पिछले पांच नवंबर को अमरीका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार कमला हैरिस को शिकस्त देकर जीत दर्ज की है। ट्रंप अब अमरीका के 47वें राष्ट्रपति होंगे। अमरीका के पचास प्रांतों में हुए मतदान में कुल 538 इलेक्टोरल वोट में से जीत के लिए 270 इलेक्टोरल वोट की जरूरत होती है। डोनाल्ड ट्रंप 270 का आंकड़ा पार कर चुके हैं। ऐसी स्थिति में उनकी जीत निश्चित हो गई है। ट्रंप के जीत में अमरीका के स्विंग स्टेट की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन के शासन में अमरीका में महंगाई चरम पर पहुंच गई है तथा देश की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। बाइडेन की विदेश नीति के कारण दुनिया में अमरीका की स्थिति कमजोर हुई है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी भाषण में महंगाई, अवैध आव्रजन, इजरायल-गाजा युद्ध रोकवाने सहित कई ऐसे वादे किए हैं जिससे अमरीका की जनता प्रभावित हुई है। ट्रंप ने टेक्स घटाने का भी वादा किया है। अमरीका में पहली बार कोई हारा हुआ राष्ट्रपति दोबारा चुनकर आया है। अमरीका के हिंदू मतदाताओं ने भी ट्रंप का पूरा समर्थन किया है। बांग्लादेश तथा कनाडा में हिंदुओं पर हुए हमले को ट्रंप ने अपने चुनावी भाषण में उठाया था तथा इसकी निंदी की थी। दूसरी तरफ कमला हैरिस ने इस मामले में अपनी जुबान बंद रखी थी। हांलाकि ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे किंतु अभी से ही कई तरह की अनुमान लगाए जा रहे हैं। सख्त एवं कड़े फैसले के लिए ट्रंप जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनका अच्छा संबंध रहा है। प्रधानमंत्री ने शुभकामना देते हुए ट्रंप को अपना मित्र बताया है। मोदी ने कहा है कि हम लोग मिलकर विश्व शांति के लिए काम करने को उत्सुक हंै। ट्रंप के लिए अच्छी बात यह है कि अमरीका के उच्च सदन सीनेट में चार साल बाद रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत मिल गया है। अमरीका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में भी रिपब्लिकन पार्टी को डेमोक्रेटिक पार्टी पर बढ़त मिल गई है। ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान मुद्दे को शानदार ढंग से उठाया। कमला हैरिस की हार के पीछे बाइडेन सरकार की विफलता तथा बढ़ती महंगाई का मुद्दा रहा है। कमला हैरिस को काफी देर से उम्मीदवार बनाया गया। ट्रंप की जीत निश्चित होने के बाद अभी से ही वर्ल्ड ऑर्डर बदलने की संभावना व्यक्त होने लगी है। ट्रंप की जीत के बाद ऐसा लग रहा है कि अमरीका का यूक्रेन-रूस युद्ध तथा इजरायल-हमास युद्ध से फोकस कम होगा। अमरीका इन दोनों युद्धों में यूक्रेन तथा इजरायल को जितनी सहायता दे रही थी शायद उसमें कमी आएगी। कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को अमरीका द्वारा परोक्ष रूप से जो समर्थन मिल रहा है उसमें कमी आ सकती है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत के शामिल होने का बार-बार आरोप लगाया जा रहा है। उम्मीद है कि ट्रंप के शासन आने के बाद स्थिति में बदलाव हो सकता है। बांग्लादेश हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मामले में अमरीकी नीति में परिवर्तन हो सकता है। ट्रंप बाइडेन के मुकाबले रूस के प्रति नरम रुख के लिए जाने जाते हैं। ऐसी स्थिति में रूस अमरीका में चल रही तनातनी में कमी आ सकती है। चीन के प्रति अमरीका रुख और सख्त हो सकता है। ट्रंप क्वार्ड को मजबूत बनाने के लिए मोदी के साथ मिलकर काम कर सकते हैं। कट्टरपंथी इस्लामिक तत्वों के खिलाफ ट्रंप का रुख हमेशा सख्त रहा है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान तथा बांग्लादेश से चल रही भारत विरोधी गतिविधियों को अंकुश लगाने में अमरीका सहायक हो सकता है। व्यापार के मामले में ट्रंप बाइडेन के मुकाबले ज्यादा मोल-भाव करने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत को फायदा होगा। खासकर विदेश नीति के मामले में दोनों देश और नजदीक आ सकते हैं। बाइडेन प्रशासन अब तक भारत के साथ दोहरी नीति अपनाता रहा है। अब देखना है कि ट्रंप का दूसरा कार्यकाल भारत के लिए कैसा रहता है?
अमरीका में ट्रंप कार्ड
