यह अपेक्षित ही था कि अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की ओर हाथ बढ़ाएंगे और यूरोप, खासकर उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) को लेकर उनका रुख नकारात्मक रहेगा, परंतु ट्रंप ने जितनी तेजी से यूक्रेन पर रूसी हमले (24 फरवरी, 2022 को शुरू) की पटकथा बदली है, उसने सभी को ऐसी स्थिति में डाल दिया है कि वे प्रतिक्रिया ही नहीं दे पा रहे हैं। यह अब तक इस बात का सबसे मजबूत संकेत है कि अमरीकी राष्ट्रपति यूरोप, नाटो और रूस के साथ अपने रिश्तों को नए सिरे से संतुलित करना चाहते हैं। इसके साथ ही 75 साल पुराने आधार का अंत हो जाएगा। सऊदी अरब में ट्रंप और पुतिन प्रशासन के बीच यूक्रेन के विरुद्ध जंग समाप्त करने को लेकर होने वाली चर्चा से यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल को बाहर रखना इस बात का प्रतीक है कि अमरीका अपनी रीति-नीति बदल रहा है। दूसरी ओर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने शनिवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का लंदन में गर्मजोशी से स्वागत किया। रविवार को लंदन में शिखर सम्मेलन के लिए लंदन पहुंचे जेलेंस्की के स्वागत में स्टार्मर ने कहा कि हमें अपने सहयोगियों के साथ मिलकर यूरोप की सुरक्षा सुनिश्चित करने की तैयारियों को और तेज करना होगा। साथ ही अमरीका के साथ भी इस पर बातचीत जारी रखनी होगी। शनिवार को ब्रिटेन और यूक्रेन ने 2.84 अरब डॉलर की ऋण सहायता की घोषणा की, जो यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए दी जा रही है।  इस राशि की भरपाई रूस की जब्त संपत्तियों से होने वाले मुनाफे से की जाएगी। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि यह सच्चा न्याय है जिसने युद्ध शुरू किया, उसे ही इसकी कीमत चुकानी होगी। लंदन पहुंचने पर जेलेंस्की का स्टार्मर ने डाउनिंग स्ट्रीट में गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने तस्वीरें खिंचवाईं और फिर बातचीत के लिए अंदर गए। स्टार्मर ने कहा कि डाउनिंग स्ट्रीट में आपका हार्दिक स्वागत है। इसके जवाब में जेलेंस्की ने कहा कि मैं ब्रिटिश जनता और सरकार का इस युद्ध के पहले दिन से मिले समर्थन के लिए धन्यवाद करता हूं। अमरीका से लौट कर वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर से लंदन में मुलाकात की। यूक्रेन की जंग अब सिर्फ युद्ध के मैदान तक सीमित नहीं है, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी बड़ी हलचल मची हुई है। अमरीका और यूक्रेन  के रिश्ते सबसे ऐतिहासिक रूप से तनावपूर्ण हो चुके हैं। 27 फरवरी को अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच सार्वजनिक रूप से तीखी बहस हो गई थी, जिसमें ट्रंप ने जेलेंस्की को अशिष्ट कहा और धमकी दी कि अगर वह समझौता नहीं करते हैं तो अमरीका अपनी आर्थिक और सैन्य सहायता रोक सकता है। बहस के बाद ट्रंप ने बातचीत को बीच में ही रोक दिया था और जेलेंस्की को व्हाइट हाउस से जाना पड़ा। इस घटना ने यूक्रेन के भीतर और यूरोप में हलचल मचा दी है। यूक्रेनी सेना के जवानों में इस बात को लेकर गुस्सा और हताशा है कि जिस अमरीका ने अब तक मदद दी, वही अब पीछे हट सकता है।  डॉनल्ड ट्रंप के इस बयान ने यूरोपीय देशों में भी हलचल मचा दी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टारमर ने लंदन में जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान उन्हें गले लगाया और आश्वासन दिया कि ब्रिटेन आपके साथ मजबूती से खड़ा है। हम आपको अकेला नहीं छोड़ेंगे,चाहे इसमें कितना भी वक्त लगे।  फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने यूरोप के लिए न्यूक्लियर शील्ड की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम अमरीका पर निर्भर रहना बंद करें। अगर रूस यूक्रेन पर जीत दर्ज करता है, तो अगला निशाना यूरोप होगा। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि जब से ट्रंप दूसरी बार अमरीका के राष्ट्रपति बने हैं तब से पूरी दुनिया की राजनीति प्रभावित हो रही है, वैसे में रूस और यूक्रेन कैसे वंचित रह सकते थे,परंतु ट्रंप की वर्तमान गतिविधियां उनकी सनक को प्रदर्शित करते हैं, जिसने पूरे विश्व समुदाय को चिंतित कर दिया है।