भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले एवं आतंकी गतिविधियों में शामिल कुख्यात आतंकियों का सफाया हो रहा है। पिछले 48 घंटे के दौरान भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी शाहिद लतीफ एवं आईएसआई के एजेंट मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज की पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या कर दी गई। शाहिद लतीफ पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड बताया जाता है। वर्ष 2016 में हुए पठानकोट हमला में भारतीय सेना के सात जवान शहीद हुए थे। उसे आईएसआई से विशेष ट्रेनिंग मिली थी। लतीफ को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने सियालकोट प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी थी। आईएसआई एजेंट मुल्ला बाहौर को बलूचिस्तान में गोली मारी गई। होर्मुज पर आरोप है कि उसने ईरान से कुलभूषण जाधव को अगवा कर आईएसआई के हवाले कर दिया था। जाधव फिलहाल पाकिस्तान की जेल में बंद है। इससे पहले 20 फरवरी को बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज को रावलपिंडी में गोली मारी गई थी।
इम्तियाज केंद्र सरकार के आतंकियों की सूची में शामिल था। उसका काम पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराना था। पिछले माह लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हफीज सईद के करीबी अबु कासिम को रावलकोट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। खालिस्तान कमांडो फोर्स के खूंखार आतंकी परमजीत सिंह पंजवर की भी पाकिस्तान में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी तरह पाकिस्तान में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का टॉप आतंकी बशीर मीर उर्फ इम्तियाज आलम और जैश-ए-मोहम्मद का कुख्यात आतंकी जहूर मिस्त्री की भी हत्या हुई थी। जहूर मिस्त्री कंधार विमान अपहरण कांड में शामिल था। कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई थी।
इसके बाद कनाडा में ही खालिस्तानी आतंकी सुक्खा की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इन घटनाओं को लेकर भारत और कनाडा के बीच जबर्दस्त तनाव चल रहा है। इससे पहले ब्रिटेन में 15 जून को खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा की मौत हो गई थी। खांडा पर आरोप है कि उसने लंदन स्थित भारतीय दूतावास से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को उतार कर उसका अपमान किया था। निज्जर पर एनआईए ने दस लाख रुपए का ईनाम भी रखा था। ब्रिटेन और कनाडा सहित विदेशों में रहने वाले आतंकी अपने को महफूज मान रहे थे, लेकिन उनकी हत्या से यह साबित हो गया है कि वे दुनिया के किसी भी हिस्से में सुरक्षित नहीं हैं। पाकिस्तान पहले से ही आतंकियों का पनाहगार बना हुआ है। आईएसआई और दूसरी राष्ट्रविरोधी ताकतों के लिए यह बड़ा झटका है। भारत सरकार द्वारा आतंकियों के खिलाफ अपनाई जा रही नीति का ही परिणाम है कि आतंकी अपने ही गैंगवार के शिकार हो रहे हैं।