नई दिल्लीः पेट्रोल-डीजल के ऊंचे दामों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार रात में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि लोगों को अपने राज्य की सरकार से पूछना चाहिए कि उन्होंने पेट्रोल-डीजल की दरों में कटौती क्यों नहीं की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद राज्य सरकारों से भी वैट में कटौती की मांग की थी। अब यह लोगों को उन पार्टियों से पूछना चाहिए जिनको उन्होंने वोट दिया था। निर्मला सीतारमण ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों के साथ हुई एक बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि  पेट्रोल और डीजल को गुड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में तब तक शामिल नहीं किया जा सकता जब तक कि जीएसटी परिषद उन्हें शामिल करने के लिए दर तय नहीं करती। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी कम कर दी थी। केंद्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं लद्दाख ने अब तक राज्य द्वारा लगाए जाने वाले वैट में कटौती की है। वहीं पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों ने अभी तक वैट में कटौती नहीं की है। देश में पेट्रोल का बेस प्राइस तो अभी 47.93 रुपए के करीब ही है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लगने वाले टैक्स से इनकी कीमतें देश के हिस्सों में 115 रुपए के करीब पहुंच गई हैं। केंद्र सरकार 27.90 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं। इससे पेट्रोल का दाम बेस प्राइज से 2 गुना से भी ज्यादा हो जाता है। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल पर 51.89 और डीजल पर 34.48 रुपए से भी ज्यादा टैक्स वसूला जाता है।