प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में अब तक लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर डुबकी लगा चुके हैं। अब तक तीन शाही स्नान भी हो चुके हैं। मौनी अमावस्या के दिन हुई दुखद घटना को छोड़कर महाकुंभ शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 फरवरी को महाकुंभ पहुंचेंगे तथा संगम तट पर डुबकी लगाएंगे तथा एक घंटे तक वहां के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक भी 4 फरवरी को महाकुंभ पहुंचे तथा वहां उन्होंने त्रिवेणी पर डुबकी लगाई एवं आरती में हिस्सा लिया। भूटान नरेश ने महाकुंभ के अवसर पर महाकुंभ में स्थापित डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र का भी अवलोकन किया। उन्होंने लेटे हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। महाकुंभ में श्रद्धालुओं का जनसैलाब यह दर्शाता है कि लोगों को अपने सनातन धर्म में कितनी आस्था है। त्रिवेणी पर भक्तों का उत्साह तथा हर हर गंगे एवं जय गंगा मैया के नारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो रहा है। महाकुंभ में भक्ति और आध्यात्म की छटा देखते ही बन रही है। सनातन धर्म का विराट स्वरूप महाकुंभ में देखने को मिल रहा है। जात-पांत से ऊपर उठकर श्रद्धालु संगम पर डुबकी लगाने के लिए बेताब हैं। ऐसी मान्यता है कि संगम पर डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। अखाड़ों की भव्य रथयात्रा देखते ही बन रही है। बसंत पंचमी के दिन 13 अखाड़ों के साधु-संत अपनी भव्य रथयात्रा के साथ पारंपरिक वेशभूषा में त्रिवेणी घाट पहुंचे तथा अमृत स्नान किया। मेला प्राधिकरण की तरफ से संगम घाट पर नगा साधु-संतों और आम श्रद्धालुओं के स्नान के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। हर किसी ने अमृत स्नान का अलौकिक आनंद लिया। मौनी अमावस्या के दिन हुई त्रासदी से सीख लेते हुए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की है। महाकुंभ में स्नान संबंधी व्यवस्था पर लगातार नजर रखी जा रही है। स्नान करने वालों में निरंजनी और आनंद अखाड़ा तथा जूना एवं आवाह्न अखाड़ा के साधु-संतों ने अमृत स्नान किया। मौनी अमावस्या की घटना को देखते हुए अनेक श्रद्धालुओं ने संगम तट पर जाने से परहेज किया। मालूम हो कि पिछले 13 जनवरी से चल रहे महाकुंभ का 26 फरवरी को समापन होगा। सरकार ने महाकुंभ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के आने का जो अनुमान लगाया था उससे ज्यादा श्रद्धालु अभी तक आ चुके हैं। इसका असर दिल्ली विधानसभा के चुनाव पर निश्चित रूप से पड़ेगा। विपक्ष के द्वारा जातिगत समीकरण साधने का चुनाव में जो प्रयास किया जा रहा है, उसका चुनाव में असर कम हो जाएगा। महाकुंभ की सफलता भाजपा के पक्ष में जा सकती है। भाजपा देश में ङ्क्षहदुओं को एकजुट करने का प्रयास कर रही है, ताकि विपक्ष का जातिगत फार्मूला कामयाब नहीं हो। महाकुंभ के साथ-साथ बजट में समाज के सभी तबकों खासकर मध्यम वर्ग को दी गई सौगात ने दिल्ली चुनाव में भाजपा को बढ़त दिला दी है। महाकुंभ एवं बजट प्रभाव बिहार विधानसभा के चुनाव पर भी निश्चित रूप से पड़ेगा। बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने बिहार में सौगातों की बौछार लगा दी है। इस बार के बजट में मुख्य रूप से बिहार पर फोकस किया गया है। साथ ही किसानों, गरीबों, युवाओं एवं महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। मोदी सरकार ने पिछली गलती से सबक लेते हुए इस बार मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। 12 लाख की सालाना आमदनी को आयकर मुक्त करना भाजपा का बड़ा ट्रंप कार्ड साबित होगा। कुल मिलाकर महाकुंभ नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा। सरकार को श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित करने के लिए बेहतर सुरक्षा-व्यवस्था करनी चाहिए।
महाकुंभ में आस्था का सैलाब
