अक्सर लोग वजन घटाने के लिए वर्कआउट के अलावा डाइटिंग का सहारा भी लेते हैं। चाहे आप इंटरमिटेंट डाइटिंग पर हो या फिर कम कार्ब्ज वाली डाइट पर, कैलोरी को एक निश्चित स्तर तक सीमित करना या कार्ब और वसा का सेवन कम करने से लंबे समय में आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। डाइटिंग करने के हो सकते हैं ये साइड-इफेक्ट्सः
1. थकानः कम खाना खाने से आपके शरीर की ऊर्जा जलाने की क्षमता खत्म हो जाएगी, जिससे थकान हो सकती है।
2. मूड स्विंग्जः जब हम डाइट पर जाते हैं, तो हम ऐसे स्नैक्स या खाने की चीजों से दूर रहते हैं, जो हमें खुश और संतुष्ट करते हैं। इसलिए डाइटिंग करने से मूड स्विंग्ज की समस्या हो सकती है।
3. मसल मास की कमीः कई रिसर्च में ये देखने को मिला है कि ज्यादा डाइटिंग की वजह से असल में, वजन बढ़ सकता है और मसल मास में कमी आ सकती है।
4. जरूरी पोषक तत्वों की कमीः आमतौर पर जब आप परहेज कर रहे होते हैं, तो खाने में कार्ब्स, वसा और कैलोरी का सेवन कम करना होता है। जिसकी वजह से खाने के साथ मिलने वाले फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स जैसे जरूरी पोषक तत्वों के भी शरीर में कमी हो जाती है।
5. ईटिंग डिसऑर्डर होने का जोखिमः डाइटिंग वजन घटाने के लिए शुरू की जाती है, लेकिन इसकी वजह से कई बार ईटिंग डिसऑर्डर की दिक्कत शुरू हो जाती है।
6. कब्जः जब आप डाइटिंग शुरू करने की सोचते हैं, तो ये इसका असर आपके पाचन पर भी पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि डाइटिंग करते वक्त आप फाइबर युक्त खाना कम खाते हैं, जिसकी कमी से कब्ज होने का खतरा रहता है।
7. बाल झड़नाः डर्मेटोलॉजी प्रैक्टिकल एंड जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, उचित पोषण की कमी आपके बालों के रोम को कमजोर करती है और बालों के अधिक उत्पादन को भी रोकती है।
8. मासिक धर्म चक्र पर भी पड़ता है प्रभावः डाइट में बदलाव और वजन घटना मासिक धर्म चक्र में उतार-चढ़ाव का कारण हो सकता है। इसलिए डाइटिंग करने से पहले आहार विशेषज्ञ से परामर्श करना हमेशा उचित होता है, जो आपका सही मार्गदर्शन कर सकता है।