गुयाना की राजधानी जॉर्ज टाउन में भारत-कैरेबियाई शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें 8 कैरेबियाई देशों के प्रमुखों तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिस्सा लिया। 50 वर्षों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की गुयाना यात्रा थी। भारत ग्लोबल साउथ के देशों का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। विगुयाना की राजधानी जॉर्ज टाउन में भारत-कैरेबियाई शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें 8 कैरेबियाई देशों के प्रमुखों तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिस्सा लिया। 50 वर्षों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की गुयाना यात्रा थी। भारत ग्लोबल साउथ के देशों का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। विदेश मंत्री एस जयशंकर अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्मों से यह बात कह चुके हैं। कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी इसी रणनीति का एक हिस्सा है। इससे पहले भारत ने अपने यहां आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को जी-20 की सदस्यता दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। अमरीका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों के दबदबा वाले संगठन में ग्लोबल साउथ के देशों के हितों की अनदेखी होती रही है। ग्लोबल साउथ के देश चाहते हैं कि कोई मजबूत राष्ट्र उनका नेतृत्व करे। कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में गुयाना के प्रधानमंत्री डॉ. मुहम्मद इरफान अली के अलावा त्रिनाद और टोबैको के प्रधानमंत्री, सूरीनाम के राष्ट्रपति, डोमिनिका के प्रधानमंत्री, एंटीगुआ एवं बारमूडा के प्रधानमंत्री, सेंट लुसिया के प्रधानमंत्री ने इस सम्मेलन में शिरकत की। भारत का नेतृत्व पाकर कैरेबियाई देश के प्रमुख काफी खुश नजर आए। भारत ने कैरेबियाई देशों के साथ व्यापार बढ़ाने तथा उनकी समस्याओं को अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्मों पर उठाने का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री ने भारत में चल रहे यूपीआई सिस्टम को कैरेबियाई देशों में उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया। अभी भारत के अलावा सिंगापुर, फ्रांस, श्रीलंका, नेपाल, मॉरिशस तथा भूटान में यूपीआई सिस्टम प्रचलन में है। सम्मेलन के दौरान ड्रग्स की तस्करी रोकने, आर्थिक सहयोग सहित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। मोदी ने कैरेबियाई देशों के साथ संबंध और मजबूत करने के लिए 5टी का मंत्र दिया। उन्होंने ट्रेड, टेक्नोलॉजी, टूरिज्म, ट्रेडिशन एवं टेलेंट के क्षेत्र में बेहतर सहयोग का प्रस्ताव रखा। कैरेबियन देशों के साथ कृृषि, खाद्य सुरक्षा, विज्ञान, नवाचार आदि के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर भी विस्तार से चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने आठों कैरेबियाई देशों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक की तथा उनके साथ सहयोग बढ़ाने को लेकर कई समझौते पर हस्ताक्षर किये गए। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदारोधी बुनियादी ढांचे एवं वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में कैरेबियाई देशों को शामिल करने पर भी चर्चा हुई। गुयाना और डोमिनिका ने मोदी को अपने-अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। कोरोना काल में भारत ने वैक्सीन तथा अन्य जरुरत की चीजों से कैरेबियाई देशों की जो मदद की उसको आज भी वे लोग याद कर रहे हैं। अभी तक ग्लोबल साउथ के देशों में चीन का दबदबा रहा है। भारत अब उनकी समस्याओं को विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठा रहा है। यही कारण है कि ग्लोबल साउथ के देशों का भारत पर विश्वास बढ़ता जा रहा है। ब्राजील में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में भी भारत ने ग्लोबल साउथ के देशों की समस्याओं को प्रमुखता के साथ उठाया है। इससे पहले मोदी ने नाइजीरिया की यात्रा कर दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ किया है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की बढ़ती स्वीकार्यता यह दर्शाता है कि भारत का कद लगातार बढ़ता जा रहा है।