चुनाव आयोग ने राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथियों की घोषणा कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज कहा कि पांचों राज्यों के 679 विधानसभा सीटों के लिए 16.14 करोड़ मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। मतदान 7 नवंबर से शुरू होगा तथा 30 नवंबर तक चलेगा। 3 दिसंबर को उपरोक्त पांचों राज्यों की मतगणना होगी। छत्तीसगढ़ को छोड़ बाकी चार राज्यों में एक चरण में मतदान होगा। छत्तीसगढ़ में 7 एवं 17 नवंबर को दो चरणों में तथा मिजोरम में 7 नवंबर को ही एक चरण में मतदान होगा। मध्यप्रदेश के 230 विधानसभा सीट के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के लिए 23 नवंबर को तथा 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा के लिए 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। इस बार के चुनाव में 18 से 19 वर्ष के बीच 60 लाख युवा मतदाता पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। इसका कारण यह है कि 28 विपक्षी पार्टियों ने इंडिया गठबंधन बनाकर भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को चुनौती दी है। इस बार के विधानसभा चुनाव में महिला आरक्षण कानून और जातीय जनगणना के मुद्दे बाकी मुद्दों पर भारी पड़ रहे हैं।
जहां भाजपा ने महिला आरक्षण कानून बनाकर देश की आधी आबादी को साधने का काम किया है, वहीं विपक्षी पार्टियां जातीय जनगणना को उछाल कर हिंदू खेमें में दरार पैदा कर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। बिहार सरकार ने जातीय जनगणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर चुनाव से पहले जो दांव खेला है उसका श्रेय दूसरी विपक्षी पार्टियां भी लेने में जुट गई हैं। कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में भी यह मुद्दा छाया रहा। बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा कि जिन-जिन राज्यों में उनकी सरकार आएगी वहां जातीय जनगणना होगा। राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश एवं कर्नाटक की कांग्रेस सरकारें इस दिशा में आगे बढ़ चुकी हैं। हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पार्टी का मनोबल निश्चित रूप से बढ़ा है। इंडिया गठबंधन बनने के बाद विपक्ष में एकजुटता भी आई है। विपक्ष की ओर से मिल रही चुनौती को देखते हुए नरेन्द्र मोदी सरकार ने भी अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया है। मध्यप्रदेश में भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों और कुछ सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में उतार दिया है। नरेन्द्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते एवं प्रह्लाद पटेल जैसे केंद्रीय मंत्री विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। राजस्थान में राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, नरेन्द्र कुमार, दीया कुमारी, किरोड़ी लाल मीणा सहित सात सांसदों को भाजपा ने विधानसभा का टिकट दिया है।
भाजपा हाईकमान ने राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में किसी भी नेता को मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं किया है। तेलंगाना एवं मिजोरम में भी यही स्थिति है। इन पांचों राज्यों में भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है। चुनावी घोषणा के बाद पार्टी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बुधनी एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को दतिया से टिकट दिया है। ऐसा लग रहा है कि भाजपा विधानसभा चुनाव के बाद स्थिति को देखकर मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का फैसला करेगी। इन पांचों राज्यों में से केवल मध्यप्रदेश में ही भाजपा का शासन है जबकि बाकी के चार राज्यों में से दो राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का शासन है। बाकी के दो राज्यों तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) तथा मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट का शासन है। इस चुनाव पर देश-विदेश की नजरें रहेंगी, क्योंकि इससे प्रधानमंत्री की लोकप्रियता जुड़ी हुई है।