डॉ. हरिकृष्ण बड़ोदिया

देश की सबसे पुरानी तथाकथित धर्मनिरपेक्षता की  समर्थक कांग्रेस जब से सत्ता से बाहर हुई है तब से उसके बड़े नेताओं में घोर हताशा व्याप्त है। ऐसे में अधिकांश नेता हिंदुत्व, मोदी और भाजपा को लेकर अनावश्यक टिप्पणियां कर विवाद पैदा करते दिखाई देते रहे हैं। चाहे वे मणिशंकर अय्यर हों या कपिल सिब्बल, शशि थरूर हों या सलमान खुर्शीद, चिदंबरम हों या दिग्विजय सिंह, सब के सब हिंदुओं के विरुद्ध लगातार विवादित टिप्पणियां करते देखे जा सकते हैं। मणिशंकर अय्यर जैसे नामचीन कांग्रेसी नेता 2014 में यह कहते दिखे थे कि मोदी को चाय बेचनी हो तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी में स्टाल लगवा देंगे, तो पाकिस्तान जाकर पत्रकारों और टीवी एंकरों से मोदी को हटाने की गुहार करते देखे गए थे। यही नहीं अभी दो दिन पहले नेहरु जयंती के अवसर पर बोलते हुए उन्होंने मुगल सल्तनत की प्रशंसा में कसीदे पढ़कर हिंदूवादी संगठनों और भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को चिढ़ाने का न केवल काम किया, बल्कि उन्होंने कांग्रेस को अपने चिरपरिचित मुस्लिम तुष्टीकरण के तुरुप के इक्के पर दृढ़तापूर्वक खड़े रहने पर जोर दिया। एक दूसरे नेता रशीद अल्वी ने जयश्री राम कहने वालों को निशाचर कहकर अपनी भड़ास निकाली। वहीं  चिदंबरम, सुशील कुमार शिंदे और दिग्विजय सिंह जैसे नेता बार-बार भगवा आतंकवाद का राग अलापते नजर आते रहे हैं। अब सलमान खुर्शीद ने अपनी अभी-अभी प्रकाशित पुस्तक सनराइज ओवर अयोध्या के सैफरन स्काई वाले अध्याय में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम से करते हुए लिखा कि ‘साधु संतों के सनातन धर्म और प्राचीन हिंदू धर्म को हिंदुत्व के एक नए तरीके से किनारे लगाया जा रहा है जो कि इस्लामिक जिहादी संगठन बोको हरम और आईएसआईएस की तरह है’। ऐसा लगता है कि हिंदुओं को बदनाम करने और मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए ऐसी तुलना करना उनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। हिंदुत्व और हिंदू विचारधारा, सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया की है जिसकी उदारता वसुदेव कुटुंबकम तक विस्तारित है। ऐसे में  हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम से करना सलमान खुर्शीद की हिंदुओं के प्रति घृणा को प्रकट करता है।

इसमें कोई शक नहीं कि 2014 के बाद हिंदुओं में स्वाभिमान और हिंदू होने का गौरव बढ़ा है। यदि ऐसा नहीं होता तो विगत एक दशक में छद्म धर्मनिरपेक्षता का असली चेहरा सामने नहीं आता। सच्चाई तो यह है कि हिंदू वह कौम है जिसकी उदारता के चलते तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी उसे गालियां भी देते हैं तब भी वह सुनकर रह जाती है। यह जो तुलना सलमान खुर्शीद ने की है इसके उलट यदि वे मुस्लिम तबके के विरुद्ध घोर आपत्तिजनक कुछ कह जाते तो कोहराम मच जाता। दुनिया भर में बोको हरम और आईएसआईएस की नृशंसता किसी से छिपी नहीं है, लेकिन सलमान खुर्शीद इनके आतंक की तुलना शांतिप्रिय और सबके सुख की कामना करने वाले हिंदुत्व से कर अपनी दूषित सोच को उजागर करते हैं। उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि किसी हिंदू ने कब किसी की हत्या की, हत्या तो दूर की बात है आतंक के नाम पर कोई बयान भी दिया हो तो वे बताएं। हमेशा आतंक से प्रताड़ित हिंदुओं पर ऐसा घिनौना आरोप मढ़ना सलमान खुर्शीद के खाली दिमाग की उपज ही माना जाएगा। बोको हरम जो महिलाओं को अगवा कर दास बनाता है, जो निर्दोष नागरिकों की हत्या का दोषी हो, जिनकी आतंकी गतिविधियों से समूचा नाइजीरिया परेशान है, उस संगठन से हिंदुत्व की तुलना दूषित मानसिकता ही कही जाएगी। ऐसे लेखन के बाद यदि कोई दूसरा मुल्क होता तो सलमान खुर्शीद सलाखों के पीछे होते। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर हिंदुओं के विरुद्ध कुछ भी कहा या बोला या लिखा जाए आपत्तिजनक ही है और इसके लिए सलमान खुर्शीद को माफी मांगनी चाहिए।

कौन नहीं जानता कि आईएसआईएस दुनिया का सबसे खतरनाक और खूंखार आतंकी संगठन है जिसका उद्देश्य दुनिया में निजाम-ए-मुस्तफा का राज कायम करना है। इस आतंकी संगठन का उद्देश्य पूरी दुनिया का इस्लामीकरण करना है। ऐसी संगठन से हिंदुओं की तुलना किसी भी दशा में उचित नहीं कही जा सकती। हिंदुओं के संगठनों ने आज तक किसी को हिंदू धर्म अपनाने के लिए बाध्य नहीं किया। हथियार के बल पर धर्मांतरण नहीं करवाया और न इस हेतु किसी की हत्या की। हिंदुओं का सनातन धर्म अन्य धर्मों के लोगों के लिए सहिष्णुता के लिए जाना जाता है। भारत दुनिया का ऐसा देश है जहां के हिंदुओं ने दुनिया भर के अन्य धर्मों के लोगों को न केवल दिल से अपनाया, बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति में शामिल किया। जबकि कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए हमेशा हिंदुओं को गाली देने का काम किया। कौन नहीं जानता कि इनके नेताओं ने भगवान राम को काल्पनिक कहकर दुनिया भर में हिंदुओं को बदनाम किया। सब जानते हैं कि राहुल गांधी ने कहा था कि हिंदुओं का आतंक तालिबानी आतंक से ज्यादा खतरनाक है। इसके बावजूद भी देश के हिंदुओं ने सहन शक्ति का परिचय दिया।  यूपीए के दूसरे कार्यकाल में तो तत्कालीन सरकार के रसूखदार नेताओं और मंत्रियों ने हिंदुओं को जितनी मानसिक पीड़ा दी है उतनी तो अंग्रेजों ने भी शायद नहीं दी होगी, लेकिन फिर भी हिंदू शांत और सहिष्णु बना रहा।  हिंदुओं की सहिष्णुता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है उसने भगवान राम के मंदिर के लिए 500 सालों तक संघर्ष किया तब उसे जीत मिली। जबकि कांग्रेस यही चाहती थी कि विवाद कभी हल ही न हो। गंगा जमुनी तहजीब के नाम पर हिंदुओं का जितना शोषण अब तक हुआ है वैसा दुनिया के किसी देश में देखने को नहीं मिलेगा फिर भी वह शांति का पक्षधर रहा। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए अभी और कितना हिंदुओं को अपमानित किया जाएगा कहा नहीं जा सकता। दूसरी ओर सलमान खुर्शीद द्वारा हिंदुत्व की तुलना बोको हरम और आईएसआईएस से करने पर राहुल गांधी को पुरजोर तरीके से सलमान खुर्शीद की आलोचना करनी चाहिए थी, किंतु उन्होंने हिंदुत्व की परिभाषा कर खुर्शीद के लिखे को सही बता दिया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का हिंदुत्व भारत के सभी धर्म और खास तौर  से मुसलमानों में भी हिंदुत्व की कल्पना करता है, क्योंकि वह मानता है कि हमारे पूर्वज एक ही हैं। आश्चर्य है कि राहुल गांधी हिंदुत्व को कट्टरवादी सोच के साथ जोड़कर अल्पसंख्यकों को खुश करना चाह रहे हैं। यही काम सलमान खुर्शीद ने भी किया है, लेकिन यह एक कटु सत्य है कि प्रत्येक क्रिया की बराबर व विरुद्ध प्रतिक्रिया होती है और निश्चित ही खुर्शीद की हिंदुत्व की इस्लामी आतंकवाद से तुलना हो या राहुल गांधी का हिंदुत्व विरोधी बयान हो दोनों की प्रतिक्रिया चुनाव परिणामों में दिखेगी। 

रतलाम (मप्र)

मो : 9827387312