गुवाहाटी : असम में लगातार हो रही मूसलधार बारिश और इसके कारण उत्पन्न हुई कृत्रिम बाढ़ की विकट स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने कामरूप और कामरूप मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में कई अहम निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री ने गुरुवार शाम एक उच्चस्तरीय आपात बैठक के बाद यह घोषणा की कि कामरूप और कामरूप मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के सभी शैक्षणिक संस्थान शुक्रवार 31 मई को बंद रहेंगे। साथ ही इन क्षेत्रों के सभी सरकारी कर्मचारियों को भी विशेष आकस्मिक अवकाश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में पिछले 48 घंटों से हो रही भारी बारिश के कारण गुवाहाटी सहित कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सड़कें जलमग्न हैं, स्कूल-कॉलेजों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है और कई निचले इलाकों में घरों में पानी घुस चुका है। ऐसे हालात में नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए हमने यह निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हिम्मत विश्वशर्म ने कहा कि कामरूप और गुवाहाटी के सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थान कल यानी शुक्रवार को पूर्णत: बंद रहेंगे। यह आदेश सभी सरकारी और निजी संस्थानों पर लागू होगा। शिक्षा विभाग ने संस्थानों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि छात्रों और शिक्षकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि कामरूप और कामरूप मेट्रोपॉलिटन सिटी के सभी सरकारी दफ्तरों में कार्यरत कर्मचारियों को शुक्रवार के दिन विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान किया गया है। हालाँकि, आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि जो कर्मचारी कार्यालय तक सुरक्षित रूप से पहुंच सकते हैं, वे कार्यालय आ सकते हैं और सामान्य रूप से कार्य कर सकते हैं। विशेष रूप से आपात सेवाओं, जल आपूर्ति, स्वास्थ्य, और आपदा प्रबंधन विभागों के कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार ड्यूटी पर बने रहने को कहा गया है। मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार असम के कई जिलों में अगले 48 घंटों तक भारी बारिश की संभावना है। इस कारण सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में रेड अलर्ट घोषित किया है। यह रेड अलर्ट शनिवार तक प्रभावी रहेगा। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जान और सुरक्षा है। हम लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस को सतर्क कर दिया गया है और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने को कहा गया है। मालूम हो कि  गुवाहाटी शहर में स्थिति सबसे गंभीर होती जा रही है। शहर के मुख्य इलाके और निचले क्षेत्रों में भारी जलभराव हो गया है। कई इलाकों में ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।  कुछ स्थानों पर पानी का स्तर इतना बढ़ गया है कि लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।  नगर निगम ने लोगों से अपील की है कि वे स्थानीय प्रशासन के निर्देशानुसार सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें। उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी और उसके आसपास के इलाकों में कृत्रिम बाढ़ की समस्या हर वर्ष गंभीर होती जा रही है। लगातार बारिश के चलते नालों की सफाई न होने और जल निकासी व्यवस्था के कमजोर होने से यह स्थिति उत्पन्न होती है। विशेषज्ञों ने सरकार से स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है। स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी नागरिकों से संयम और सतर्कता बरतने की अपील करते हुए कहा कि इस समय हम सबको मिलकर इस आपदा से निपटना है। सरकार पूरी तरह तैयार है, लेकिन नागरिकों का सहयोग भी उतना ही आवश्यक है। सभी कृपया अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी सूत्रों से ही जानकारी प्राप्त करें। राज्य में मौजूदा हालात को देखते हुए यह स्पष्ट है कि प्रशासनिक सतर्कता और नागरिकों के सहयोग से ही इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से पार पाया जा सकता है। कामरूप और गुवाहाटी के लोगों को सलाह दी जाती है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और यथासंभव घर पर ही रहें। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति में कोई सुधार होने की संभावना नहीं दिख रही है, इसलिए सावधानी और सतर्कता ही सबसे बड़ा उपाय है।

दोबारा फन उठाया तो कुचल देंगे 

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई न तो समाप्त हुई है, न ही रुकी है। उन्होंने पिछले महीने मधुबनी जिले में की गई अपनी रैली का जिक्र करते हुए कहा कि मैं पहलगाम में हुए नृशंस हमले के एक दिन बाद बिहार आया था। पहलगाम हमले में हमारी कई बहनों ने अपने सुहाग खो दिए थे। मैंने वादा किया था कि अपराधियों को ऐसी सजा मिलेगी जिसके बारे में वे सपने में भी नहीं सोच सकते। आज मैं अपना वादा पूरा करके बिहार वापस आया हूं। मोदी ने कहा कि भारत की बेटियों द्वारा लगाए जाने वाले सिंदूर की शक्ति को पाकिस्तान और पूरी दुनिया ने देखा है। आतंकवादी पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में सुरक्षित महसूस करते थे, लेकिन हमने उन्हें घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में बैठे पहलगाम हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं के ठिकानों को मलबे में बदल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने पाकिस्तान के वायु सेना अड्डों और उनके सैन्य प्रतिष्ठानों को भी नष्ट कर दिया। यह नया भारत है और इसकी शक्ति सभी के सामने है। मोदी ने कहा कि दुश्मन को यह समझना चाहिए कि 'ऑपरेशन सिंदूर हमारे तरकश का मात्र एक तीर है। आतंकवाद के खिलाफ युद्ध न तो खत्म हुआ है और न ही रुका है। उन्होंने कहा कि अगर आतंकवाद फिर से अपना फन उठाने की कोशिश करता है तो उसे उसके बिल से खींचकर कुचल दिया जाएगा। प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब कुछ विपक्षी दल सरकार की आलोचना कर रहे है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन के दबाव में सरकार संघर्षविराम पर सहमत हो गई। 

पाकिस्तान के आतंकवाद के 'खतरनाक खेल

चाहिए कि आजादी के बाद से वह भारत के खिलाफ आतंकवाद का जो  'खतरनाक खेल  खेल रहा है, वह अब खत्म हो चुका है। सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए उन तरीकों का इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करेगा, जिनके बारे में पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी धरती से भारत विरोधी गतिविधियां खुलेआम जारी हैं तथा भारत सीमा और समुद्र दोनों तरफ आतंकवादियों के खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। रक्षा मंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह पाकिस्तानी सेना को बांधे रखने में सफल रही। उन्होंने कहा कि जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी धरती पर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, तो अरब सागर में भारतीय नौसेना की आक्रामक तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना को उसके अपने तटों तक ही सीमित कर दिया। सिंह ने नौसेना के कर्मियों को संबोधित करते हुए अपने भाषण में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर महज एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ हर वह तरीका इस्तेमाल करेंगे जो पाकिस्तान सोच सकता है, लेकिन हम उन तरीकों को इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकिचाएंगे जिनके बारे में पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता। रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के हित में यही होगा कि वह अपनी धरती से जारी आतंकवाद को खुद ही उखाड़ फेंके। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंपने से होनी चाहिए। ये दोनों न केवल भारत में 'सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल हैं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र की घोषित आतंकवादियों की सूची में भी हैं। पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह का प्रमुख अजहर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों, 2016 के पठानकोट हमलों और 2019 के पुलवामा हमले के लिए भारत में वांछित है। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी समूह का संस्थापक सईद मुंबई आतंकवादी हमले का षडयंत्रकर्ता माना जाता है और भारत में कई अन्य आतंकवादी मामलों में वांछित है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ अपने नागरिकों की रक्षा करने के भारत के अधिकार को स्वीकार कर रही है। आज दुनिया की कोई भी ताकत भारत को यह काम करने से नहीं रोक सकती। सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की भूमिका की भी सराहना की। पाकिस्तान द्वारा बार-बार वार्ता की पेशकश पर सिंह ने स्पष्ट किया कि यदि वार्ता होगी तो वह केवल आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर होगी। यदि पाकिस्तान वार्ता के लिए गंभीर है तो उसे हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंप देना चाहिए ताकि न्याय हो सके। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने अपनी मौन सेवा से हर भारतीय को प्रभावित किया है। मौन रहकर भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी सेना को (एक सीमा तक) सीमित करने में सफलता हासिल की। 'ऑपरेशन सिंदूर पर उन्होंने कहा कि हमारा हमला इतना शक्तिशाली था कि पाकिस्तान पूरी दुनिया से भारत को रोकने की गुहार लगाने लगा।

जनजीवन अस्त-व्यस्त
लैंडस्लाइड और बार-बार बिजली कटौती की खबरें सामने आई हैं।
जन परिवहन पर भी असर 

शहर में बस सेवाएं बेहद सीमित रहीं, बाइक-टैक्सी सेवाएं लगभग गायब रहीं और रिक्शा चालक भी इस बारिश में सवारी लेने से हिचकिचाते दिखे। जलमग्न सड़कों और ट्रैफिक जाम के बीच कई लोगों को या तो घर लौटना पड़ा या फिर पानी में लंबा रास्ता तय कर कार्यालय पहुंचना पड़ा। 

दुकानदारों की कमाई पर चोट : हाटीगांव क्षेत्र के एक दुकानदार ने बताया कि ग्राहक तो दूर, आधी दुकान पानी में डूबी हुई है। आज बिक्री की जगह बाल्टी और पोछे से पानी निकालते रहे। बारिश ने छोटे व्यापारियों और स्ट्रीट वेंडर्स की कमर तोड़ दी है।

खाने-पीने और सेवाओं पर असर : भारी बारिश का असर फूड डिलीवरी सेवाओं पर भी पड़ा। कई इलाकों में आपके क्षेत्र में सेवा उपलब्ध नहीं है- जैसे संदेश मोबाइल स्क्रीन पर छाए रहे।

अगले 48 घंटे

और समीपवर्ती क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश के कारण शुक्रवार सुबह से शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है। शहर की कई सड़कें पानी में डूबी हुई हैं जिससे यातायात बाधित हो रहा है। गुरुवार शाम से हो रही लगातार बारिश के कारण सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर भारी बारिश हो रही है। गौरतलब है कि आमतौर पर मौसम विज्ञान की दृष्टि से 65.7 मिमी या 6.7 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा को भारी वर्षा के रूप में परिभाषित किया जाता है। बोरझार स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार शाम को बताया कि मानसूनी हवाओं के असम में प्रवेश करने के बाद अगले एक सप्ताह तक आसमान में बादल छाए रहेंगे तथा देश के अधिकांश भागों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। पड़ोसी राज्य मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, भूटान के सीमावर्ती क्षेत्रों और दीमा हसाओ जिले के कुछ हिस्सों में गरज के साथ भारी बारिश की संभावना है। शुक्रवार शाम तक पिछले 24 घंटों में असम में बराक घाटी के मुख्य शहर सिलचर और डिमा हसाओ जिलों के उमरंगसू में सबसे अधिक 150 मिमी या 15 सेमी बारिश हुई है। इसके अलावा, दुनिया में सबसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाने वाले चेरापूंजी में पूर्वोत्तर में सबसे अधिक 380 मिमी या 38 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। इस अवधि के दौरान गुवाहाटी शहर में 55 मिमी बारिश हुई। हालांकि, गुवाहाटी शहर के समीपवर्ती क्षेत्री, सोनापुर, जोराबाट, गढ़भांगा आरक्षित वन और बरनिहाट में 8 सेमी से 11 सेमी बारिश हुई। इस बीच, मानसूनी हवाओं ने असम के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और भूटान में गुरुवार से बारिश हो रही है और अगर यह सिलसिला एक और सप्ताह तक जारी रहा तो राज्य में बाढ़ का खतरा बढ़ने की संभावना है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार शाम दिसपुर के लोकसेवा भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले सप्ताह राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मुख्यमंत्री ने सभी जिला आयुक्तों को संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। वहीं दूसरी ओर राज्य के सभी हिस्सों में मानसूनी हवाओं के चलने से तापमान में काफी गिरावट आई है। इसलिए लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली है। शुक्रवार को राज्य के प्रमुख शहरों में अधिकतम तापमान डिब्रूगढ़ में 25.6 डिग्री सेल्सियस, सिलचर में 27.2 डिग्री सेल्सियस, धुबड़ी में 26.1 डिग्री सेल्सियस, जोरहाट में 25.8 डिग्री सेल्सियस, उत्तरी लखीमपुर में 25.8 डिग्री सेल्सियस और तेजपुर में 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पूर्वोत्तर के स्कॉटलैंड के रूप में जाने जाने वाले शिलांग शहर में अधिकतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  





जीएमसी ने स्टाफ

के कारण, जीएमसी ने अपनी छह इंजीनियरिंग डिवीजनों के सभी कर्मचारियों को तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। पर्यवेक्षण अधिकारियों, इंजीनियरों, सुपरवाइजरों, पंप ऑपरेटरों और जमीनी कर्मचारियों को किसी भी बाढ़ या जलभराव की घटना से तुरंत निपटने के लिए सतर्क रहने को कहा गया है। नगर निगम द्वारा जारी आदेश में सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को स्टैंडबाय मोड में रहने के निर्देश दिए गए हैं। कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि ईंधन की पर्याप्त उपलब्धता हो, और उड़न दस्ते   तथा पंप ऑपरेटर चौबीसों घंटे तैयार रहें। इसके साथ ही, उड़न दस्तों को 24 घंटे उपलब्ध रहने के निर्देश दिए गए हैं और सभी कर्मचारियों को अपने मोबाइल फोन चालू रखने को कहा गया है ताकि समन्वय और संवाद में कोई बाधा न आए। यह निर्देश 30 मई को जारी किया गया है और स्थिति सामान्य होने तक प्रभावी रहेगा।

गुवाहाटी में जलभराव 

इलाकों में जलभराव के कारणों और समाधान पर विचार करना है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में असम और मेघालय सरकारों को संयुक्त रूप से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने का निर्देश दिया था। सीमा से लगे मेघालय के हिस्से में हो रही अनियंत्रित पहाड़ी कटाई को गुवाहाटी के कई हिस्सों में जलभराव की एक प्रमुख वजह माना जा रहा है। 

कई जगहों में 

हुई। शुक्रवार दोपहर को आमगांव के नंद रोड के निवासी अब्दुल कुद्दूस के घर के बाथरूम पर पहाड़ी की चोटी से जमीन का बड़ा हिस्सा गिर गया जिससे घर का काफी नुकसान हुआ। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि पहाड़ी पर पूर्णिमा शर्मा की टर्म लीज की जमीन पर काबिज श्याम राय और उनकी पत्नी बिंदु राय ने नाला खोद कर पहाड़ी के ऊपर से मिट्टी गिरा दी थी जिसके कारण भूस्खलन हो गया। हालांकि, भूस्खलन की घटना से अब्दुल कुद्दुस का परिवार बच निकलने में कामयाब रहा। भूस्खलन की तीसरी घटना क्षेत्री पहाड़ी में हुई। भूस्खलन से एक परिवार का घर क्षतिग्रस्त हो गया। उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी शहर में बरसात के मौसम में भूस्खलन की घटना विशेष रूप से सामने आती है। गुवाहाटी शहर में बड़ी और छोटी 17 पहाड़ियां हैं और बरसात में भूस्खलन के डर से यहां के निवासियों की नींद उड़ जाती है। वर्तमान समय में गुवाहाटी शहर की पहाड़ी इलाके भारी बारिश के कारण खतरनाक हो गए हैं और किसी भी समय गंभीर स्थिति उत्पन्न होने का खतरा है। मौजूदा हालात में पहाड़ी इलाकों में कभी भी दुर्घटना होने का खतरा बना हुआ है। कामरूप महानगर जिला प्रशासन ने भूस्खलन को लेकर चेतावनी जारी की है और लोगों को भूस्खलन वाले इलाकों को दूर रहने का आदेश दिया गया है। गौरतलब है कि प्रशासन ने गुवाहाटी के खारघुली, नवग्रह, नुनमाटी, कामाख्या, चांदमारी, काहिलीपाड़ा, खानापाड़ा, बोंदा, चुनचाली, लिचुबागान, हेंगराबाड़ी, नरकासुर, दुर्गा सरोवर, फटाशिल के पहाड़ी इलाकों को संवेदनशील भूस्खलन वाले इलाकों के रूप में चिन्हित किया है।

गुवाहाटी में कृृत्रिम 

रुक्मिणीगांव, बशिष्ठपुर और अन्य क्षेत्रों में बहुत अधिक पानी है। मेघालय से बड़ी मात्रा में पानी खानापाड़ा के कैनाधारा में आता है। हम इस पानी को निकालने के लिए दो चैनलों पर काम कर रहे हैं। जब तक यह चैनल पूरा नहीं हो जाता, तब तक समस्या का समाधान संभव नहीं होगा। हम कैनाधरा से गुरुद्वारा, पामही दीपर बील से होते हुए ब्रह्मपुत्र तक एक चैनल विकसित कर रहे हैं। खानापाड़ा से सिलशाको और बोंदाजान होते हुए पीएनआरवी कार्यालय के पीछे जुरीपार होते हुए ब्रह्मपुत्र तक एक और चैनल भी विकसित कर रहे हैं। जब तक ये दो चैनल पूरे नहीं हो जाते, कृत्रिम बाढ़ की समस्या का समाधान नहीं होगा। रुक्मिणी गांव और बशिष्ठपुर की पानी की समस्या को हल करने के लिए लखिमीजान और मरा नदी खोदने की जरूरत है। इसके लिए भी हमें लोगों की मदद चाहिए। 

आलाकमान ने असम में 

उन्होंने बताया कि खरगे और राहुल गांधी की तरफ से यह निर्देश दिया गया कि असम की जनता की आवाज को उठाना है और खासतौर पर कि वहां जो माफिया राज चल रहा है, मुख्यमंत्री और उनका पूरा परिवार जिस तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है, उसे बेनकाब करने की जरूरत है। सिंह ने कहा कि हमारे होनहार, नौजवान और जुझारू अध्यक्ष गौरव गोगोई जी के नेतृत्व में किस तरह से चुनाव आगे लड़ा जाएगा, इसको लेकर बातचीत की गई है। गोगोई ने कहा कि हमें मिशन 2026 का लक्ष्य दिया गया है। इस लक्ष्य के तहत सांप्रदायिक राजनीति, भ्रष्टाचार करने वाली सरकार को हटाना और न्याय सुनिश्चित करना है, सबको सामाजिक न्याय दिलाना है। उन्होंने दावा किया कि असम में भाजपा सरकार लोगों के सपनों को कोई तवज्जों नहीं दे रही है और ऐसे में लोगों को कांग्रेस से आशा है। गोगोई ने कहा कि असम के लोग जानते हैं कि मुख्यमंत्री झूठ फैला रहे हैं और एकजुट कांग्रेस से डरे हुए हैं। असम में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव संभावित है। विधानसभा चुनाव में करीब एक साल बाकी है। पिछले सोमवार को लोकसभा सदस्य गौरव गोगोई को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। असम विधानसभा के सदस्य जाकिर हुसैन सिकदर, पूर्व विधायक रोजलीना तिर्की और प्रदीप सरकार को पार्टी की असम इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। 

रंगा नदी, कपिली 

परिसर क्षेत्र में 45.80 मिमी और शिलघाट परिसर क्षेत्र में 45.80 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं दूसरी ओर कपिली नदी के तटवर्ती बड़े इलाकों में जल्द ही बाढ़ आने का खतरा है। डिमा हसाओ, कार्बी आंग्लांग पहाड़ी जिले और मेघालय में हो रही भारी बारिश के कारण डिमा हसाओ जिले में कपिली जलविद्युत परियोजना और कार्बी आंग्लांग जिले में कार्बीलंगपी जलविद्युत परियोजना में जलस्तर बढ़ गया है। इसलिए दोनों जलविद्युत परियोजनाओं ने गेट खोल दिए हैं। कपिली जलविद्युत परियोजना के पांच गेट खुले हैं और गेट से पानी कपिली नदी में बह रहा है। कार्बीलंगपी जलविद्युत परियोजना के पांच गेट खोले जाने के बाद बरपानी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। परिणामस्वरूप कछुआ के लॉन्ग जाप क्षेत्र में नेपाली बस्ती में दो जगहों पर  पहले से ही खुले बांध के कारण बरपानी नदी की बाढ़ से व्यापक क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर पड़ोसी अरुणाचल प्रदेश और लखीमपुर जिले में भारी बारिश के कारण पिछले तीन दिनों से लखीमपुर जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। निपको ने शुक्रवार को रंगानदी में तीन गेटों से पानी छोड़ा है। इसके परिणामस्वरूप लखीमपुर के निचली हिस्से में स्थिति बहुत खराब है। शहर प्रशासन ने आज रेड अलर्ट घोषित करके लोगों को सचेत कर दिया है।