मालीगांव : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिला स्थित सेवक-रंगपो रेल परियोजना (एसआरआरपी) के टनल संख्या टी-03 ने 25 अगस्त, 2023 को एक सफलता हासिल कर एक बड़ा माइलस्टोन स्थापित किया। इस टनल की सफलता के साथ, इस प्रोजेक्ट में अब तक 07 टनलों में खनन कार्य पूरा हो गया है। मुख्य टनल की लंबाई 1275 मीटर है, जो पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में काजीझोरा और स्वेतीझोरा के बीच स्थित है। मुख्य टनल निम्न हिमालय की अतिसंवेदनशील एवं चुनौतीपूर्ण भूगर्भीय और भूकंपीय स्थितियों से होकर गुजरती है। इस टनल के निर्माण के दौरान कोयला धारकगठन से मीथेन गैस का उत्सर्जन एक बड़ी चुनौती थी। कार्य के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा उपाय के रूप में मीथेन गैस का नियमित परीक्षण किया जा रहा था। एसआरआरपी में अन्य सभी टनलों की तरह, भू-द्रव्यमान की भेद्यता का मुकाबला करने के लिए, नवीनतम और सबसे परिष्कृृत टनलिंग तकनीक यानी न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड या एनएटीएम का उपयोग यहां किया गया है।
इस परियोजना में टनल डिजाइन के लिए एक अमेरिकी कंसल्टेंसी टीम को लगाया गया है और निष्पादन टीम में भारत और विदेश के शीर्ष श्रेणी एवंबेहतर अनुभवी इंजीनियर और भूवैज्ञानिक शामिल हैं। सेवक-रंगपो परियोजना ने पहले ही 57प्रति. की भौतिक प्रगति हासिल की है। सेवक (पश्चिम बंगाल) और रंगपो (सिक्किम) को जोडऩे वाली यह नई रेल लिंक परियोजना लगभग 45 किलोमीटर लंबी है और 14 टनल, 17 पुल और 5 स्टेशन इसकी विशेषता है। सबसे लंबी टनल (टी-10) की लंबाई 5.3 किमी है और सबसे लंबे पुल (ब्रिज-17) की लंबाई 425 मीटर है। संपूर्ण परियोजना संरेखण का लगभग 38 किलोमीटर टनल से होकर गुजरना है और टनल निर्माण का 83त्न कार्य पूरा हो चुका है। टनल खनन जनवरी, 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।
वर्तमान में टनल टी-14 में अंतिम लाइनिंग पूरी हो चुकी है और टनल टी-02, टी-05, टी-09, टी-10, टी-11 और टी-12 प्रगति पर है। अब तक कुल 5.34 किमी लाइनिंग का काम पूरा हो चुका है और यह सितंबर, 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। सभी खंडों में दिन-रातचौबीसों घंटेकाम किया जा रहा है। यह भारत में चल रही प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परियोजनाओं में से एक है और इस परियोजना के पूर्ण होने पर, पहली बार सिक्किम राज्य रेलवे से जुड़ जाएगा। इस रेल नेटवर्क के पूरा करने का उद्देश्य सिक्किम राज्य को वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करना है।