जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की वादियों में हिंदू पर्यटकों की हुई नृशंस हत्या को लेकर भारत में लोगों का गुस्सा उबाल पर है। मोदी सरकार ने आतंकियों तथा पाक में बैठे उसके साजिशकर्ताओं को सबक सिखाने के लिए कई फैसले किये हैं। केंद्र सरकार की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक के बाद सरकार ने 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। सार्क वीजा योजना को बंद कर दिया गया है तथा भारत में आये पाकिस्तानियों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने को कहा गया है। अटारी एकीकृृत जांच चौकी बंद कर दी गई है। पाक उच्चायोग में सेना, नौसेना तथा वायु सेना के सलाहकारों को सात दिन के भीतर देश छोड़ने को कहा गया है। इसी तरह भारत सरकार ने पाकिस्तान स्थित अपने उच्चायोग में कार्यरत सेना, नौसेना तथा वायु सेना के सलाहकारों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। भारत सरकार ने पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत लोगों की संख्या घटाकर 30 कर दिया है। इसके अलावा 24 अप्रैल को भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग की सुरक्षा घटा दी है। दूतावास के पास लगे बेरिकेड को हटा दी गई है। सरकार ने पाकिस्तान के सोशल मीडिया एकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया है। पाकिस्तान के साथ व्यापार पहले से ही सीमित स्तर पर था जो अब बंद हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार की धरती मधुबनी से पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि आतंकियों तथा उनके साजिशकर्ताओं को मिट्टी में मिला देंगे। भारत सरकार उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई करेगी जो उनकी कल्पना से परे होगा। आतंकी हमले के बाद भारत में सरकार पूरे एक्शन में है। एक तरफ जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ आपरेशन क्लीन चलाया जा रहा है तो दूसरी तरफ पाक को सबक सिखाने की तैयारी चल रही है। 24 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति को स्थिति की जानकारी दी है। विदेश मंत्री ने जी-20 देशों के राजदूतों को भी जम्मू-कश्मीर की घटना की पूरी जानकारी दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों के नेताओं ने कहा है कि वे संकट की इस घड़ी में सरकार के साथ मजबूती से खड़े हैं। पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है। पाक के सेना प्रमुख आसिफ मुनीर ने पिछले 16 अप्रैल को भारत और कश्मीर के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया था। यह सबको मालूम है कि पाकिस्तानी सेना तथा उसकी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई भारत में अस्थिरता लाने के लिए साजिश रचती रहती है। देश की जनता अब निर्णायक कार्रवाई चाहती है। भारत के आक्रामक रुख को देखते हुए आज पाकिस्तान में भी राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक हुई जिसमें शिमला समझौते को रद्द करने की धमकी दी गई है। पाकिस्तान में भारत के लिए एयर स्पेस बंद करने तथा वाघा सीमा चौकी को भी बंद करने की घोषणा की गई है। हिंदू जल समझौते को स्थगित करने से पाकिस्तान को सबसे ज्यादा मिर्ची लगी है। इसका कारण यह है कि सिंधु तथा उसकी सहायक नदियां झेलम और चिनाव पर पाकिस्तान की कृृषि काफी हद तक निर्भर करती है। कुल मिलाकर भारत को ऐसा सबक सिखाना होगा ताकि पाकिस्तान सदियों तक याद रखे। आज पूरा विश्व आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ खड़ा है। अमरीका तथा रूस जैसी दो महाशक्तियां भी भारत के पक्ष में है। पूरा देश पहलगाम की घटना का हिसाब चाहता है।