मां कामाख्या की पावन भूमि गुवाहाटी तथा जोरहाट से प्रकाशित पूर्वोत्तर का अग्रणी हिंदी दैनिक पूर्वांचल प्रहरी अपने 36 वर्षों की सुदीर्घ यात्रा पूरी करके  हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है। आज पूर्वांचल प्रहरी हिंदी भाषियों की ही नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर भारत की आवाज बन गया है। हिंदी सेवा तथा राष्ट्रीय एकता की अलख जगाने की सोच के साथ अग्रसर पूर्वांचल प्रहरी आज देश से बाहर विदेश तक अपनी पहुंच बना चुका है। इसका पूरा श्रेय पूर्वांचल प्रहरी के संस्थापक  और प्रथम संपादक स्वर्गीय जीएल अग्रवाल के अथक परिश्रम तथा दृढ़ संकल्प को जाता है, जिन्होंने निडरता के साथ कलम के सिपाही की भूमिका का निर्वाह किया। पाक के खिलाफ भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की खबर पूर्वांचल प्रहरी के 8 मई, 2025 के अंक में प्रथम पृष्ठ पर छपी थी। पूर्वांचल प्रहरी की प्रथम पृष्ठ की खबर को फ्रांस के पेरिस से प्रकाशित होने वाले अखबार ले मोंडे ने अपने मुख्य पृष्ठ पर जगह दी है। इसके अलावा अमरीका शिकागो ट्रिब्यून, नॉर्थ केरोलिना, जर्काता ग्लोब तथा केएसएनटी 27 न्यूज जैसी विदेशी अखबारों में पूर्वांचल प्रहरी को जगह मिली, यह पूर्वांचल प्रहरी परिवार के गौरव का विषय है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूर्वांचल प्रहरी की खबरों को मान्यता मिलना हमारी साख को दर्शाता है। पूर्वांचल प्रहरी अपने पाठकों को विश्वास दिलाना चाहता है कि हम आपके उम्मीदों पर खड़ा उतरने की पूरी कोशिश करते रहेंगे। सूचना क्रांति के दौर में प्रिंट मीडिया आज बड़ी चुनौती से गुजर रहा है। सोशल मीडिया से लोगों को जल्दी सूचना पहुंच रही है, लेकिन वह भरोसेमंद नहीं है। सोशल मीडिया में फर्जी तथा अश्लील खबरों की भरमार रहती है। सोशल मीडिया तथा न्यूज चैनल डिजिटल प्लेटफार्म के प्रति लोगों खासकर युवा वर्ग का रूझान बढ़ा है, परंतु आज भी प्रिंट मीडिया की अहमियत बरकरार है। सूचना तथा समाचार में काफी अंतर है। सोशल मीडिया में सूचना आती है, जबकि प्रिंट मीडिया में जांच-पड़ताल तथा संपादित होने के बाद खबर आती है। बाजारवाद के दौर का मीडिया पर भी प्रभाव पड़ा है। मीडिया अपने लक्ष्य से भटक रहा है, जिससे मीडिया की साख प्रभावित हो रही है। यह सभी को मालूम है कि लोकतंत्र के तीनों स्तंभ कार्यपालिका-विधायिका तथा न्यायपालिका किसी न किसी रूप में शासन-व्यवस्था से जुड़े हैं। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया ही आम आदमी की आवाज को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाता है। शासक वर्ग तथा आम जनता के बीच मीडिया संवाहक की भूमिका का निर्वाह करता है। सोशल मीडिया एवं बाजारवाद के दौड़ में मीडिया को अपने मूल दायित्वों से पीछे नहीं हटना चाहिए। प्रतिस्पर्धा के चक्कर में मीडिया को समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संतुलन तथा समरसता बनाए रखने के लिए सकारात्मक सोच के साथ काम करना चाहिए। मसालेदार खबर देकर सस्ती लोकप्रियता तो हासिल हो सकती है-लेकिन समाज का कल्याण नहीं होगा। आॢटफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव भी मीडिया पर पड़ रहा है। सामग्री निर्माण, उपभोक्ता डाटा का विश्लेषण तथा दर्शकों की पसंद का सटीक अनुमान लगाने में सहायता मिलती है, ङ्क्षकतु इसका इस्तेमाल फेक न्यूज आदि में नहीं होना चाहिए। पूर्वांचल प्रहरी ने अपने निष्पक्ष पत्रकारिता के द्वारा समाज को जोड़ने का काम किया है। असमिया तथा ङ्क्षहदी समाज के बीच सेतु का काम कर रहा है। पूर्वोत्तर के लोगों की आवाज बनने के साथ-साथ इस गैर ङ्क्षहदी भाषी क्षेत्र में ङ्क्षहदी का प्रचार-प्रसार पूर्वांचल प्रहरी का मुख्य ध्येय है। कविता, कहानी, लेख तथा अन्य लेखन सामग्री के माध्यम से इस अखबार ने असमिया के लोगों को अपने से जोड़ा है, जो पूर्वांचल प्रहरी के लिए गर्व का विषय है। पूर्वांचल प्रहरी के संस्थापक संपादक स्वर्गीय जीएल अग्रवाल का यही सपना था, जिसको पूरा करने के लिए पूर्वांचल प्रहरी टीम अथक प्रयास कर रही है। स्वर्गीय जीएल अग्रवाल ने पूर्वांचल प्रहरी के माध्यम से ङ्क्षहदीभाषियों की आवाज बनने के साथ ही असमिया तथा हिंदी भाषी समाज के बीच समन्वय का काम किया, जिसको आज भी लोग बड़े सम्मान के साथ याद कर रहे हैं। हम लोग भी उनके पद चिन्हों पर चलकर उनके सपनों को पूरा करने के लिए कार्यरत हैं। पूर्वांचल प्रहरी की 36वीं वर्षगांठ पर सभी पाठकों, शुभङ्क्षचतकों, एजेंटों, हॉकरों एवं विज्ञापनदाताओं को हाॢदक बधाई। हम विश्वास दिलाते हैं कि पूर्वांचल प्रहरी आगे भी आपके सहयोग से उम्मीदों पर खड़ा उतरने की कोशिश जारी रखेगा। आपका प्यार ही हमें आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करता है।


विधेयकों की मंजूरी की समय सीमा


उपलब्ध कराने से संबंधित है। अनुच्छेद 201 राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति के विचारार्थ रोके गए विधेयकों से संबंधित है। केंद्र सरकार ने तमिलनाडु मामले में दिए गए न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने के बजाय राष्ट्रपति के जरिए सवाल पूछा है, जिस पर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। नियमों के अनुसार, पुनर्विचार याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के उसी पीठ द्वारा चैंबर में सुनवाई की जाती है, जिसने फैसला सुनाया होता है, जबकि राष्ट्रपति के संदर्भों पर पांच-सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई करती है। हालांकि, न्यायालय राष्ट्रपति द्वारा पूछे गए किसी भी या सभी प्रश्नों का उत्तर देने से इनकार भी कर सकता है। राष्ट्रपति के 13 मई के पत्र में कहा गया है कि अनुच्छेद 200 में, संवैधानिक विकल्पों के इस्तेमाल को लेकर राज्यपाल के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। राष्ट्रपति ने कहा कि इसी तरह संविधान के अनुच्छेद 201 में, संवैधानिक विकल्पों के इस्तेमाल को लेकर राष्ट्रपति के लिए किसी समय-सीमा या प्रक्रिया का प्रावधान नहीं है। राष्ट्रपति मुर्मू ने न्यायालय द्वारा संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का उपयोग करके विधेयक को पारित मानकर दोबारा तमिलनाडु के राज्यपाल को भेजने के आदेश पर भी सवाल उठाया। राष्ट्रपति मुर्मू ने न्यायालय से 14 प्रश्न पूछते हुए कहा है कि उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि ये प्रश्न सार्वजनिक महत्व के हैं कि इन पर उच्चतम न्यायालय की राय लेना आवश्यक है। उच्चमत न्यायालय के आठ अप्रैल के फैसले में विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर फैसला करने को लेकर सभी राज्यपालों के लिए समयसीमा निर्धारित की गई है और कहा गया है कि राज्यपालों को उनके समक्ष प्रस्तुत किसी भी विधेयक के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत कार्यों के प्रयोग में कोई विवेकाधिकार नहीं है और उन्हें मंत्रिपरिषद की सलाह का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। 


मणिपुर : मुठभेड़ में 10 उग्रवादी ढेर


पूछा गया तो केंद्रीय सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि सैनिक अभी भी अभियान जारी रखे हुए हैं और उग्रवादियों की पहचान की पुष्टि होना बाकी है। सेना की पूर्वी कमान ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्सÓ पर पोस्ट में कहा कि  भारत-म्यामां सीमा के पास चंदेल जिले की खेंगजॉय तहसील में न्यू समताल गांव के समीप कुछ हथियारबंद लोगों की गतिविधि के संबंध में खुफिया जानकारी मिली, जिसके आधार पर स्पीयर कोर के तहत असम राइफल्स ने 14 मई को अभियान शुरू किया। पोस्ट में कहा गया है कि अभियान के दौरान संदिग्ध उग्रवादियों ने सैनिकों पर गोली चलाई, जिसके बाद जवानों ने भी जवाब में गोलियां चलाईं। इस दौरान मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए और भारी मात्रा में हथियार तथा गोला-बारूद बरामद किया गया। 


मुख्यमंत्री ने बिलासीपाड़ा व ग्वालपाड़ा...


के साथ परियोजना के लिए साइट की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए निरीक्षण किया। डॉ. शर्मा ने जिला आयुक्त को परियोजना के कार्यान्वयन के लिए साइट तैयार करने के लिए आवश्यक विकासात्मक गतिविधियां शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने लंबित बुनियादी ढांचा आवश्यकताओं जैसे कि बिजली संयंत्र की स्थापना की सुविधा के लिए पहुंच सड़कों और अन्य आवश्यक सुविधाओं का निर्माण की भी समीक्षा की। भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि यदि किसी परिवार को परियोजना के कारण स्थानांतरण की आवश्यकता होती है, तो सरकार उन्हें पुनर्वास के लिए उपयुक्त वैकल्पिक भूमि प्रदान करेगी। उल्लेखनीय है कि असम सरकार ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसका लक्ष्य 2035 तक 5,000 मेगावाट की ताप विद्युत उत्पादन क्षमता हासिल करना है। इस दृष्टिकोण के अनुरूप, राज्य ने असम ताप विद्युत उत्पादन उत्पाद संवर्धन नीति 2025 पेश की है, जिसने पहले ही 77.3 बिलियन रुपए के निवेश प्रस्तावों को आकर्षित किया है। असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड नीति के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी, जिसमें अनुमोदन और परियोजना निष्पादन को तेज करने के लिए एकल-खिड़की निकासी प्रणाली होगी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने ग्वालपाड़ा जिले में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के साथ-साथ ऊर्जा पार्क के लिए निर्धारित स्थलों का दौरा किया। उन्होंने बालिजाना राजस्व मंडल के अंतर्गत भंडारा गांव में मेडिकल कॉलेज के लिए पहचाने गए स्थल की समीक्षा की और राष्ट्रीय राजमार्ग से कुशल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने पर विशेष जोर देते हुए कई प्रासंगिक मुद्दों पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को राज्य बजट में घोषित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विकास को व्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से करने का निर्देश दिया। यात्रा के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए डॉ. शर्मा ने पुष्टि की कि राज्य सरकार चालू वित्त वर्ष के भीतर ग्वालपाड़ा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का निर्माण शुरू करने का इरादा रखती है। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की सरकार की व्यापक पहल के अनुरूप यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं कि ग्वालपाड़ा के लोगों को अपने जिले में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच मिले। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा के साथ बिजली मंत्री प्रशांत फुकन, लोक निर्माण विभाग के विशेष आयुक्त और विशेष सचिव चंदन शर्मा, जिला आयुक्त खनिंद्र चौधरी सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने ग्वालपाड़ा जिले के राक्षसिनी में प्रस्तावित ऊर्जा पार्क के लिए चिन्हित स्थल का भी दौरा किया, जहां उन्होंने भूमि क्षेत्र सहित परियोजना के विभिन्न पहलुओं की जांच की और संबंधित विभाग को निर्देश जारी किए।


भारत को मैकमोहन रेखा से आगे ...


चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। गाओ ने एक बयान में कहा कि चीन जितनी बार चाहे उतनी बार पहाड़ों और नदियों के नाम बदल सकता है, लेकिन वह इतिहास को फिर से नहीं लिख सकता। उन्होंने भौगोलिक और सांस्कृतिक तथ्यों को विकृत करने के जानबूझकर और राजनीति से प्रेरित प्रयास की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश कभी भी तिब्बत का हिस्सा नहीं रहा है। यहां तक  कि 14वें दलाई लामा ने भी यह बात स्पष्ट कर दी है। देश के बाकी हिस्सों के साथ इस क्षेत्र के लोगों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख करते हुए गाओ ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत और उसके लोगों का रहा है और मैकमोहन रेखा के पार रहने वाले लोबा तानी (न्यीशी, तागिन, बोकार, मिश्मी) समुदाय भारत के साथ गहरी सभ्यतागत जड़ें साझा करते हैं । उन्होंने कहा कि मैकमोहन रेखा एक राजनीतिक सीमा के रूप में काम कर सकती है, लेकिन यह साझा विरासत को विभाजित नहीं कर सकती। उन्होंने नई दिल्ली से मैकमोहन रेखा के पार लोबा तानी और मिश्मी समुदायों के इलाकों को पुन: हासिल कर  'ऐतिहासिक गलतियोंÓ को सुधारने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदलने की चीन की कोशिशों को 'व्यर्थ एवं बेतुकाÓ  बताकर सिरे से खारिज करते हुए बुधवार को कहा था कि इस तरह के प्रयासों से यह 'निर्विवादÓ सच्चाई नहीं बदलेगी कि यह राज्य 'भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।Ó गाओ ने कहा कि भारत की एकता को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता। हमारी सीमाएं महज नक्शे पर बनी रेखाएं नहीं हैं, वे हमारे देश की आत्मा का प्रतिनिधित्व करती हैं। अरुणाचल प्रदेश महज एक क्षेत्र नहीं है, यह एक पहचान है। और यह हमेशा भारतीय क्षेत्र रहेगा। पिछले वर्ष अप्रैल में भी जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों के  'मानकीकृत नामोंÓ की सूची जारी की थी तब भी भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।


पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध पूरी...


पाकिस्तान की कार्रवाई का भारतीय पक्ष द्वारा कड़ा जवाब दिया गया था। दोनों पक्षों ने 10 मई को अपराह्न में सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति की घोषणा की थी। जयशंकर ने कहा कि मेरे लिए चीजें बिल्कुल स्पष्ट हैं। इसलिए, मैं इस मौके पर अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहता हूं। जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, हमारे संबंध, उनके साथ पूरी तरह से द्विपक्षीय रहेंगे। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से यह राष्ट्रीय सहमति है और इस सहमति में कोई बदलाव नहीं आया है कि पाकिस्तान के साथ संबंध द्विपक्षीय होंगे। जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात 'बहुत स्पष्टÓ कर दी है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत केवल आतंकवाद पर ही होगी। विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक सूची है, जिसे सौंपे जाने की जरूरत है। उन्हें आतंकवादी बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा, वे जानते हैं कि क्या करना है। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद पर क्या किया जाना है, हम इस संबंध में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। कश्मीर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कश्मीर पर चर्चा के लिए केवल एक ही बात बची है, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराना। हम इस पर पाकिस्तान के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं...सरकार की स्थिति बहुत स्पष्ट है। 




राज्य में अब तक 65 देशद्रोही गिरफ्तार


पुलिस ने बृहस्पतिवार को देशद्रोह के आरोप में अब्दुल हुसैन नामक युवक को भी गिरफ्तार किया। श्रीभूमि जिले के कालीगंज के निवासी अब्दुल हुसैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत और पाकिस्तान के युवाओं पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए एक वीडियो को संपादित करके इसें सोशल मीडिया पर विकृत रूप में साझा किया था। विकृत वीडियो में दिखाया गया था कि प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने युद्ध में पाकिस्तान के सामने घुटने टेक दिए थे। श्रीभूमि पुलिस ने इस अपराध के लिए अब्दुल हुसैन को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। इस बीच, तामुलपुर जिले की सुवागपुर पुलिस ने फेसबुक पर पाकिस्तान के समर्थन में भारत विरोधी टिप्पणी करने के आरोप में 20 वर्षीय युवक राशिद अली को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार युवक भोंगरगांव का निवासी है। युवक के खिलाफ कई हिंदूवादी संगठनों ने शिकायत दर्ज कराई। वहीं दूसरी ओर तेजपुर पुलिस ने फेसबुक पर पाकिस्तान जिंदाबाद लिखने वाले अरफान अली नामक एक युवक को गिरफ्तार किया। तेजपुर सदर पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले के आधार पर अरफान अली को गोटलोंग से गिरफ्तार किया गया। इस दौरान गोरेश्वर पुलिस ने भी एक युवक को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में हैलाकांडी के शाहीन अहमद मजूमदार, कछार के इंतेसाब अहमद लस्कर और धुबड़ी के शाहदाद अली को गिरफ्तार किया। गुरुवार को 4 नए लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिससे अब तक पुलिस द्वारा देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की कुल संख्या 65 हो गई।


धुबड़ी में 20 हजार करोड़ की लागत ...


हजार करोड़ रुपए के निवेश से समझा जा सकता है कि असम अब किस तेज गति से प्रगति के पथ पर दौड़ रहा है तथा जागीरोड में जिस तरह लोगों ने सहयोग किया उसी तरह धुबड़ी जिले के लोग भी इस प्रकल्प के लिए सहयोग करेंगे मैं ऐसी आशा रखता हूं।भूमि अधिग्रहण से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यहां कोई समस्या नहीं है, जो थोड़े बहुत लोग हैं उन्हें बिलासीपाड़ा या आसपास अन्यपत्र जगह दे दी जाएगी तथा इसके लिए जिला आयुक्त को दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। इधर अधिकारिक सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक एडवांटेज असम 2.0 के तहत अडाणीग्रुप की ओर से घोषित निवेश के तहत यहां थर्मल पावर प्लांट लगाया जा रहा है तथा इस संबंध में पिछले दिनों गौतम अडाणी के पुत्र जीत अडाणी के नेतृत्व में कंपनी अधिकारीयों की एक टीम ने भी इस क्षेत्र का दौरा किया था। बताया जा रहा कि अडाणी ग्रुप असम का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट यहां स्थापित करना चाहती है। मालूम हो कि प्रकल्प के लिए बिलासीपाडा के चापर के तहत चिराकुटा,चरुआ बाकरा नामक जिस वृहत्तर क्षेत्र का चयन किया गया है वह पूरी तरह से सड़क,रेल व गौरांग नदी से करीब है।


पाकिस्तान से केवल आतंकवाद व...


 का सफाया कर देगा, ताकि कोई भी देश की संप्रभुता पर बुरी नजर डालने की हिम्मत न कर सके। रक्षामंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए नागरिकों तथा ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने घायल सैनिकों के साहस की भी सराहना की तथा उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने सीमा पार कार्रवाई के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज मैं यहां रक्षा मंत्री के साथ-साथ एक संदेशवाहक के रूप में भी आया हूं। पूरे देश की शुभकामनाएं, उनकी प्रार्थनाएं और उनकी कृतज्ञता लेकर मैं आपके बीच आया हूं। एक तरह से आप समझिये कि मैं एक डाकिया बनकर आपके बीच आया हूं और देशवासियों का संदेश लाया हूं। संदेश यह है कि 'हमें हमारी सेनाओं पर गर्व हैÓ। सिंह ने सैन्य बलों को उन्नत हथियारों, उपकरणों और आधुनिक बुनियादी ढांचे से लैस करने की सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि हमारी सेनाएं हर स्थिति के लिए तैयार रहें। आधुनिक राइफलें, मिसाइल रक्षा कवच और ड्रोन जैसे कई नए उपकरण भारत में तेजी से बनाए जा रहे हैं। सिंह ने कहा कि एलओसी (नियंत्रण रेखा) और एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर पहले से कहीं ज्यादा संपर्क सुनिश्चित किया गया है। सरकार सैनिकों की उस निष्ठा और तत्परता के लिए उनकी सेवा करने की कोशिश कर रही है, जिसके साथ वे देश की सेवा करते हैं। बादामी बाग छावनी में सैनिकों के साथ संवाद के दौरान सिंह के साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंह, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

काजीरंगा पहुंचे केंद्रीय कृृषि मंत्री ने...

नहीं आदि विषयों पर जानकारी ली। यदि किसी ने अब तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठाया है, तो उन्होंने संबंधित विभाग को इसकी जानकारी देने का भी आह्वान किया। इस दौरान जब केंद्रीय मंत्री हाथीखुली चाय बागान पहुंचे तो उनके साथ मंत्री अतुल बोरा, एक नंबर काजीरंगा जिला परिषद सदस्य सीता पानीका,चाय बागान के प्रबंधक मित्रभानु दास, क्षेत्रीय पंचायत सदस्या निजरा दत्त, भाजपा नेता देवप्रदीप बोरा, मुकुल दास उपस्थित थे, जिन्होंने मंत्री का फूलों की गमछा से गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद केंद्रीय कृृषि मंत्री काजीरंगा के कोहरा में स्थित वन विभाग के परमानंद लाहन प्रेक्षागृह में बोकाखाट अनुमंडल क्षेत्र के कुछ किसानों से संवाद करने पहुंचे। वहां के किसानों ने अपने खेतों में उपजाए गए लौकी, कद्दू, काजी नींबू, भोट जलकिया आदि सब्जियां मंत्री को उपहार में दी, जिसे मंत्री ने बहुत उत्साहपूर्वक स्वीकार किया। इस कार्यक्रम में बोकाखात के विधायक एवं कृृषि मंत्री अतुल बोरा, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की संचालिका सोनाली घोष, बोकाखात सब डिविजन के अधिकारी एवं नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि काजीरंगा के इन कार्यक्रमों में शामिल होने से पहले आज केंद्रीय मंत्री ने नगालैंड में एक सरकारी कार्यक्रम में भाग लिया। वहीं आज रात भी मंत्री अपने परिवार के साथ उसी विश्रामगृह में रात्रि विश्राम करेंगे और कल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जीप सफारी पर निकलेंगे।

2026 में मुस्लिम वोटों से मजबूत होगी भाजपा

मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा सरकार अपने गठन के बाद से ही राज्य में मुसलमानों के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है। हालांकि, विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही भाजपा रणनीतिक कारणों से लचीला रुख अपनाती नजर आ रही है। इसलिए भाजपा ने अल्पसंख्यक बस्तियों में गुप्त रूप से प्रवेश कर लिया है। लंबे समय से कांग्रेस और एआईयूडीएफ के हाथों में रही कई क्षेत्रीय और जिला परिषदें इस बार भाजपा के खाते में गए। मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने स्वयं पंचायत चुनावों के दौरान निचली असम के अल्पसंख्यक आबादी वाले जिलों धुबड़ी, बरपेटा, ग्वालपाड़ा और अन्य में एनडीए उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था। ऊपरी असम में सीटें हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री ने दक्षिण असम के अल्पसंख्यक मतदाता बहुल इलाकों पर निशाना साधा। सीएम ने 2026 के विधानसभा चुनाव में 104 सीटें जीतने का पक्का लक्ष्य रखा है। यह पहले से ही स्पष्ट है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अल्पसंख्यक मतदाताओं के समर्थन की आवश्यकता है।

कतर में ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाक...

है, जब ट्रंप ने दावा किया है कि अमरीका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान संघर्ष-विराम के लिए राजी हुए। भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 'ऑपरेशन सिंदूरÓ चलाकर नौ आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए। भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर जवाबी कार्रवाई की।  दोनों देशों में 10 मई को सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से पूर्ण रूप से रोकने की सहमति बनी। भारत सरकार के सूत्र लगातार कह रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत में जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति बनी। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस कवायद में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था। कतर में अमेरिकी सैनिकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों से  व्यापार  के बारे में बात की। अमरीकी राष्ट्रपति ने हंसते हुए कहा, चलिए, युद्ध के बजाय व्यापार करें। पाकिस्तान इससे बहुत खुश था, भारत भी इससे बहुत खुश था। मुझे लगता है कि वे इस रास्ते पर हैं, आप जानते हैं, वे लगभग 1,000 वर्षों से लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा- तो मैंने कहा, आप जानते हैं, मैं इसे सुलझा सकता हूं। मैं कुछ भी सुलझा सकता हूं। मुझे इसे ठीक करने दें। (भाषा)