प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन दिवसीय फ्रांस यात्रा के बाद दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए हैं। फ्रांस में कृृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी तथा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें आपसी संबंधों के साथ अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। बैठक के दौरान विकसित भारत के रोडमैप पर चर्चा हुई। मालूम हो कि प्रधानमंत्री ने भारत के वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है। आर्टिफिशियल लीजेंस के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और फ्रांस ने एक रोडमैप तैयार किया है, ताकि इसे सुरक्षित, संरक्षित एवं भरोसेमंद बनाया जा सके। प्रधानमंत्री ने एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करते हुए कहा है कि एआई के रचनात्मक इस्तेमाल के लिए वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए ग्लोबल साउथ के हितों के समावेशन पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने एआई फाउंडेशन और सतत एआई के लिए परिषद स्थापित करने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने ये भी कहा कि ग्लोबल साउथ और इसकी प्राथमिकताओं और चिंताओं को समावेशी बनाने की जरूरत है। एआई इन सभी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है। मोदी ने कहा कि नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक कल्याण के लिए इसके इस्तेमाल पर गौर करने की जरूरत है। मालूम हो कि एआई को लेकर पूरी दुनिया में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ मची हुई है। सभी देश एआई के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कदम उठा रहे हैं। भारत और फ्रांस के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है। रूस और इजरायल की तरह फ्रांस भारत का भरोसेमंद दोस्त रहा है जो मुसीबत में कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है। दोनों देश न्याय संगत एवं शांतिपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने, वैश्विक चुनौतियों के समाधान एवं आर्थिक क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करने तथा भारत को स्थायी सदस्यता देने का समर्थन किया है। दोनों देशों के बीच पश्चिम एशिया तथा यूक्रेन में चल रहे युद्ध तथा सीमा पार आतंकवाद के सभी प्रारूपों को खत्म करने पर सहमति बनी है। दोनों देशों का मत है कि आतंकवादी कृत्यों को होने वाली फंडिंग बंद होनी चाहिए। जो देश इस तरह के कार्य में शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी तथा फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने मार्सिले में दूसरा दूतावास खोला है। पिछले जनवरी 2024 में फ्रांस के राष्ट्रपति भारत आये थे। वर्ष 2026 में नई दिल्ली में भारत-फ्रांस नवाचार का आयोजन होने वाला है, जिसके लिए लोगो लांच किया गया है। रक्षा के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच पहले से ही कई समझौते हो चुके हैं। भारत ने फ्रांस से अपनी वायु सेना के लिए 36 राफेल खरीदे हैं। मोदी की वर्तमान फ्रांस यात्रा के दौरान नौसेना के लिए न्यूक्लीयर एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए चर्चा हुई है। अगले कुछ महीनों में इस पर सहमति बन जाने की उम्मीद है। अगर इस बारे में समझौता हो जाता है तो भारत की नौसेना काफी मजबूत हो जाएगी। इसके अलावा युद्धक विमान के बारे में भी दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। फ्रांस रूस की तरह भारत का भरोसेमंद दोस्त है जो मुसीबत के वक्त बिना शर्त सहयोग करता रहा है। अमरीका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद फ्रांस को भारत के सहयोग की जरूरत है, क्योंकि ट्रंप के रवैये से फ्रांस सहित पूरा यूरोप चिंतित है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन की सुरक्षा दोनों देशों की प्राथमिकताओं में शामिल है। भारत और फ्रांस के नजदीक आने से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत होगी। प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा से रणनीतिक साझेदारी को भी नया आयाम मिलेगा।
प्रगाढ़ होते भारत-फ्रांस संबंध
