पिछले कुछ महीनों से असम में जिहादी गतिविधियों में काफी तेजी आई है। असम पुलिस के अनुसार ब्रह्मïपुत्र के चर इलाके जिहादियों की घाटी बन गए हैं। बरपेटा जिला जिहादियों के लिए हॉट स्पाट बन गया है। पुलिस के अनुसार बरपेटा जिले में कई जिहादी मॉड्ïयूल काम कर रहे हैं। बरपेटा के अलावा नलबाड़ी एवं ग्वालपाड़ा के चर इलाके भी जिहादियों के गढ़ बने हुए हैं। असम पुलिस ने हाल ही में मोरीगांव में एक मदरसे के संचालक मुफ्ती मुस्तफा सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मुस्तफा की पत्नी स्मिता खातून एवं उसके भाई जकरिया को पूछताछ के लिए पकड़ा है। जांच आगे बढऩे के साथ-साथ नए-नए खुलासे भी हो रहे हैं। पुलिस ने मुस्तफा के मामा जो पश्चिम भेरभेरी मदरसा का शिक्षक है को भी गिरफ्तार किया है। असम में अलकायदा एवं दूसरे आतंकी संगठनों के जिहादी नेटवर्क काम कर रहा है। असम में जिहादी शिक्षक, व्यापारी एवं राजमिस्त्री जैसे छोटे-मोटे करने वाले आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे हैं। असम के दो सौ से ज्यादा निजी मदरसे असम पुलिस के राडार पर हैं। मालूम हो कि राज्य में 950 निजी मदरसे चल रहे हैं। पुलिस को संदेह है कि इनमें से 200 से ज्यादा मदरसों में जिहादी प्रशिक्षण दिए जाते हैं एवं उन मदरसों से राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चलायी जाती हैं। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने कहा है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए निजी धार्मिक मदरसों पर नियंत्रण के लिए सरकार कानून लाने पर विचार कर रही है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे कट्टïरपंथी संगठन भी देश में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश में हैं। राजस्थान और पश्चिम बंगाल से पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए हैं। पटना से भी गजवा-ए-हिंद के दो आतंकी पकड़े गए हैं। इन पर आरोप है कि ये लोग प्रधानमंत्री की बिहार यात्रा के दौरान उनकी हत्या की साजिश रचने वाले थे। इन दोनों ने पुलिस को सनसनीखेज बयान दिया जिसमें कहा गया है कि इस संगठन का उद्देश्य 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। दिल्ली में हुए शाहीन बाग एवं जहांगीरपुर कांड, राजस्थान एवं पश्चिम बंगाल में हुई घटनाओं तथा कर्नाटक की घटनाओं में पीएफआई का हाथ बताया जाता है। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एवं हिजाब के समर्थन में चलाए गए आंदोलन में पीएफआई की भूमिका रही है। अब तक हुए खुलासे के अनुसार पीएफआई अपने कैडरों को हथियार चलाने से लेकर हर तरह का प्रशिक्षण देता है। इस पूरे मामले में केंद्र सरकार सजग है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने देश के मुस्लिम समाज के सूफी-संतों के साथ बैठक कर उनको इस खतरे से आगाह किया है। उस बैठक में सर तन से अलग करने का नारा देने वाले लोगों के बारे में भी चर्चा हुई। सूफी-संतों का स्पष्ट मत था कि धर्म के नाम पर देश में गड़बड़ी नहीं फैलायी जा सकती। सूफी-संतों ने पीएफआई जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की भी मांग की है। डोभाल ने कहा कि धर्म के नाम पर इस तरह की कारगुजारी से देश का माहौल खराब होता है तथा बाहर के देशों में भारत की छवि प्रभावित होती है। कुछ राष्ट्रविरोधी शक्तियां यह नहीं चाहती है कि भारत में विकास की प्रक्रिया तेज हो। चीन और पाकिस्तान जैसे कुछ देश ऐसे लोगों को फंडिंग कर भारत में माहौल बिगाडऩे के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अलकायदा एवं आईएस जैसे संगठन भारत में अपनी पैठ बनाने के लिए जिहादी नेटवर्क का सहारा ले रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आईएस के खिलाफ देश छह राज्यों के 13 संदिग्ध ठिकानों पर कार्रवाई की है। ऐसी खबर है कि यह आतंकी संगठन सोशल मीडिया के माध्यम से भारत में जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है। गिरफ्तार जिहादियों से मिले खुफिया जानकारी के आधार पर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात एवं महाराष्ट्र में छापे मारे गए हैं। असम में भी स्थिति गंभीर है, क्योंकि बांग्लादेश के कई कट्टïरपंथी एवं आतंकी संगठन राज्य के चर इलाके में सक्रिय हैं। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना होगा।
बढ़ती जिहादी गतिविधियां
