गुवाहाटी : माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र देश में वित्तीय क्षेत्र के स्तंभों में से एक है और देश की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। पूर्वोत्तर में इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए बुधवार को गुवाहाटी के खानापाड़ा स्थित प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र का उत्तर पूर्व सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र से जुड़े संगठन के तौर पर साधन ने यह पहल की है। मंगलवार को गुवाहाटी प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साधन परिषद् के सदस्य एवं ग्रामीण विकास एवं फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शरत चंद्र दास ने इसकी जानकारी दी।

उन्होंने पूर्वोत्तर में माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र पर विभिन्न जानकारी प्रदान करते हुए कहा, देश के अन्य हिस्सों की तरह पूर्वोत्तर में गरीबी उन्मूलन और वित्तीय पूंजी के प्रावधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र विभिन्न चुनौतियों के बावजूद विकसित हुआ है। सम्मेलन के आयोजक के रूप में साधन, आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में उच्च दर से शामिल करने का प्रयास कर रहा है।

स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों पर केंद्रित इस सम्मेलन में क्षेत्र से जुड़े कई विशेषज्ञ, सरकारी अधिकारी और गणमान्य लोग भाग लेंगे। गौरतलब है कि पूर्वोत्तर में माइक्रोफाइनांस उद्योग की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से भी कम है। पूर्वी भारत में यह दर 32.20 प्रतिशत और दक्षिण भारत में 27.87 प्रतिशत है। गुवाहाटी में आयोजित इस सम्मेलन के माध्यम से पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों में विभिन्न माइक्रोफाइनेंस योजनाएं लागू की जाएंगी। पूर्वोत्तर में माइक्रोफाइनेंस सेक्टर का विस्तार 8.178 करोड़ रुपए का है जो पूरे उद्योग के आकार का केवल दो प्रतिशत है। पूर्वोत्तर राज्यों में असम और त्रिपुरा की हिस्सेदारी लगभग 94 प्रतिशत है। संवाददाता सम्मेलन में साधन के सीईओ और कार्यकारी निदेशक जीजी मामेन और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।