अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई को अचानक भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू हो जाएगा। ट्रंप का कहना है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाला देश है। ट्रंप ने यह भी कहा है कि भारत रूस से सबसे ज्यादा कच्चा तेल तथा सैन्य साजो-सामान खरीदता है। अमरीका रूस से हो रही खरीददारी पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगायेगा। ट्रंप ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए अमरीका सहित दुनिया के देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाये हैं, ङ्क्षकतु भारत और चीन जैसे देश प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहे हैं। इससे रूस की अर्थ-व्यवस्था मजबूत होती है। एक दिन पहले यानी 29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि दुनिया के किसी भी देश ने भारत को पाकिस्तान से युद्ध बंद करने के लिए नहीं कहा। दूसरी तरफ ट्रंप लगातार यानी 30 बार कह चुके हैं कि उन्होंने ही भारत-पाकिस्तान का युद्ध व्यापार बंद करने की धमकी देकर रुकवाया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भारतीय नेताओं द्वारा बार-बार खंडन करने के बावजूद ट्रंप का युद्ध रुकवाने का दावा करना समझ से परे है। आज लोकसभा में भी 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का मुद्दा प्रमुखता से उठा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा को बताया कि सरकार अमरीका की घोषणा से भारत पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन कर रही है। सरकार भारतीय निर्यातकों, उद्योगों तथा सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर रही है। लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कृृषि, डेयरी तथा एमएसएमई क्षेत्रों के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। भारत की बड़ी आबादी कृृषि एवं डेयरी क्षेत्र पर निर्भर है। अमरीका चाहता है कि भारत इस क्षेत्र को अमरीकी कंपनियों के लिए खोल दे। अगर ऐसा हुआ तो भारत का कृृषि, डेयरी तथा एमएसएमई क्षेत्र पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा जिससे किसानों, मजदूरों, छोटे उद्योगपतियों, निर्यातकों आदि को नुकसान उठाना पड़ेगा। भारत तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। औद्योगिक क्षेत्रों के साथ-साथ रक्षा के क्षेत्र में भी भारत तेजी से आगे बढ़ा है। वैश्विक विकास में भारत की भागेदारी 16 प्रतिशत है। अमरीका पहले से ही स्टील और अल्युमोनियम पर 50 प्रतिशत तथा ऑटो सेक्टर पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा चुका है। चीन को छोड़कर बाकी एशियाई देशों पर अमरीका ने 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इस वर्ष 5 अप्रैल को अमरीका ने भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया था जिसे 9 अप्रैल से लागू होना था। ट्रंप ने अचानक अपने इस आदेश को तीन महीने के लिए स्थगित कर दिया था, फिर इसे बढ़ाकर 1 अगस्त किया गया। टैरिफ के मामले में दोनों देशों के बीच चार दौर की वार्ता हो चुकी है तथा पांचवें दौर की वार्ता 25 अगस्त से शुरू होनी है। इसी बीच ट्रंप का नया कदम भारत पर दबाव डालने के रूप में देखा जा रहा है। इससे दोनों देशों के व्यापार में 15 से 20 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। ट्रंप के इस कदम से भारत और अमरीका के बीच व्यापार प्रभावित होने के साथ-साथ रणनीतिक संबंधों पर भी असर पड़ना निश्चित है। चीन के खिलाफ ङ्क्षहद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बढ़ रहा सहयोग प्रभावित होगा। भारत अमरीका के साथ आई समस्या को देखते हुए दूसरे विकल्प का तलाश करेगा जिससे अमरीका को एक बड़ा साझेदार खोना पड़ सकता है।