पिछले तीन सालों में कोरोना वायरस ने जितनी तबाही और सितम ढहाया है उसकी टीस अभी तक लोगों के दिलों में मौजूद है। अमरीका में कोविड-19 के बाद इन दिनों एक और नया फंगस लोगों को परेशान कर रहा है, जिसका नाम कैंडिडा ऑरिस है। ये घातक फंगल संक्रमण तेजी से पूरे अमरीका में फैल रहा है। अमरीकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार यह फंगस पूरे दुनिया के लोगों की सेहत के लिए खतरा है। यह फंगस ड्रग रेजिस्टेंस है।

इसलिए बेहद खतरनाक माना जा रहा है। कैंडिडा ऑरिस इम्युनिटी को खत्म कर देता है। ये फंगस स्किन, मुंह और मलद्वार के जरिए लिवर में घुसता है। रिपोर्ट के मुताबिक अमरीका में कैंडिडा फंगस के कारण 2020 में 756 लोग संक्रमित हुए थे लेकिन 2021 में इस फंगस से 1471 लोग संक्रमित हुए। कैंडिडा ऑरिस फंगस से संक्रमण का पहला मामला जापान में 2009 में सामने आया था।

साल 2013 में अमरीका में इसकी शुरुआत हुई थी और 2021 तक इस फंगस ने अमरीका को पूरी तरह अपनी गिरफ्त में ले लिया था। हाल ही में इस फंगस ने अमरीका को फिर से परेशान करना शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि यह फंगस घाव और कान के संक्रमण का कारण बनता है। बुखार, दर्द और कमजोरी महसूस होना इस बीमारी के लक्षण हैं। कैंडिडा ऑरिस से चेहरे पर यीस्ट संक्रमण लाल दाने के रूप में दिखता है। दाने में सूखे, पपड़ीदार पैच हो सकते हैं। पैच पर पपड़ी और मवाद निकल सकता है। चेहरे पर मुंहासे या उसके आसपास छोटे-छोटे उभार दिखाई देते हैं।

इस बीमारी पर एंटीबायोटिक का असर नहीं होता। इसलिए इसका इलाज मुश्किल से होता है। इस बीमारी का इलाज करने के लिए खून की जांच की जाती है। डॉक्टरों को भविष्य में इस बीमारी का इलाज करने के लिए कई तरह की दवाई को मिलाकर हैवी डोज देना होगा। जिन लोगों को पहले से कुछ न कुछ बीमारियां हैं उन लोगों को इस फंगस से ज्यादा खतरा है। अमरीका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक 2021 तक देश में सबसे ज्यादा रोगी न्यूयॉर्क  में ही पाए गए, जबकि अन्य इलाकों में भी संक्रमण फैल रहा था।

\कैंडिडा ऑरिस एक खतरनाक बीमारी है जो दुनिया के कई हिस्सों में पायी जाती है। यह रोगी को बेहद बीमार कर सकती है। इसके कारण रक्त संचार और सांस के इंफेक्शन हो सकते हैं या घाव भी संक्रमित हो सकते हैं। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों में 30 से 60 फीसदी तक की मौत हो सकती है, जिन लोगों में पहले से कोई गंभीर बीमारी है, उनके संक्रमित होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। पिछले साल कैंडिडा ऑरिस के सबसे ज्यादा मरीज अमरीका के नेवादा और कैलिफॉर्निया में पाए गए लेकिन फंगस की मौजूदगी 29 राज्यों में थी।

न्यूयॉर्क  में अब भी काफी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।  अब वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह जलवायु परिवर्तन हो सकता है। इंसान और अन्य स्तनधारी जीवों के शरीर का तापमान इतना होता है कि ज्यादातर फंगस उसे सहन नहीं कर सकते हैं। इसलिए ऐतिहासिक रूप से स्तनधारी जीव फंगस संबंधी अधिकतर संक्रमणों से सुरक्षित माने जाते रहे हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों को लगता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान का असर फंगस पर हो रहा है और उनकी अधिक तापमान में भी सक्रिय रहने की संभावना बढ़ रही है। इस कारण इंसानों की प्रतिरोध क्षमता भी प्रभावित हो रही है।

यह फंगल इंफेक्शन इंसानों में 14 साल पहले यकायक उभरा और तीन महाद्वीपों में एक साथ पाया गया है। वेनेजुएला, भारत और दक्षिण अफ्रीका में भी इसके फैलने की आशंका व्यक्त की जा रही है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि नई बीमारी का फैलाव फिलहाल अमरीका में ज्यादा है। संभव है कि विश्व के अन्य क्षेत्रों में भी इसका फैलाव हो। ऐसे में भारत के मेडिकल साइंटिस्ट को भी सतर्क  हो जाना चाहिए और इसका निवारण कैसे हो, इसकी तैयारी में जुट जानी चाहिए, यह समय की सबसे बड़ी मांग है।