यूएस के ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत कार्रवाई
अगला कदम ईरानी सरकार पर निर्भर : अमरीका

तेल अवीव :  इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब अमरीका भी कूद पड़ा है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों को मजबूती प्रदान करते हुए अमरीका ने रविवार तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए। ये ठिकाने फोर्डो, नतांज और इस्फहान हैं। हमला भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4.30 बजे हुआ। ईरान पर हमले के करीब 13 घंटे बाद अमरीकी रक्षा मंत्रालय ने हमले की डिटेल दी है। जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने बताया कि इस मिशन में 125 एयरक्राफ्ट शामिल थे। इस ऑपरेशन में 7 बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया, जिन्होंने ईरान के फोर्डो और नतांज न्यूक्लियर ठिकानों पर 13,608 किलो वजनी बस्टर बम गिराए। ईरान के न्यूक्लियर साइट्स तबाह किए। ईरान की जवाबी कार्रवाई की धमकी के बीच लंबे समय से दुश्मन रहे ईरान को कमजोर करने के लिहाज से यह एक जोखिम भरा कदम माना जा रहा है, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष छिड़ने की आशंका है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'व्हाइट हाउसÓ (अमरीका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान के प्रमुख परमाणु केंद्रों को 'पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया हैÓ। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि कूटनीति का दौर बीत गया और उनके देश को आत्मरक्षा का अधिकार है। उन्होंने तुर्किये में एक सम्मेलन में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अमरीका में युद्धोन्मादी, अराजक प्रशासन इस आक्रामक कृत्य के खतरनाक और दूरगामी प्रभावों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। हमलों के बाद से किसी उच्च पदस्थ ईरानी अधिकारी द्वारा की गई यह पहली टिप्पणी। अरागची ने यह भी कहा कि अमरीका ने सारी हदें पार कर दी हैं और कल रात जो हुआ वह सबसे खतरनाक था। कल रात को उन्होंने परमाणु केंद्रों पर हमला करके सारी हदें पार कर दीं। उन्होंने कहा कि रविवार को बाद में वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए मॉस्को जाएंगे क्योंकि अमरीका इजराइल के साथ क्षेत्रीय युद्ध में कूद गया है। ईरान की परमाणु एजेंसी ने रविवार को पुष्टि की कि उसके फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु केंद्रों पर हमले हुए हैं। संगठन ने अपने बयान में कहा कि ईरान का परमाणु ऊर्जा संगठन राष्ट्र को आश्वासन देता है कि अपने दुश्मनों की बुरी साजिशों के बावजूद वह अपने हजारों क्रांतिकारी और प्रतिबद्ध वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों के प्रयासों से उठ खड़ा होगा। ईरान और संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने कहा कि हमलों के बाद विकिरण के कोई संकेत नहीं है। 'एसोसिएटेड प्रेस (एपी) ने अमरीकी हमले के बाद ली गई उपग्रह तस्वीरों का विश्लेषण किया है। इन तस्वीरों में फोर्दो परमाणु केंद्र के प्रवेश द्वारों को नुकसान पहुंचा नजर आ रहा है और हवा में हल्के भूरे रंग का धुआं छाया हुआ नजर आ रहा है। 'प्लैनेट लैब्स पीबीसी की तस्वीरों में पर्वतीय क्षेत्र को भी नुकसान पहुंचा दिख रहा है। हमले के बाद क्षति का कोई स्वतंत्र आकलन नहीं किया गया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या अमरीका अपने सहयोगी इजराइल के साथ ईरान पर हमला जारी रखेगा। इजराइल ने पिछले नौ दिन से ईरान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। ट्रंप ने कांग्रेस (अमरीकी संसद) की अनुमति के बिना यह कार्रवाई की तथा उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने अमरीकी सेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की तो और अधिक हमले किए जाएंगे।



उन्होंने कहा कि ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी। ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमरीका ने 'ईरान के खिलाफ खतरनाक युद्ध शुरू किया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि ईरान अमरीकी सैन्य आक्रमण और शासन द्वारा किए गए अपराधों के खिलाफ पूरी ताकत से विरोध करने तथा ईरान की सुरक्षा एवं राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का अधिकार रखता है। अमरीकी हमलों के कुछ देर बाद ईरान के अर्द्धसैनिक 'रिवोल्यूशनरी गार्ड ने कहा कि उसने इजराइल पर 40 मिसाइल दागी, जिसमें उसका 'खोर्रमशहर-4Ó मिसाइल भी शामिल है। इजराइल के अधिकारियों ने बताया कि 80 से अधिक लोग घायल हुए हैं और अधिकतर को मामूली चोटें आई हैं। हालांकि तेल अवीव में एक बहुमंजिला इमारत को काफी नुकसान पहुंचा है। ईरान की बमबारी के बाद इजराइल की सेना ने कहा कि उसने ईरानी मिसाइल लांचरों को 'तेजी से बेअसर कर दिया और पश्चिमी ईरान में सैन्य लक्ष्यों की ओर कई हमले करने शुरू कर दिए। ईरान यह कहता रहा है कि उसके परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हैं, साथ ही अमरीकी खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि ईरान सक्रिय रूप से बम निर्माण नहीं कर रहा है। हालांकि ट्रंप और इजराइल के नेताओं ने दावा किया कि ईरान जल्द परमाणु हथियार तैयार कर सकता है, जिससे वह एक आसन्न खतरा बन जाएगा। अमरीका और इजराइल के अधिकारियों ने कहा है कि 'अमरीकन स्टील्थ बॉम्बर और 30,000 पाउंड वजनी 'बंकर-बस्टर बम ने जमीन के अंदर गहरे में स्थापित ईरानी परमाणु केंद्रों को नष्ट कर दिया। 'बंकर-बस्टिंग बम को 'जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर के रूप में जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल जमीन के भीतर लक्ष्य को भेदने और विस्फोट में किया जाता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों की घोषणा की। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी 'इरना ने अपनी खबर में देश के फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु केंद्रों को निशाना बनाकर किए गए हमलों की पुष्टि की। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि हमने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों फोर्दो, इस्फहान और नतांज पर सफलतापूर्वक हमला किया। उन्होंने कहा कि हमले को अंजाम देने के बाद सभी विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर आ गए हैं। ट्रंप ने बाद में पोस्ट में लिखा कि यह अमरीका, इजराइल और दुनिया के लिए ऐतिहासिक क्षण है। ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। धन्यवाद! इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर हमले करने के अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के लिए उनकी सराहना की है। नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में ट्रंप से कहा कि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का आपका साहसिक निर्णय इतिहास बदल देगा...। इजराइल ने करीब एक सप्ताह से अधिक समय से ईरान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है और उसकी हवाई रक्षा एवं मिसाइल क्षमताओं को व्यवस्थित रूप से नष्ट करने के साथ परमाणु संवर्धन इकाइयों को नुकसान पहुंचा रहा है, जिसके बाद अमरीका को सीधे तौर पर इसमें शामिल करने का निर्णय लिया गया है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख ने कहा है कि वह इस संबंध में सोमवार को बैठक करेंगे।  इजराइल पर ईरान के मिसाइल हमलों में देश के उत्तरी और मध्य क्षेत्र के इलाके प्रभावित हुए हैं। इन हमलों में इजराइल में कम से कम 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने अमरीकी हमलों को लेकर सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाने का आह्वान किया। एपी को मिले एक पत्र में राजदूत आमिर सईद ईरावानी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली निकाय को अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अमरीका को जवाबदेह ठहराने के लिए 'सभी आवश्यक उपाय करने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमरीका के बम हमलों से बेहद चिंतित हैं। गुतारेस ने एक बयान में कहा कि इस बात का जोखिम है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है जिसके नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।  दूसरी ओर अमरीका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को कहा कि अगला कदम ईरानी सरकार पर निर्भर है।  रुबियो ने सीबीएस के 'फेस द नेशन पर कहा कि अगर शासन शांति चाहता है, तो हम शांति के लिए तैयार हैं। अगर वे कुछ और करना चाहते हैं, तो वे बिल्कुल असुरक्षित हैं। वे अपने स्वयं के हवाई क्षेत्र की भी रक्षा नहीं कर सकते। रुबियो ने ईरान को क्षेत्र के उन देशों पर हमलों के खिलाफ भी चेतावनी दी, जहां अमरीकी सैन्य अड्डे हैं।