नरेन्द्र मोदी सरकार के बजट में सभी वर्गों खासकर गरीब, युवा, किसान तथा महिलाओं पर विशेष रूप से फोकस किया गया है। इन चारों तबकों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई है। मोदी सरकार से मध्यम वर्ग सबसे नाराज चल रहा था। इस बार के बजट में 12 लाख सालाना आय तक के लोगों को आयकर से मुक्त कर दिया गया है। मानक कटौती को लेकर यह आंकड़ा 12 लाख 75 हजार तक पहुंच जाएगा। मोदी सरकार के इस फैसले से मध्यम वर्ग सबसे खुश है जो भाजपा का कोर वोटर भी है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी ब्याज पर 50 हजार की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख कर दिया गया है। किसानों के लिए योजनाओं की भरमार लगा दी गई है। धन-धान्य योजना के तहत क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले कर्ज की सीमा बढ़ाकर पांच लाख कर दी गई है। दाल-दलहन, कपास तथा मखाना आदि का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष पहल की गई है। उद्योग-धंधा बढ़ाने के क्षेत्र में भी बजट में काफी प्रावधान रखा गया है। स्टार्टअप के लिए कर्ज की अधिकतम सीमा 10 करोड़ से 20 करोड़ कर दी गई है। बुनकरों को भी राहत दी गई है। जीवनरक्षक दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाकर सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है। चमड़ा उद्योग पर विशेष फोकस किया गया है। उड़ान योजना के तहत नए जगहों को जोड़ने का प्रस्ताव है। जल-जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ा दिया गया है। भारत को दुनिया का खिलौना हब बनाने के लिए प्रावधान रखा गया है। इसके साथ ही भारत को फूड बास्केट के रूप में बनाने के लिए बजट में कई योजनाएं प्रस्तावित हैं। विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किये गए बजट का दिल्ली विधानसभा चुनाव पर भी काफी असर पड़ेगा। बजट का समय भी भाजपा को दिल्ली चुनाव में लाभ पहुंचायेगा। मालूम हो कि 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान होना है। हालांकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी, भाजपा तथा कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है, किंतु मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी तथा भाजपा के बीच ही है। मध्यम वर्ग तथा सर्विस सेक्टर में कार्यरत लोगों के लिए 12 लाख तक सालाना आय पर दी गई छूट निश्चित रूप से मतदाताओं के सिर चढ़कर बोलेगा। यही कारण है कि विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार के बजट का प्रभाव कम करने में लगी है। केंद्र सरकार के बजट में बिहार को भी काफी सौगात दी गई है। मालूम हो कि इसी वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने बिहार पर विशेष फोकस किया है। बजट का असर बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा। सब कुछ मतदाताओं के हाथ में है। दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा और आप दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। जहां आम आदमी पार्टी सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है, वहीं भाजपा आप को बेदखल करने के लिए अपनी रणनीति पर काम कर रही है।
बजट व दिल्ली विस चुनाव
