22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान के आतंकियों द्वारा हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के  बाद हाल ही में पाकिस्तान के मित्र देशों चीन और तुर्किए को भी भारत  ने कड़ा जवाब दिया। हाल ही में भारत के खिलाफ चीन की झूठ मशीन ग्लोबल टाइम्स का एक्स अकाउंट बंद करने के बाद उसकी शिन्हुआ न्यूज एजेंसी को भी ब्लॉक किया गया। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के हाथ में ड्रोन थमाने वाले तुर्किए के ब्रॉडकास्टर टीआटी वर्ल्ड के हैंडल पर भी भारत में ताला लगा दिया गया। वास्तव में, भारत द्वारा पाकिस्तान के मित्र देशों तुर्किए और चीन के मीडिया चैनलों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाया जाना, भारत की ओर से एक बड़ा तकनीकी और कूटनीतिक निर्णय है। कहना गलत नहीं होगा कि चीन और तुर्किए दोनों ही देश भारत के खिलाफ दुष्प्रचार, भ्रामक रिपोर्टिंग करने में, गलत सूचनाओं को फैलाने में शामिल रहे हैं। सच तो यह है कि चीन और तुर्की ने भारत-पाक संघर्ष में प्रतिद्वंद्वी (पाकिस्तान) का समर्थन किया।

गौरतलब है कि हाल ही में चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने दिल्ली में 700 से अधिक व्यापारिक संगठनों से चीन और तुर्की के साथ सभी प्रकार के व्यापार को रोकने की अपील की, जो काबिले-तारीफ कदम कहा जा सकता है। कहना गलत नहीं होगा कि चीन भारत के आंतरिक मामलों में भी दखलंदाजी करता रहा है और वह कभी हमारे देश के अरूणाचल प्रदेश में कुछ जगहों के नाम बदलने के व्यर्थ और निरर्थक प्रयास करता है, तो कभी उसकी मीडिया एजेंसियां भारत के खिलाफ उल्टी-सीधी व गलत रिपोर्टिंग करती नजर आतीं हैं। गौरतलब है कि एक्स अकाउंट पर प्रतिबंध ऐसे दिन लगाया गया, जब सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम लेकर चीन द्वारा उस पर क्षेत्रीय दावा करने के प्रयासों की निंदा की थी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रचनात्मक नामकरण से इस निर्विवाद वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और हमेशा रहेगा।  बहरहाल,कहना चाहूंगा कि आज सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं का जाल बिछा हुआ है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स के इस युग में इन भ्रामक सूचनाओं पर अंकुश बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि आज सूचना का युग है और गलत व भ्रामक सूचनाओं को हथियार बनाकर भारत के दुश्मन देश भारत को कमजोर करने में लगे हुए हैं, लेकिन भारत की आतंकवाद के प्रति नीति जीरो टोलरेंस(शून्य सहनशीलता) की है और भारत किसी भी हाल और परिस्थितियों में आतंकवाद और आतंकियों को सहन नहीं करेगा। हाल फिलहाल, पाठकों को यह भी बताता चलूं कि हालांकि कुछ घंटों के बाद ग्लोबल टाइम्स और टीआरपी वर्ल्ड के सोशल मीडिया अकाउंट्स की भारत में फिर से पहुंच बहाल कर दी गई, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत इन पर पुन: प्रतिबंध नहीं लगा सकता है। गौरतलब है कि तुर्किए और चीन के इन खातों पर बैन इसलिए लगाया गया था, क्योंकि भारत को यह आशंका थी कि ये प्लेटफॉर्म्स लगातार झूठी, गलत और भ्रामक खबरें फैला रहे हैं, खासतौर पर भारतीय सेना के अभियानों को लेकर। पाठक जानते हैं कि हाल ही में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए थे, और पाकिस्तान इन हमलों से बिलबिला उठा था और बाद में अमरीका की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ। भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आपरेशन सिंदूर के बाद इन विदेशी मीडिया प्लेटफॉर्म्स (चीन और तुर्किश) पर भारत के खिलाफ गलत सूचनाएं फैलाईं।

वास्तव में, आपरेशन सिंदूर के बाद चीन और तुर्किए अपने मित्र देश पाकिस्तान का पक्ष लेते नजर आए। गौरतलब है कि तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक विस्तृत संदेश में पाकिस्तान के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए तुर्की-पाकिस्तान संबंधों को भाईचारा तथा  सच्ची मित्रता के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक बताया था। दरअसल, श्री एर्दोगान ने पाकिस्तान को लेकर यह बात कही थी कि हम अच्छे हैं और बुरे समय में आपके साथ खड़े रहेंगे, जैसा कि हमने अतीत में किया है, और भविष्य में भी ऐसा ही करेंगे। आपके माध्यम से, मैं अपने मित्रवत और भाईचारे वाले पाकिस्तान को अपने हार्दिक स्नेह के साथ बधाई देता हूं। पाकिस्तान-तुर्की दोस्ती जिंदाबाद।  गौरतलब है कि इसके बाद श्री शरीफ ने तुर्की और अंग्रेजी में अपने दीर्घकालिक, समय-परीक्षणित और स्थायी भाईचारे के संबंधों पर जवाब दिया था। कहना गलत नहीं होगा कि राष्ट्रपति एर्दोआन की आतंकवाद पर पूरी तरह चुप्पी दर्शाती है कि तुर्की आतंकवाद को लेकर संवेदनशील नहीं है और वह बात-बात पर अपने मित्र पाकिस्तान का पक्ष लेता है। बहरहाल, यहां पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि 7 मई को ग्लोबल टाइम्स ने यह झूठी रिपोर्ट चलाई थी कि पाकिस्तान ने एक भारतीय लड़ाकू विमान को मार गिराया है। हालांकि, इस पर बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने सख्त ऐतराज जताते हुए यह बात कही थी कि प्रिय ग्लोबल टाइम्स न्यूज कृपया तथ्यों की पुष्टि और स्रोतों की जांच करने के बाद ही ऐसी झूठी सूचनाएं फैलाएं। उपलब्ध जानकारी के अनुसार बैन लगाए जाने से पहले भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को 8000 से ज्यादा खातों को ब्लॉक करने का आदेश दिया था और इस आदेश का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और स्थानीय कर्मचारियों पर जेल की सजा तक का प्रावधान किया गया था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इससे पहले, सरकार ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिनमें कुछ न्यूज आउटलेट के चैनल भी शामिल थे।