नुमलीगढ़ रिफायनरी लि. (एनआरएल) प्रबंधन ने मंगलवार को पूर्वांचल प्रहरी में छपी खबर पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि एनआरएल के शेयर कैपिटल में से बीपीसीएल के इक्विटी शेयर होल्डिंग की ही बिक्री की गई है। एनआरएल का शेयर ऑयल इंडिया लि., इंजीनियर इंडिया लि. (ईआईएल) तथा असम सरकार को आंशिक तौर पर बेचा गया है। ये दोनों भागीदार सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग के अंतर्गत हैं। इस परिप्रेक्ष्य में एनआरएल की सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम की स्थिति बरकरार रहेगी। एनआरएल की निजीकरण किए जाने की कोई योजना नहीं है। गौरतलब है कि एनआरएल का ज्यादातर हिस्सा (61.65 प्रतिशत) बीपीसीएल के पास था, जो अभी निजीकरण की राह पर है। असमवासियों की मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने एनआरएल के सार्वजनिक क्षेत्र की स्वीकृति को बनाए रखने के लिए एनआरएल को बीपीसीएल से बाहर रखने का फैसला किया है। एनआरएल में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग ऑयल तथा ईआईएल के साथ-साथ असम सरकार का हिस्सा भी बढ़ाया गया है। अतः एनआरएल के बिक जाने का सवाल ही नहीं उठता।