गुवाहाटी: वनबंधु परिषद, गुवाहाटी चैप्टर ने शिक्षक दिवस पर एकल विद्यालय के 28 आचार्यों को सम्मानित किया। वनबंधु परिषद के कोषाध्यक्ष विवेक जालान ने आचार्य सम्मान समारोह का दीप प्रज्ज्वलन के साथ विधिवत शुभारंभ कराया। श्रीहरि सत्संग समिति के अध्यक्ष अजीत कुमार जाना ने स्वागत संबोधन में कहा कि माता-पिता के बाद गुरू का ही श्रेष्ठ स्थान है। मानव निर्माण के कार्य में आचार्यों की बड़ी भूमिका है। वनबधु परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरूण कुमार बजाज ने शिक्षक दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए शिक्षकों के त्याग एवं समर्पण पर अपने उद्गार प्रस्तुत करते हुए कहा कि मानव निर्माण का कार्य शिक्षक ही करते हैं, आचार्य श्रृद्वा के पात्र हैं, शिक्षादान से बढ़कर कोई दान नही है।

चौदह अंचलों के तीन हजार से अधिक आचार्यों में से इन आचार्यों का चयन किया गया है, हम समझ सकते हैं कि आचार्य के रूप में इनकी भूमिका श्रेष्ठतम एवं निष्ठापूर्ण रही है। यहां उपस्थित सभी आचार्यगण शिवसागर, जोरहाट, माजुली, गोलाघाट, नगांव, तेजपुर, ईस्ट कार्बी आंग्लांग, वेस्ट कार्बी अंगलोंग, ग्वालपाड़ा, कोकराझार, बक्सा, उदालगुड़ी, ईस्ट अरुणाचल व वेस्ट अरुणाचल अंचलों से हैं। तदुपरान्त आचार्यों के सम्मान की प्रक्रिया चैप्टर के सचिव बाबूलाल नौलखा ने संपन्न करवायी। इस दौरान सभी आचार्यों को प्रशस्ति-पत्र एवं उपहार प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर श्रीहरि सत्संग समिति के संरक्षक सागरमल बुड़ाकिया, वनबंधु परिषद के उपाध्यक्ष अनूप बुड़ाकिया, नीरज चमडिय़ा, वरिष्ठ सदस्य अशोक कुमार अग्रवाल, बी. के. पोद्दार, बंदना बगडिय़ा, अरूण शर्मा, रंजना बजाज, राष्ट्रीय महिला समिति की कोषाध्यक्ष उमा देवड़ा, चेयरपर्सन ललिता जैन, संस्थापक अध्यक्षा सुशीला गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष रीता अग्रवाल, सदस्या जयंती जाना, इन्दिरा जिंदल सहित और भी कई सदस्याएं उपस्थित थी।