कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता फिर से बहाल हो गई है। लोकसभा सचिवालय ने 7 अगस्त को एक अधिसूचना जारी कर अयोग्यता संबंधी 24 मार्च की अधिसूचना के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। सदस्यता बहाल होने के बाद सोमवार को राहुल गांधी धूम-धड़ाके के साथ करीब 12 बजे संसद भवन पहुंचे तथा लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया। इससे पहले वे महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने जाकर नमन किया। मालूम हो कि पिछले 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने 'मोदी उपनाामÓ को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दी गई सजा पर रोक लगा दी है।

न्यायालय ने कहा है कि इस मामले में सुनवाई होने तक रोक जारी रहेगी। पिछले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी उपनाम को लेकर राहुल गांधी द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। निचली अदालत ने इस मामले में राहुल को दोषी मानते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। गुजरात हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगा दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उनकी सजा पर रोक लगा दी है। राहुल की सदस्यता बहाल होने से कांग्रेस पार्टी में जश्न का माहौल है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में पार्टी के उपनेता प्रमोद तिवारी सहित विपक्षी दलों के कई नेताओं ने संसद के प्रवेश द्वार पर राहुल गांधी का स्वागत किया। कांग्रेसी नेता इसे न्याय की जीत बता रहे हैं। इससे पहले वही नेता बता रहे थे कि देश में न्यायपालिका दबाव में है।

जा पर रोक के साथ ही इन नेताओं के सुर भी बदल गए हैं। मोदी सरकार के खिलाफ हाल ही में गठित इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लुसिव एलायंस (इंडिया) में कांग्रेस की स्थिति मजबूत होगी। सदस्यता बहाल होने के बाद अब कांग्रेस के भीतर से मांग उठने लगी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ टीम इंडिया की तरफ से राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया जाए। इससे पहले कांग्रेस विपक्ष के चेहरे के मुद्दे पर मौन थी। बंगलुरु में हुई इंडिया की बैठक में कांग्रेस पूरी तरह हावी रही। सोनिया गांधी, मल्लिाकार्जुन खडग़े एवं राहुल गांधी की मौजूदगी ने सब कुछ बयां कर दिया। राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित होने से ममता बनर्जी, अरङ्क्षवद केजरीवाल जैसे नेताओं को निश्चित रूप से धक्का लगेगा। आम आदमी पार्टी जहां अरङ्क्षवद केजरीवाल को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाना चाहती है वहीं तृणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी को पीएम मैटेरियल मानती है।

कांग्रेस का मानना है कि बड़ी पार्टी होने के नाते उसके नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव लड़ा जाना चाहिए। मुंबई में होने वाली टीम इंडिया की बैठक के दौरान यह मुद्दा प्रमुखता से उठ सकता है। उस बैठक में इंडिया के चेयरमैन एवं संयोजक पद पर भी मुहर लग सकती है। चेयरमैन पद के लिए सोनिया गांधी एवं संयोजक पद के लिए नीतीश कुमार का नाम सबसे आगे चल रहा है। सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाली बहस में नूंह हिंसा, मणिपुर ङ्क्षहसा एवं दिल्ली सेवा विधेयक जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेंगे। कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए राहुल की छवि को जनप्रिय बनाने की पूरी कोशिश में है। कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल को मुख्य वक्ता के रूप में पेश करेगी। कांग्रेसी नेता सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही इसे लोकतंत्र की जीत बताकर उनकी छवि सुधारने में जुट गए हैं। अदालत के निर्देश के बाद विपक्ष के चेहरे के मुद्दे पर आपसी खींचतान बढ़ सकती है जिसका लाभ सत्ताधारी भाजपा को मिल सकता है। पहले ही देश की 11 विपक्षी पाॢटयां टीम इंडिया से दूर हैं।