कानपुर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में लागू की जा रही नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमता विकसित होगी तथा भारतीय भाषाओं की ताकत और बढ़ेगी। राष्ट्रपति ने यहां हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह मेंकहा, नई शिक्षा नीति द्वारा ऐसी उच्चतर शिक्षा की व्यवस्था की जानी है जो परंपरा से पोषण प्राप्त करती हो और अपने दृष्टिकोण में आधुनिक एवं भविष्योन्मुख भी हो। नई शिक्षा नीति में त्रिभाषा सूत्र की संस्तुति की गई है। इससे विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमता विकसित होगी तथा भारतीय भाषाओं की ताकत और बढ़ेगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सोच के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शिक्षा तथा शोध को भारतीय भाषाओं से जोड़ने की संस्तुति की गयी है। मुझे विश्वास है कि आप सब इस शिक्षा नीति के सभी प्रमुख आयामों को लागू करेंगे तथा भारत को ‘नॉलेज सुपर पावर’ बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आज भी बेटियों की भागीदारी संतोषजनक नहीं है। मुझे बताया गया है कि हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी में भी पीएच. डी. में तो छात्र-छात्रा अनुपात लगभग बराबर है लेकिन बी. टेक. और एम. टेक. में छात्राओं की संख्या छात्रों की अपेक्षाकृत कम है। आज समय की जरूरत है कि बेटियों को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।