पूर्वांचल प्रहरी संवाददाता गुवाहाटी : राज्य में प्रश्नपत्र लीक होने के कारण उच्चतर माध्यमिक के पहला वर्ष की परीक्षा रद्द कर दिए जाने की घटना पर विभिन्न दल-संगठनों ने चिंता जताई है। अखिल असम छात्र संघ, कृृषक मुक्ति संग्राम समिति, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अन्य दल-संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सभी दलों और संगठनों ने एक स्वर में शिक्षा विभाग की विफलता और अक्षमता की निंदा की और शिक्षा विभाग को चेतावनी दी कि वह छात्रों के जीवन से खिलवाड़ न करे। शिक्षा मंत्री डॉ. रनोद पेगू के इस्तीफे की मांग कर रहा है, जबकि अखिल असम छात्र संघ ने बोर्ड को राजनीति से मुक्त रखने की मांग की। नवगठित राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड के नीति-नियमों को दर किनार कर 18 शिक्षण संस्थानों ने पहले ही गणित विषय के प्रश्नपत्र की पैकेट की सील खोल ली थी। बोर्ड के नियमों की अनदेखी कर परीक्षा के दौरान गणित के प्रश्नपत्रों की सील खोलने वाले 18 स्कूलों पर भरोसा कैसे कर सकते हैं कि उन्होंने पिछले सभी विषयों के प्रश्नपत्रों की सील नहीं खोली थी। वहीं 17 मार्च को हुई परिवेश विज्ञान का प्रश्न पत्र भी परीक्षा से पहले मोबाइल फोन पर वायलर हो चुका था। बोर्ड ने शनिवार को स्कूल निरीक्षकों और जिला लीड कॉलेजों की जांच के आधार पर निर्देश जारी करते हुए 24 से 29 मार्च तक होने वाली सभी शेष विषयों की परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की। हालांकि, बोर्ड ने आगामी सोमवार को एक बैठक बुलाई है। बैठक में प्रश्नपत्र लीक होने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी तथा शेष विषयों की परीक्षा आयोजित करने की तिथि और समय पर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन अब बोर्ड के सामने एक और नई चुनौती है। ऐसा इसलिए क्योंकि न केवल लीक हुए गणित और अर्थशास्त्र विषय बल्कि 24-29 मार्च के शेड्यूल के तहत कुछ विषयों की परीक्षाएं भी अब पूरी तरह से नए सिरे से आयोजित करने की जरूरत है। बोर्ड के पास पूरी परीक्षा रद्द करने और इसे दोबारा आयोजित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हालांकि, बहाग बिहू और पंचायत चुनावों के मद्देनजर अब बोर्ड और शिक्षा विभाग के सामने चुनौती यह है कि ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षाएं कैसे आयोजित की जाए। धुबड़ी के लक्ष्मीगंज हायर सेकेंडरी स्कूल, गुवाहाटी के आर्य विद्यापीठ हायर सेकेंडरी स्कूल और कामरूप के रंगिया गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। इतनी बड़ी घटना के बाद शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगु ने बोर्ड को क्लिनचीट देते हुए कहा कि जब रक्षक ही भक्षक होंगे, तो क्या किया जाएगा। हम विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका पर भरोसा कर परीक्षा आयोजित करते हैं। दसवीं और बारहवीं कक्षा के प्रश्न पत्र थाने में रखे जाते हंै, परंतु ग्यारहवीं कक्षा के प्रश्न पत्र स्कूल-कॉलेजं में ही रखे जाते है। परीक्षा होने वाले दिन से पहले प्रश्न पत्र की सील खोलना नीति के विरोध है। बोर्ड भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए सख्त कदम उठाएगा। यह बोर्ड की गलती नहीं है बोर्ड से प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ है स्कूल से प्रश्नपत्र लीक हुआ। उन्होंने कहा कि बोर्ड को ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
ग्यारहवीं की परीक्षा रद्द होने के बाद शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग बढ़ी
