बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के उग्रवादियों ने पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान के प्रांत में एक रेलगाड़ी को अपहृत कर लिया जिसमें लगभग 400 यात्री थे। बीएलए के आतंकियों ने क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को विस्फोट का इस्तेमाल कर बेपटरी कर दिया। अभी तक 190 यात्रियों को बचाया गया हैं। पाकिस्तानी सेना के साथ हुए मुठभेड़ में 30 उग्रवादियों की मारे जाने की खबर है। इस दौरान ट्रेन के ड्राइवर सहित 9 सुरक्षा बलों के मारे जाने की खबर है। हालांकि बचकर निकले यात्रियों का कहना है कि उग्रवादियों ने बुजुर्गों, महिलाओं तथा बच्चों को जाने दिया है। अभी भी 182 यात्री फंसे हुए हैं, जिसमें अधिकांश पाकिस्तानी सेना के जवान तथा सरकारी मुलाजिम हैं। बीएलए की मांग है कि पाकिस्तान के जेल में बंद बलूच कार्यकताओं, राजनैतिक बंदियों, गायब लोगों और अलगाववादी नेताओं को बिना शर्त रिहा किया जाए। बीएलए ने क्वेटा से 160 किलोमीटर दूर एक सुरंग में ट्रेन को रोका गया है। इस जगह सुरक्षाबलों को अपना ऑपरेशन चलाने में परेशानी हो रही है। आतंकियों ने धमकी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो बचे सभी बंधकों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। बीएलए तथा पाकिस्तानी पुलिस तथा सेना के बीच संघर्ष की कई नई खबर नहीं है। बीएलए बलूचिस्तान को स्वतंत्र घोषित करने की मांग करता रहा है। उसका आरोप है कि पाकिस्तानी सरकार तथा वहां की सेना बलूचिस्तान का शोषण कर रही है। बलूच लोगों की आवाज दबाने के लिए वहां की सेना लगातार अत्याचार कर रही है। निर्दोष लोगों को अगवा कर वहां की सेना मौत की घाट उतार रही है। बलूचिस्तान खनिज संपदा से भरा हुआ है, लेकिन वहां की जनता को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। पाकिस्तान की सरकार बलूचिस्तान को चीन को सौंप कर उसका दोहन करने में लगी है। चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सी-पैक) बलूचिस्तान से होकर गुजार रहा है। ग्वादर बंदरगाह भी बलूचिस्तान प्रांत में ही है। बीएलए बलूचिस्तान में सी-पैक बंद करने की मांग कर रहा है। पिछले कई वर्षों से बीएलए उग्रवादियों ने पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के साथ-साथ चीनी नागिरकों पर भी हमले किए हैं। इस कारण सी-पैक का काम बंद पड़ा है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है। क्षेत्रफल की दृष्टि से बलूचिस्तान पाकिस्तान का 44 प्रतिशत हिस्सा है। बलूचिस्तान पहले पाकिस्तान का हिस्सा नहीं था किंतु बाद में पाकिस्तान ने इस पर कब्जा कर लिया। पाकिस्तान की सरकार आरोप लगाते रही है कि बलूच उग्रवादियों को भारत से समर्थन मिलता रहा है। पाकिस्तान खुद एक ऐसा देश है जो आतंकियों का पालन-पोषण करता है। वहां की सरकार आतंकवाद को भारत के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करती है। आज वही आतंकी पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बने हुए है। दुनिया के कई देश समय-समय पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कठखड़े में खड़ा करते रहे हैं। पाकिस्तान सरकार भारत में गड़बड़ी फैलाने के लिए आतंकियों का इस्तेमाल करती रही है। बलूचिस्तान में लगातार हो रहे शोषण से नाराज वहां की जनता तथा आंतकी संगठनों ने अपनी लड़ाई तेज कर दी है। आर्थिक संकट जूझ रहे पाकिस्तान के लिए दोहरी चुनौती पैदा हो गई है। एक तरफ उसे अपनी आर्थिक  स्थिति को सुधारने के लिए दुनिया के दूसरे देशों के सामने हाथ फैलाना पड़ा रहा है दूसरी तरफ उसे अपने घर में शुरू हुए गृहयुद्ध से निपटनी की चुनौती है। पाकिस्तान में पहले बार ट्रेन हाईजैक की घटना हुई है। बीएलए उग्रवादियों ने ट्रेन हाईजैक कर दुनिया का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर खींचने का प्रयास किया है। सभी बंधकों की रिहाई पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। दुनिया में पाकिस्तान का नाम बदनाम हो रहा है। यही कारण है कि भारत की क्रिकेट टीम ने चैंपियन ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान में सबसे ज्यादा खतरा भारतीयों को है। भारत सरकार को पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे कार्य को अंतराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करना चाहिए। हाल के वर्ष में भारत में यह काम बखूबी किया है। ट्रेन हाईजैक की घटना से पाकिस्तान को सबक लेना चाहिए किंतु वहां की सेना तथा आईएसआई शायद ही इसके लिए तैयार हो।