नई दिल्लीः 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार की मंशा बता दी है। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी दशा में लीगल टेंडर नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि लेनदेन में इस करेंसी का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। वित्त सचिव के अनुसार, संसद में क्रिप्टो बिल पेश करने से पहले काफी अध्ययन किया जा रहा है। बावजूद इसके मैं स्पष्ट तौर पर कह सकता हूं कि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी तरह से लीगल टेंडर नहीं होगी। देश में सोना भी लीगल टेंडर नहीं है न ही चांदी या शराब को लीगल टेंडर माना गया है। इससे ज्यादा मैं अभीकुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं। फिलहाल बिल का मसौदा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने संकेत दिया कि नए बिल में प्रतिबंधित जैसे शब्द को हटा दिया गया है, लेकिन इसका मकसद अब भी इस्तेमाल को बैन करना ही है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अलग-अलग राज्यों के अपने मत हैं। न्यूयॉकल में 2016 से बिटलाइसेंस के जरिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदना, बेचना या जमा करना वैध है। अभी पूर्ण मान्यता नहीं मिली है, लेकिन बैंकों में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के लिए गाइडलाइन बनाने पर मंथन चल रहा है। शुरुआत में क्रिप्टोकरेंसी का स्वागत किया, लेकिन जून 2021 में इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। यहां तक कि खरीद-फरोख्त या ट्रेडिंग करने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी और चीन में काम करने वाले विदेशी एक्सचेंजों पर भी बैन लगा दिया। इस कदम से 40 फीसदी क्रिप्टोकरेंसी डूब गई। चीन युआन की डिजिटल करेंसी बनाई, जिसे बढ़ावा दे रहा है। यहां क्रिप्टोकरेंसी के लिए अलग कानून नहीं बना है, जबकि वित्तीय आचार प्राधिकरण (एफसीए) क्रिप्टो में कारोबार और विनिमय का लाइसेंस जारी करता है। क्रिप्टो के फ्यूचर और ऑप्शन श्रेणी ट्रेडिंग करने वालों के लिए एफसीए नेकुछ नियम बनाए हैं। यहां अन्य करेंसी की तरह क्रिप्टो पर भी टैक्स वसूला जाता है, जो कंपनी कर नियमों के तहत आता है।
भारत में वैध मुद्रा नहीं बनेगी क्रिप्टोकरेंसी बिल का तैयार हो रहा मसौदा : वित्त सचिव
