महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तथा उपचुनाव में मोदी का जलवा बरकरार रहा। महाराष्ट्र भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति तथा कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाआघाड़ी के बीच सीधा मुकाबला था। लोकसभा चुनाव के वक्त जिस तरह मतदान हुआ उसको देखकर ऐसा लगता था कि महाराष्ट्र में दोनों गठबंधनों के बीच कड़ी टक्कर होगी। लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद तस्वीर बिल्कुल बदल गई। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में महायुति को रिकॉर्ड 230 सीटों पर विजय मिली, जबकि महाआघाड़ी गठबंधन को 50 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी 132 सीटों पर विजय हासिल कर अपना वर्चस्व बरकरार रखा है, जबकि शिवसेना 57 तथा एनसीपी 41 सीट जीत कर यह साबित कर दिया कि उसका जलवा कायम है। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी तथा कांग्रेस को इस चुनाव में करारा झटका लगा है। कांग्रेस जहां पिछले चुनाव में 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी उसे केवल 16 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य समझे जाने वाले शरद पवार को करारा झटका लगा है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को भी अब अपना अस्तित्व बचाने की चुनौती है। महायुति को महाराष्ट्र में मिले प्रचंड बहुमत में मोदी मैजिक के साथ-साथ भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस की मेहनत भी काम आयी है। महाराष्ट्र में महायुति द्वारा शुरू की गई लड़की बहन योजना ने भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में काफी मदद की है। महाराष्ट्र का चुनाव परिणाम राष्ट्रीय राजनीति को काफी प्रभावित करेगा। महाराष्ट्र चुनाव के दम पर विपक्षी दल भाजपा को घेरने के लिए जो रणनीति बना रहे थे वह विफल रही है। भाजपा द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, लगाये गए नारे का असर महाराष्ट्र एवं उपचुनाव में पड़ा, किंतु झारखंड विधानसभा चुनाव में यह नारा बेअसर साबित हुआ। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 में से 56 सीटों पर विजय हासिल कर बहुमत का जादुई आंकड़ा पा लिया है। भाजपा ने अपना पिछला रिकॉर्ड बरकरार रखा है, किंतु सत्ता तक नहीं पहुंच सकी। उत्तर प्रदेश का उपचुनाव भी भाजपा तथा विपक्ष दोनों के लिए चुनौती बना हुआ था। यहां भी भाजपा गठबंधन ने नौ में सात सीटों पर जीत हासिल कर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को करारा झटका दिया है। इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को दो महत्वपूर्ण सीटों का नुकसान हुआ है। इसी तरह असम में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने राज्य की सभी पांचों सीटों पर परचम फहरा कर कांग्रेस को झटका दिया है। कांग्रेस के गढ़ सामागुड़ी को भी भाजपा ने उससे छीन लिया है। लेकिन पश्चिम बंगाल, कर्नाटक तथा पंजाब सत्ताधारी दलों के पक्ष में रहा। राजस्थान में भाजपा ने सात में से पांच सीटों पर विजय हासिल कर अपना दबदबा बरकरार रखा है। कुल मिलाकर उपचुनाव में भी भाजपा विपक्षी दलों पर हावी रही। जिन राज्यों में भाजपा को सफलता नहीं मिली है उन राज्यों में पहले से ही विपक्ष का दबदबा है।