पूर्वांचल प्रहरी डेस्क संवाददाता गुवाहाटी : मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा की अध्यक्षता में लोक सेवा भवन में बृहस्पतिवार को आयोजित असम मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिमंडल ने धान और सरसों के लिए एमएसपी पर अतिरिक्त सहायता प्रदान करने, दरंग जिले में नया मेडिकल कॉलेज बनाने, एफपीएस लाइसेंस वैधता का विस्तार करने, हरी चाय की पत्तियों पर व्यावसायिक कर और उपकर से छूट देने तथा स्वास्थ्य ब्लॉकों का पुनर्गठन करने के साथ कई अन्य निर्णय लिए। असम मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों, चाय उद्योग, किसानों और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण नीति संशोधनों और विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी। कैबिनेट के फैसले के अनुसार एकल पुरुष कर्मचारियों के लिए बाल देखभाल अवकाश बढ़ाया गया। एक प्रगतिशील कदम में मंत्रिमंडल ने बाल देखभाल अवकाश (सीसीएल) नियमों में संशोधन को मंजूरी दी, जिससे विधुर और तलाकशुदा सहित एकल पुरुष सरकारी कर्मचारियों को दो बच्चों तक सीसीएल का लाभ उठाने की अनुमति मिल गई। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने घोषणा की कि संशोधित नीति के तहत पात्र कर्मचारी अब 730 दिन (दो वर्ष) तक की बाल देखभाल छुट्टी ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त संशोधन उन सरकारी कर्मचारियों को लाभ प्रदान करता है जिनके पास विकलांग बच्चों की कस्टडी है, जिससे कामकाजी माता-पिता को अधिक सहायता सुनिश्चित होती है। कैबिनेट ने असम के चाय उद्योग के लिए कर राहत का फैसला लिया। तदनुसार  सरकार ने हरी चाय की पत्तियों पर लगाए गए उपकर पर कर छूट को 1 जनवरी, 2025 से दो साल के लिए बढ़ा दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य चाय उत्पादकों पर वित्तीय बोझ कम करना और क्षेत्र की आर्थिक व्यवहार्यता को बनाए रखना है। मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने जोर देकर कहा कि यह राहत उपाय चाय उद्योग को समर्थन देने के लिए शुरू की गई पिछली छूटों पर आधारित है। एक पर्यावरणीय पहल में कैबिनेट ने बीटीसी कोकराझार/हल्टूगांव में नायकगांव पीटी - पीआरएफ को आरक्षित वन में बदलने को मंजूरी दी। नव नामित आरक्षित वन कुल 774 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगा, जिसमें से 180 हेक्टेयर को आधिकारिक तौर पर संरक्षित वन क्षेत्र के रूप में अलग रखा गया है। मंत्रिमंडल ने धान और सरसों किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अलावा अतिरिक्त समर्थन मूल्य (टॉप-अप) को मंजूरी दी है। 1 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2026 तक धान किसानों को प्रति क्विंटल 250 रुपए और सरसों किसानों को 2,500 रुपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त मिलेंगे। इस निर्णय का उद्देश्य किसानों की वित्तीय स्थिरता को बढ़ाना और उन्हें बेहतर आर्थिक लाभ प्रदान करना है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए असम कैबिनेट ने उचित मूल्य दुकान (एफपीएस) लाइसेंस की वैधता 30 जून, 2026 तक बढ़ा दी है। इस कदम से राज्य भर के एफपीएस संचालक बिना किसी रुकावट के अपनी सेवाएं जारी रख सकेंगे, जिससे लाभार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी।  कैबिनेट ने 2,572 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से दरंग में एक नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दी। इस सुविधा में 430 बिस्तरों वाला अस्पताल होगा और इसमें सालाना 100 एमबीबीएस छात्रों को प्रवेश मिलेगा। इसके अतिरिक्त, इस परियोजना में क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करने के लिए एक बीएससी नर्सिंग स्कूल और एक जीएनएम स्कूल शामिल होगा। कैबिनेट ने सह-जिलों और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के साथ संरेखित करने के लिए स्वास्थ्य ब्लॉकों के पुनर्गठन के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी भी दी। राज्य की हालिया परिसीमन प्रक्रिया से प्रभावित इस कदम का उद्देश्य जिला और निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर बेहतर समन्वय सुनिश्चित करके स्वास्थ्य सेवा प्रशासन में दक्षता बढ़ाना है। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने घोषणा की कि डिब्रूगढ़ में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) अब लागू नहीं रहेगा। जबकि तिनसुकिया, चराइदेव और शिवसागर जिलों में आफस्पा अभी भी लागू है, डिब्रूगढ़ से इसे हटाना बेहतर कानून व्यवस्था वाले क्षेत्रों में सैन्य उपस्थिति को कम करने की दिशा में एक कदम है। डिब्रूगढ़ से आफस्पा हटाने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। यह निर्णय शहर को असम की दूसरी राजधानी के रूप में स्थापित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। इसके साथ अब आफस्पा के अंतर्गत असम के केवल 3 जिले ही आते हैं।