आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी से पार्टी को करारा झटका लगा है। दिल्ली में हुए शराब घोटाले के मामले में शामिल होने के आरोप में संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने आज बृहस्पतिवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया तथा दस दिनों की रिमांड देने का आग्रह किया। अदालत ने पांच दिनों का रिमांड देने का आदेश दिया है। संजय सिंह की गिरफ्तारी शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार मुख्य गवाह दिनेश अरोड़ा के बयान के आधार पर की गई है। ऐसा आरोप है कि संजय सिंह ने इस मामले में भारी रकम ली है। संजय की गिरफ्तारी के बाद सियासत गर्म हो गई है। आप के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली, पंजाब, मुंबई सहित देश के कई भागों में भारी प्रदर्शन किया है। इस मामले में अब सियासत भी शुरू हो गई है। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने इसके लिए मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार विपक्ष को दबाने के लिए ईडी तथा सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है।
आप के राजनीतिक सफर के 11 वर्षों के दौरान कुल 15 नेताओं को हिरासत में लिया गया है, जिनमें से 13 की गिरफ्तारी हो चुकी है। वर्तमान में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन तथा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में हैं। मनीष सिसोदिया को शराब नीति बनाने में धांधली करने के आरोप में पिछले 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से ही सिसोदिया जेल में हैं। उनकी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई है जिस पर कोर्ट आगामी 12 अक्तूबर को फिर सुनवाई करेगा। संजय सिंह की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी को करारा झटका लगा है, क्योंकि वे इंडिया गठबंधन के समन्वय समिति में आप की तरफ से सदस्य थे। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार शराब घोटाले की आंच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहंुच सकती है। मुख्यमंत्री आवास बनाने में हुई अनियमितता के मामले में पहले ही सीबीआई केजरीवाल के खिलाफ मामले की जांच कर रही है।
अगर अरविंद केजरीवाल इस मामले में फंसते हैं तो आप के लिए आगे की राह मुश्किल हो जाएगी। भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर राजनीति में आई आप को अपनी छवि बचानी मुश्किल हो जाएगी। लोकसभा चुनाव को लेकर आप की तैयारी पर भी असर पड़ सकता है। दिल्ली और पंजाब में लोकसभा की ज्यादा सीट हासिल करने के लिए आप कांग्रेस पर दबाव बना रही है। अगर मामला उलझता है तो आप के लिए परेशानी बढ़ सकती है। आप राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दूसरे दल को घेरना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि विपक्ष इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के साथ खड़ा दिख रहा है, किंतु सीट बंटवारे के वक्त इससे आप को नुकसान हो सकता है। कुल मिलाकर आगे का रास्ता आप के लिए आसान नहीं होगा।