पिछले कुछ महीनों से कश्मीर घाटी में लक्षित हत्याओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। जम्मू-कश्मीर के विकास से तिलमिलाया पाकिस्तान आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने में लगा हुआ है। इसका नतीजा यह हुआ है कि कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओ पर हमले बढ़े हैं। इससे घाटी में रहने वाले हिंदुओ में काफी भय व्याप्त हो गया है। पिछले 26 दिनों के दौरान कश्मीर घाटी में आठ लक्षित घटनाएं हुई हैं। दो जून को आतंकियों ने बैंक प्रबंधक विजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। इससे पहले 31 मई को कश्मीर घाटी के कुलगाम में आतंकियों ने महिला स्कूल टीचर रजनीबाला की हत्या कर दी थी। इससे पहले 25 मई को बडगाम में टीवी महिला कलाकार अमरीन भट्ट की हत्या कर दी गई थी। यह सिलसिला पिछले 7 मई से ही शुरू हो गया था। 7 मई को श्रीनगर में सिपाही गुलाम हसन डार को आतंकियों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। 12 मई को बडगाम में सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट तथा 13 मई को पुलवामा में निहत्थे सिपाही रियाज अहमद की हत्या कर दी गई थी। फिर 17 मई को राजौरी में सेल्समैन रंजीत सिंह पर ग्रेनेड से हमला हुआ, जबकि 24 मई को श्रीनगर में पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी को मौत के घाट उतार दिया गया। कश्मीर घाटी में हो रही यह घटनाएं गंभीर चिंता का विषय है। मालूम हो कि कश्मीर घाटी के कुलागम, बांदीपोरा, अनंतनाग, बारामुला एवं सोपिया में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित एवं दूसरे हिंदू कर्मचारी काम करते हैं। बढ़ती घटनाओं ने इनके अंदर खौफ पैदा कर दिया है। अभी तक लगभग सौ हिंदू कर्मचारी घाटी से पलायन कर जम्मू की ओर रवाना हो चुके हैं। कई जगहों पर इस घटना के विरोध में भारी प्रदर्शन भी हुआ है। नवगठित कश्मीर अल्पसंख्यक फोरम ने सरकार को चेतावनी देते हुए सामूहिक पलायन करने का ऐलान किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्य की स्थिति पर नजर लगाए हुए है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन जून को कश्मीर की स्थिति पर उच्चस्तरीय बैठक करने वाले हैं। कश्मीरी पंडित एवं दूसरे हिंदू लोगों की कॉलोनियों के बाहर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था कर दी गई है। अनावश्यक रूप से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है। अगर जम्मू-कश्मीर में शांति कायम करना है तो सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे तथा वहां रहने वाले हिंदुओ की सुरक्षा करनी होगी। पंजाब में भी बहुत दिनों के बाद स्थिति बिगडऩे के संकेत मिल रहे हैं। मशहूर गायक सिद्धू मुसेवाला की हत्या इसका जीता जागता उदाहरण है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद खालिस्तानियों के हौसले बढ़े हुए हैं। भगवंत मान सरकार ने 424 वीआईपी लोगों की सुरक्षा में कमी की थी। उसके अगले दिन ही मुसेवाला की हत्या हो गई। अब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए सभी 424 लोगों की सुरक्षा पुन: बहाल करने का निर्देश दिया है। पंजाब के आतंकियों के तार कनाडा से जुड़े हुए हैं। कनाडा के गैंग स्टार गोल्डी बराड़ ने इस हत्या की जिम्मेवारी ली है। पंजाब पुलिस का कहना है कि तिहाड़ जेल में बंद लारेंस बिश्नोई के इशारे पर यह हत्या की गई है। जम्मू-कश्मीर एवं पंजाब में बढ़ती आतंकी गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है। नरेंद्र मोदी सरकार को जम्मू-कश्मीर की स्थिति सुधारने के लिए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। वहां रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों का विश्वास फिर से हासिल करने के लिए पहल करने की जरूरत है।