लंबे इंतजार के बाद नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच बिलमोर नौ महीने अंतरिक्ष में रहने के बाद बुधवार को तड़के पृथ्वी पर लौट आए। अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेसएक्स यान के अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से प्रस्थान करने के कुछ ही घंटे बाद इसे फ्लोरिडा पेनहैंडल के तेलाहासे जल क्षेत्र में उतारा गया। चिकित्सा जांच के लिए सभी अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाया गया। मालूम हो कि पिछले 5 जून 2024 को दोनों अंतरिक्ष यात्री बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू यान में सवार होकर अंतरिक्ष में गए थे। उन दोनों के एक सप्ताह बाद ही लौटने की उम्मीद थी, किंतु अंतरिक्ष स्टेशन के रास्ते में समस्या पैदा होने के कारण नासा के स्टार लाइनर को खाली वापस लौटना पड़ा। तमाम पेचिदगियों के कारण उनके लौटने में बाधा उपस्थित हो रही थी। अंतत: स्पेसएक्स यान के पहुंचने के साथ ही दोनों के पृथ्वी पर आने का मार्ग प्रशस्त हो गया। दोनों अंतरिक्ष यात्री 286 दिन यानी लगभग नौ महीने अंतरिक्ष में रहे तथा 4575 बार पृथ्वी की परिक्रमा में हिस्सा लिया। दोनों ही यात्री 12 करोड़ 10 लाख मील की यात्रा तय कर यहां पहुंचे हैं। इन दोनों के साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग तथा रूस के अंतरिक्ष यात्री एलेक्जेंडर गोरबुनोव के साथ वापस लौटे हैं। अंतरिक्ष के इतिहास में कोई भी अंतरिक्ष यात्री इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में नहीं रहा तथा यह मिशन सबसे लंबा मिशन रहा। सुनीता ने अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा चहलकदमी की जिसमें उसको 62 घंटे लगे। सुनीता विलियम्स की वापसी अमरीका के साथ-साथ भारत के लिए भी बड़ी खुशखबरी रही। सुनीता भले ही अमरीकी नागरिक है किंतु उसके माता-पिता भारत के गुजरात राज्य से हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिट्ठी लिखकर सुनीता की सकुशल वापसी के लिए धन्यवाद दिया है। साथ ही कहा है कि भारत की इस बेटी की कामयाबी से पूरा भारत गौरवान्वित है। मोदी ने अपने लिखे पत्र में सुनीता को भारत आने का निमंत्रण भी दे दिया है। मोदी ने कहा है कि आपके आने से यहां के युवाओं को एक प्रेरणा मिलेगी। मोदी द्वारा लिखे गए पत्र से कई तरह के मायने लगाए जा रहे हैं। मोदी ने यह अमरीका को दर्शा दिया है कि भारतीय मूल के नागरिकों का अमरीका के विकास में कितना योगदान है। गुजरात में लोगों ने सुनीता की सकुशल वापसी के बाद जश्न मनाया तथा मिठाइयां बांटी। मोदी ने कहा कि आप हमारे दिल में हैं आर भारत के लोग आपके लिए दुआ कर रहे थे। अमरीका में कई ऐसे नागरिक हैं जो ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं किंतु उनका जुड़ाव भारत से भी है। कई लोगों को सुनीता की वापसी पर संदेह था। कल्पना चावला के बाद सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में जाने वाली दूसरी महिला यात्री है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमरीकी अंतरिक्ष संगठन नासा तथा भारतीय अंतरिक्ष संगठन इसरो के बीच मिलकर काम करने के लिए कई समझौते भी हुए हैं। दोनों ही संगठन मिलकर आगे काम कर रहे हैं। भारत का इसरो लगातार कामयाबी के नए शिखर पर पहुंच रहा है। कम लागत पर इसरो दूसरे देशों के उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेज रहा है। यही कारण है कि अब दुनिया के देश अमरीका तथा पश्चिमी देशों को छोड़कर इसरो से अपनी सेवाएं ले रहे हैं। सुनीता तथा दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर सामान्य जीवन शुरू करने में वक्त लगेगा, क्योंकि 9 महीने तक अंतरिक्ष में रहने के कारण उनकी दिनचर्या अलग हो गई है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी सुनीता की सकुशल वापसी पर खुशी जाहिर की है। पिछले कई महीनों से सुनीता की वापसी को लेकर खबरें चल रही थीं, किंतु बार-बार उसमें व्यवधान पड़ रहा था। लेकिन अमरीका के बड़े उद्योगपति एलन मस्क ने यह काम पूरा किया है। उन्हीं के स्पेसएक्स यान की बदौलत यह काम पूरा हो पाया है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में एलन मस्क को प्रशासनिक सुधार करने तथा सरकारी खर्च में कटौती करने का बड़ा जिम्मा सौंपा गया है। कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही मस्क ने इस दिशा में पहल भी शुरू कर दी है। ट्रंप के चुनाव प्रचार के दौरान भी एलन मस्क हर मौके पर उनके साथ रहे। नासा की कामयाबी में एलन मस्क का बड़ा सहयोग रहा है।
सुनीता विलियम्स की वापसी
