भारत के दो पड़ोसी देशों पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। पाकिस्तान में जहां पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खां की जेल से रिहाई के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थक राजधानी इस्लामाबाद को घेरने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, वहीं बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का तांडव चल रहा है। दोनों जगहों पर सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। पीटीआई के समर्थक इमरान की पत्नी बुशरा बीबी के नेतृत्व में पिछले कई दिनों से इस्लामाबाद के बाहर डेरा डाल कर डी-चौक की तरफ आगे बढ़ने की कोशिश में हैं। मालूम हो कि डी-चौक में पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा सुप्रीम कोर्ट का कार्यालय है। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए सुरक्षा बलों ने पहले से ही इस्लामाबाद के चारों तरफ कंटेनर लगा रखा है, ताकि प्रदर्शनकारी भीतर नहीं घुस सके। पीटीआई समर्थकों ने एक जगह पर पाकिस्तानी पुलिस तथा रेंजर के दल पर गाड़ी चढ़ा दिया, जिससे सात सुरक्षा कर्मियों की मौत हो चुकी है। अब तो सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। सुरक्षा बलों को देखते ही गोली मारने का आदेश दे दिया गया है। पीटीआई के समर्थकों के बड़े प्रदर्शन ने शहबाज शरीफ सरकार तथा सेना को गंभीर चिंता में डाल दिया है। पीटीआई के नेताओं ने अपने आंदोलन को पाकिस्तान की आजादी की लड़ाई बताकर पूरी हवा देने की कोशिश की है। मालूम हो कि इमरान खां को तोशखाना मामले में गिरफ्तार किया गया है। पाकिस्तानी प्रशासन ने इमरान पर 150 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज किये हंै। पिछले फरवरी में हुए संसदीय चुनाव में इमरान की पार्टी के सदस्यों को सबसे ज्यादा 92 सीटों पर जीत मिली थी, किंतु पाकिस्तानी सेना ने नवाज शरीफ तथा बिलावल भुट्टो की पार्टी को सरकार बनाने के लिए मार्ग प्रशस्त किया। पाकिस्तानी सेना नहीं चाहती थी कि फिर से इमरान खां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने। जहां एक तरफ इस्लामाबाद में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान सीमा से सटे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के सीमावर्ती क्षेत्रों में हुई दो अलग-अलग घटनाओं में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले शुक्रवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने शिया समुदाय के लोगों को ले जा रही बस पर अंधाधुंध फायरिंक करके 47 लोगों को मौत को घाट उतार दिया। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) तथा बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) पहले से ही पाकिस्तान को नाक में दम कर रखा है। टीटीपी लगातार पाकिस्तान सेना तथा सुरक्षा बलों को निशाना बना रही है। वहीं बीएलए बलूचिस्तान प्रांत में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। पाकिस्तान अभी आतंकियों की फैक्ट्री बन चुका है। भारत को बर्बाद करने की मंशा को लेकर आतंकियों को पालने वाला पाकिस्तान आज खुद उसी के जाल में फंस गया है। आतंकवादी इतने मजबूत हो चुके हैं कि वे प्रशासन की कोई परवाह नहीं करते। भारत को अपने दोनों पड़ोसी देशों में होने वाली हिंसात्मक घटनाओं पर कड़ी नजर रखनी होगी तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ानी होगी।
इस्लामाबाद का घेराव
