वेशिवाक स्तर पर पूरी दुनिया की राजनीति में हम देखते रहते हैं कि पक्ष-विपक्ष में बहुत कांफ्लिक्ट होते रहता है यानी हर मुद्दे व काम पर आलोचना तर्क-वितर्क के अड़ंगे होते रहते हैं, जो पक्ष और विपक्ष की नीति में वाजिब भी है। मैंने अपने लेखन क्षेत्र में 40 वर्षों की अवधि में बहुत कम बार ऐसा देखा हूं कि पक्ष व विपक्ष मिलकर एक साथ राजनीति से ऊपर उठकर देश के लिए आवाज उठाते हैं, परंतु अभी ऑपरेशन सिंदूर के बाद इसका सटीक उदाहरण पूरे पक्ष-विपक्ष को मिलाकर एक साथ 7 टीमों में करीब 59 संसद सदस्य, विशेषज्ञ पूरी दुनिया में आतंकवाद पर भारत का पक्ष रख रहे हैं जो रेखांकित करने वाली बात है। दूसरी ओर बीते 24 मई 2025 को मैं देर रात तक मोबाइल टीवी और रेडियो के माध्यम से नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग पर एकटक सटीक नजरें लगाए रखा था तथा मीटिंग समाप्त होने के बाद जिस तरह विपक्ष के करीब सभी मुख्यमंत्री की पीएम से आत्मीयता से तथा एक सीएम सर झुकाकर बात कर रहे थे यह देखकर मैं हैरानी से चौका, हालांकि यह सब देखकर सारी जनता भी चौंकी होगी, क्योंकि सोशल मीडिया पर जबरदस्त रूप से यह सब वायरल हो रहा है और पक्ष-विपक्ष के साथ-साथ होने तथा विपक्षी मुख्यमंत्रियों और पीएम की जबरदस्त बॉन्डिंग के समर्थन में जनता के कमेंट्स भी लगातार सोशल मीडिया पर चल रहे हैं उनको देखकर मैं सोच रहा था एक समय था, जब चुनाव हो रहे थे तो यही सब आपस में शाब्दिक बाणों की तलवारें खींच खींचकर एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे थे, लेकिन आज दोस्ती, शालीनता व अति मान सम्मान का माहौल दिख रहा था, जिसे पूरी दुनिया ने हैरानी व अचंभित होकर रेखांकित किया। मेरा मानना है कि यह भारतीय संस्कृृति का कमाल है, पहले ऑपरेशन सिंदूर व अभी भारतीय मिशन 2047 पर 36 में से 31 राज्यों को उपस्थित रहना, तारीफ-ए- काबिल है, जिसका संदेश पूरे विश्व में पहुंच गया कि भारत के विकास और आतंकवाद पर भारत के पूरे 144.2 करोड़ लोग एक साथ खड़े हैं। यानी हमारे लिए राष्ट्र सुरक्षा, आतंकवाद की समाप्ति व राष्ट्र के विकास के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष हम साथ साथ हैं, जो मुझे बहुत अच्छा लगा। इसलिए यदि केंद्र व राज्य सरकारों को मिलाकर टीम इंडिया बने तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, विजन 2047 अपने डेडलाइन के बहुत पहले ही पूरा होगा। नीति आयोग की 10वीं वर्किंग काउंसिल ने विजन विकसित भारत 2047 का खाका खींचा, जिसमें 36 में से 31 राज्यों की जबरदस्त अनुकूल उपस्थिति में पीएम व विपक्षी मुख्यमंत्रियों की जबरदस्त बॉन्डिंग देखी गई।
नीति आयोग की इस बैठक में 36 में से 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शिरकत की, जो अब तक की सबसे ज्यादा भागीदारी है। लेकिन कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल और बिहार ने पहले ही अपनी गैरमौजूदगी की सूचना दे दी थी। बैठक में नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा, यह दिखाता है कि ज्यादातर राज्य सकारात्मक सोच के साथ आए। उन्होंने आगे बताया कि बैठक के एजेंडे में कार्रवाई रिपोर्ट के अलावा दो आइटम शामिल थे। सबसे पहले, बैठक का विषय और एजेंडे में पहला आइटम 'विकसित भारत के लिए विकसित राज्य था। पूरा विचार यह है कि पिछली गवर्निंग काउंसिल में, पीएम ने सभी राज्यों से अपने-अपने राज्य के विजन तैयार करने का आह्वान किया था, ताकि उनके पास ऐसे विजन हों जो बाद में एक बड़े समूह में समाहित हो जाएं। राष्ट्र के लिए विजन। इसलिए मुझे लगता है कि पिछले एक साल से एजेंडा इसी पर आधारित है और यही कारण है कि इस गवर्निंग काउंसिल की बैठक का मुख्य विषय यही रहा। सुब्रह्मण्यम ने आगे कहा कि बैठक में मौजूद सभी लोगों ने सर्वसम्मति से पाक में आतंकी ढांचे को नष्ट करने के लिए भारत की तरफ से शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पीएम ने राज्यों से कृृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया। पीएम ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निवेश को प्रोत्साहित करने और रोजगार पैदा करने के लिए नीतिगत अड़चनों को दूर करने आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर केंद्र सरकार और राज्य मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
राजधानी दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक ने 11 प्वाइंटों में देश के विकास के लिए एक नया खाका खींचा। पीएम ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर 'विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने की दिशा में ठोस कदम उठाए। नीति आयोग की इस बैठक में 36 में से 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शिरकत की, जो अब तक की सबसे ज्यादा भागीदारी है। 'विकसित भारत का मास्टरप्लान बैठक का मुख्य एजेंडा था, 'विकसित भारत के लिए विकसित राज्य। पीएम ने सभी राज्यों से अपने- अपने विकास के विजन को राष्ट्रीय विजन के साथ जोड़ने का आह्वान किया। पीएम ने 'ऑपरेशन सिंदूर को एक बार की पहल नहीं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने आतंकी ढांचों को नष्ट करने में सटीकता और प्रभावशीलता दिखाई। मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने इसके लिए पीएम के नेतृत्व और सशस्त्र बलों की वीरता की प्रशंसा की। पीएम ने नागरिक सुरक्षा तैयारियों को संस्थागत और आधुनिक बनाने पर जोर दिया। हाल ही में हुए मॉक ड्रिल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह नागरिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्यों को इसे प्राथमिकता देनी होगी। पीएम ने राज्यों को अपनेविकास के लिए लंबी अवधि की योजनाएं बनाने को कहा। पीएम ने सहकारी संघवाद (को-आपरेटिव फेडरालिज्म) पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे ताकिविकास की गति को और तेज किया जा सके। नीति आयोग के सीईओ ने बताया कि बैठक में सकारात्मक माहौल रहा। राज्यों ने अपने अनुभव, चुनौतियां और सफलताएं शेयर कीं। हालांकि 5 राज्य बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन नीति आयोग ने साफ किया कि इन राज्यों ने पहले ही अपनी गैर मौजूदगी की सूचना दे दी थी। बैठक में आर्थिक विकास, निवेश और रोजगार सृजन पर भी चर्चा हुई। राज्यों को निवेश आकर्षित करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए नए सुझाव दिए गए। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निवेश को प्रोत्साहित करने और रोजगार पैदा करने के लिए नीतिगत अड़चनों को दूर करने को कहा।