अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमरीकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलकर गल्फ ऑफ अमरीका कर दिया। डोनाल्ड ट्रंप को अभी अमरीका की सत्ता संभाले हुए सिर्फ 44 दिन ही हुए हैं और उन्होंने कई सनसनीखेज फैसले किए हैं। डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों ने पूरी दुनिया में हलचल मचा रखी है। हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे ही बोलना शुरू किया,उसके कुछ ही देर बाद डेमोक्रेटिक सांसदों ने उन्हें बीच में रोक दिया,जिसके कारण स्पीकर माइक जॉनसन ने उन्हें चेतावनी दी और फिर उन्होंने हाउस सार्जेंट को आदेश दिया कि वे राष्ट्रपति के भाषण में बाधा डालने के लिए टेक्सास के डेमोक्रेटिक सांसद अल ग्रीन को बाहर निकाल दें। जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए एलन मस्क और नव-निर्मित सरकारी दक्षता विभाग की सराहना की। अपने संबोधन के दौरान अमरीकी राष्ट्रपति ने मेक्सिको और कनाडा के साथ अमरीका के व्यापार घाटे की निंदा की। उन्होंने कहा कि हम कनाडा और मेक्सिको को सैकड़ों अरब डॉलर की सब्सिडी देते हैं और अमरीका अब ऐसा नहीं करेगा। व्यापार घाटे का मतलब है कि किसी देश को किसी निश्चित देश में निर्यात की तुलना में ज्यादा आयात प्राप्त होता है। अमरीका दुनिया का सबसे बड़ा देश है जिसके पास खरीदने की शक्ति ज्यादा है, जिसके कारण उसका कई देशों के साथ व्यापार घाटा होता है। भारत के साथ भी अमरीका का व्यापार घाटा है, जिस पर डोनाल्ड ट्रंप भारत की आलोचना कर चुके हैं। संसद को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दूसरे देशों पर जो टैरिफ लगाए हैं,वो विदेशी कंपनियों को अमरीका में सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस को चिप्स और विज्ञान अधिनियम को वापस लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह कानून बाइडेन प्रशासन की आर्थिक नीति की एक पहचान थी और उनके प्रशासन ने अमरीका में सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए 50 बिलियन डॉलर से ज्यादा की सब्सिडी प्रदान की थी। यह कोशिश अमरीका में चिप्स के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक विशाल कोशिश का हिस्सा है, जिसका सीधा मकसद चीन को काउंटर करना है, जो चिप्स उत्पादन में अमरीका के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। इसके अलावा डर ये है कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो वो चिप्स की ग्लोबल सप्लाई चेन को रोक सकता है। दुनिया में सबसे ज्यादा चिप्स का निर्माण ताइवान में होता है। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से अमरीकी संसद में ऐलान किया कि वो दुनियाभर के अवैध अप्रवासियों को देश से बाहर निकाल कर ही दम लेंगे। उन्होंने बाइडेन की सीमा नीतियों की जमकर आलोचना की। उन्होंने अमरीकी संसद को बताया कि दुनियाभर से हत्यारे, लुटेरे, मानव तस्कर, गिरोह के सदस्य और अन्य अपराधी खुली सीमा से अमरीका में दाखिल होते हैं और यहां अपराध को बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन हम उन्हें बाहर निकाल रहे हैं और उन्हें तेजी से बाहर निकाल रहे हैं। इसके अलावा अमरीकी राष्ट्रपति ने निर्वासन बढ़ाने की अपनी कोशिशों के बारे में बात करते हुए अमानवीय भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि देश में कुछ जगहें अप्रवासियों के कब्जे में हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि मैंने अपने उद्घाटन भाषण में वादा किया था हम अमरीका की महान मुक्ति हासिल कर रहे हैं। ट्रंप ने एक अच्छी बात यह कही कि हमारा मानना है कि चाहे आप डॉक्टर हों,अकाउंटेंट हों, वकील हों या एयर ट्रैफिक कंट्रोलर हों,आपको कौशल और योग्यता के आधार पर नियुक्त किया जाना चाहिए, न कि नस्ल या लिंग के आधार पर। सुप्रीम कोर्ट ने एक साहसी और बहुत शक्तिशाली निर्णय में हमें ऐसा करने की अनुमति दी है। मैंने एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे यह अमरीकी सरकार की आधिकारिक नीति बन गई है कि केवल दो लिंग हैं, पुरुष और महिला। उन्होंने कहा कि मैंने जलयावु परिवर्तन घोटाला, पेरिस जलवायु समझौता, भ्रष्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन को समाप्त कर दिया है। कुल मिलाकर ट्रंप का भाषण विवादास्पद के साथ-साथ साहसिक भी था।
ट्रंप की घोषणा
