प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले संदेश में कहा कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर नहीं झुकेगा। अगर पाकिस्तान ने दोबारा हिमाकत की तो इसे युद्ध माना जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान से बात होगी तो वह पीओके तथा आतंकवाद पर होगी। मालूम हो कि पिछले 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश कार्रवाई करने की मांग कर रहा था। भारत ने ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के तहत पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर हमला कर नेस्तनाबूद कर दिया। इस हमले में सौ से ज्यादा आतंकी मारे गए जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हरकत उल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकी शामिल थे। सेना ने आतंक की फैक्ट्री पर ही हमला किया। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उनकी पहल पर ही भारत-पाक के बीच युद्ध विराम हुआ है। ट्रंप ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने की बात भी कही है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात को स्पष्ट कर दिया कि अब कश्मीर पर कोई वार्ता नहीं होगी, वार्ता केवल पीओके पर होगी।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए यह भी कहा कि परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मालूम हो कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले पाकिस्तान के नेताओं ने भारत को परमाणु शक्ति के नाम पर धमकी देना शुरू किया था। भारत और पाकिस्तान दोनों ही राष्ट्र परमाणु संपन्न हैं। लेकिन भारत ने ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के दौरान पाकिस्तान के परमाणु शक्ति संपन्न होने की परवाह किए बिना आतंकी संगठना के अड्डों पर हमला किया। पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों के बाचव में भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों तथा नागिरक इलाकों पर हमला किया। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों वायु सेना के अड्डों पर ताबड़तोड़ हमले किए जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में अमरीका के साथ-साथ दुनिया के देशों को स्पष्ट संकेत दिया है कि अब भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर स्थगित हुआ है, खत्म नहीं हुआ है। अगर पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियां होती हैं तो भारत पुरजोर जवाब देगा।
इसके साथ ही भारत ने ङ्क्षसधू जल समझौते को भी तब तक स्थगित रखने का निर्णय लिया है जब तक पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता। उन्होंने स्पष्ट किया कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। भारत द्वारा संघर्ष विराम की घोषणा के बाद विभिन्न क्षेत्रों में तरह-तरह की बातें उठने लगी थीं। ऐसा कहा जा रहा था कि भारत बाहरी दबाव में आकर संघर्ष विराम करने पर मजबूर हुआ है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अपना निर्णय खुद लेगा। ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के दौरान जिस तरह भारत के स्वदेशी हथियारों ने अपने करतब दिखाए उससे पूरा विश्व आश्चर्यचकित है। रूस से आए एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने कमाल ही कर दिया। इसके अलावा स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली की भी अहम भूमिका रही। इन मिसाइल डिफेंस सिस्टम के माध्यम से भारत में पाकिस्तान की ओर से आने वाले ड्रोन एवं मिसाइल हमलों को पूरी तरह तबाह कर दिया।
स्वदेशी हथियारों का बेहतर प्रदर्शन भारत के लिए कमाई का अच्छा साधन बन जाएगा। दुनिया में भारतीय हथियारों की मांग बढ़ेगी जिसे विदेशी मुद्रा आएगी। जो भारत पहले पूरी तरह बाहर के हथियारों पर निर्भर था, अब वही भारत दुनिया के 85 देशों को हथियार एवं दूसरे सैन्य उपकरण की आपूॢत करता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय मिसाइलों एवं ड्रोनों की काबिलियत दुनिया की नजरों में आई है। उम्मीद है कि अब भारत के लिए अच्छा बाजार मिलेगा। पहले भारत के ऊपर नरम देश होने का जो ठप्पा लगा था, ऑपरेशन ङ्क्षसदूर के साथ दुनिया की सोच निश्चित रूप से बदलेगी। प्रधानमंत्री ने जिस दृढ़ता के साथ आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की है उससे आतंकी समूहों के हौसले निश्चित रूप से पस्त हुए हैं। लेकिन भारत को आगे भी सावधान रहना होगा।