पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश में भी समय-समय पर हिंदुओं पर हमले की घटनाएं होती रहती हैं। कुछ दिन पहले इस्लाम के कथित अपमान से संबंधित फेसबुक पर पोस्ट करने को लेकर बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में काफी बवाल हुआ। नफरती गैंग ने पिछले शुक्रवार की नमाज अता करने के बाद इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उसके दो दिन बाद कट्टरपंथियों ने गांव में घुसकर घरों और दुकानों में आग लगा दी। उपद्रवियों ने राधा-गोविंद मंदिर में घुसकर तोड़-फोड़ की। इस पूरे मामले में प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। पोस्ट करने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, किंतु उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। बांग्लादेश में लगभग 16.5 करोड़ की आबादी है, जिसमें 15 करोड़ मुस्लिम तथा डेढ़ करोड़ हिंदू रहते हैं। बांग्लादेश की कुल आबादी का केवल 9 प्रतिशत ही हिंदू बचे हैं। पिछले सरकारों की तरह शेख हसीना के राज्य में भी तुष्टीकरण की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे कट्टरपंथियों के हौसले बुलंद हुए हैं। इससे पहले भी दुगापूजा के समय ढाका में कई दुर्गापूजा पंडालों में हमले की घटना हुई थी। उपद्रवियों ने इस्कान मंदिर में घुसकर तोड़-फोड़ की तथा मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया। बांग्लादेश में भी जबरन धर्म परिवर्तन एवं हिंदुओं को प्रताड़ित करने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना व्याप्त है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि भारत सरकार द्वारा इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से नहीं उठाया गया है। देश में धर्म-निरपेक्षता का पाठ पढ़ाने वाली शक्तियां भी इस घटना के विरोध में कोई बयान नहीं दे रही हैं। पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की हालत और बदतर है। अपहरण, हत्या, जबरन धर्म परिवर्तन एवं हिंदू लड़कियों से जबरन शादी की घटनाएं आम बात हो गई हैं। पाकिस्तान का प्रशासन चुपचाप तमाशा देखते रहता है। पिछले कुछ महीनों के दौरान पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों को क्षतिग्रस्त करने एवं मूर्तियों को खंडित करने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। वहां के कट्टरपंथियों एवं जेहादियों के भय से बहुत से हिंदू लोग या तो पाकिस्तान छोड़ रहे हैं या अपना धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। एक छोटी-सी घटना पर बवाल मचाने वाले खाड़ी के देश भी पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर हमले के बारे में कोई बयान नहीं दे रहे हैं। खाड़ी के देशों को इन दोनों देशों को नसीहत देनी चाहिए। चीन जैसा देश शिंजियांग प्रांत में मुसलमानों कहर ढा रहा है, किंतु पाकिस्तान एवं खाड़ी के देश अपनी जुबान बंद कर रखे हैं। केवल उन लोगों को भारत ही दिखाई देता है। मोदी सरकार को बांग्लादेश एवं पाकिस्तान में हो रहे हिंदुओं पर हमले की घटना के खिलाफ जोरदार प्रतिरोध करना चाहिए। इस घटना को संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय फोरम पर भी उठाया जाना चाहिए। जब तक ऐसे कट्टरपंथी एवं जेहादी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होगी तब तक ऐसी पुनरावृत्ति होती रहेगी। कूटनीतिक माध्यम से भी भारत को दोनों देशों की सरकारों पर दबाव बनाने के लिए पहल करनी चाहिए।