॉल के पेड़ बनने की अधिक संभावना है, क्योंकि वहां अंकुरित बीज सुरक्षित रहेगा।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने एवं साफ हवा के लिए पौधे बहुत जरूरी है और बारिष के दिनों में पौधे लग भी बहुत जल्दी जाते है। इसी सोच के साथ हमने काली मिट्टी में फलदार, छायादार पेड़ों के बीज मिलाकर सीडबॉल तैयार की है। उन्होंने बताया कि जिले में डाइट टोंक वरिष्ठ व्याख्याता उमा गौतम, षिक्षक आषीष गुप्ता, अनिल नागर, पूजा-माया विजयवर्गीय, रामचरण वैष्णव सहित अधिराज सिंह, अधिष्ठसिंह, विजयराजसिंह, रूद्रभानसिंह राजावत, चंचल, राघव दाधीच, खुषी, किंजल नामा, मिस्टी, खुशी, केशव, अदिति, आदित्य विजयवर्गीय, आरूष, अक्षत, अनुराग जैन, गिर्राज जाट आदि बच्चों ने भी इस अभियान के तहत सीडबॉल बनाई है।
उन्होंने बताया कि यह तालाब से अपने घर काली मिट्टी लाए और सबने अपने घर में नींबू, मौसमी, जामुन, इमली, पपीता, खजूर, आम आदि के उपयोग के बाद इनके बीज सुखाएं और काली मिट््टी को गीला करते हुए उसमें बीज रखकर नींबू के आकार की प्रतिदिन 100 बॉल बनाई। इसमें खाद का भी उपयोग किया है। इस तरह 15 दिन में प्रत्एक बच्चे ने 1500 सीडबॉल तैयार की और खुले जंगल में इन्हें अब बारिश शुरू होने पर फेंका है।