उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले का 35 हेक्टेयर क्षेत्र हरित पट्टी पैटर्न पर विकसित किया जाएगा। जिसमें जिले से होकर गुजरने वाले दो हाइवे सहित आठ स्थानों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही अन्य सडक़ों व नहरों की पटरियों के किनारे खाली स्थानों पर 11235 ब्रिकगार्ड पौधों का रोपण भी आगामी वर्षाकाल में कराया जाएगा। वन विभाग ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। बीते दिसम्बर को अमेठी आए केन्द्रीय सडक़ परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रायबरेली से जगदीशपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के 46 किमी मार्ग के चौड़ीकरण कार्य का शिलान्यास किया था। इस मार्ग के चौड़ीकरण में अमेठी जिले के अन्तर्गत बाधक बन रहे 3310 वृक्षों के काटने की स्वीकृति कार्यदायी संस्था एनएचएआई ने वन विभाग से प्राप्त कर ली है। जिसके एवज में एनएचएआई ने काटे जाने वाले इन वृक्षों का दस गुना कुल 33110 पौधों के रोपण के लिए वन विभाग को धनराशि उपलब्ध करा दी है। जिले में जिन सडक़ों व क्षेत्रों को ग्रीन बेल्ट पैटर्न पर विकसित करने के लिए पौधरोपण कराया जाएगा उनमें तिलोई क्षेत्र का जौनपुर-लखनऊ हाइवे व इन्हौंना ड्रेन, मुसाफिरखाना क्षेत्र का जलालपुर तिवारी, सरैया सबलशाह व सिन्दुरवा में ग्राम समाज की भूमि, अमेठी क्षेत्र में टांडा-बांदा हाइवे तथा गौरीगंज क्षेत्र में जौनपुर ब्रांच नहर पर गोगमऊ से रेसी तक व बहोरखा में ग्राम समाज की भूमि पर पौधरोपण शामिल है। इन क्षेत्रों की कुल 35 हेक्टेयर भूमि पर 21875 पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही अन्य खाली सडक़ों, नहरों व स्थानों पर 11235 ब्रिकगार्ड पौधे भी लगाए जाएंगे। जिस 35 हेक्टेयर क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट पैटर्न पर विकसित किया जाएगा उनमें एक निश्चित दूरी तक एक ही प्रजाति के छायादार व इमारती प्रकाष्ठ के पौधे लगाए जाएंगे। जिनके बीच-बीच में रंग बिरंगे फूलों वाले पौधे भी लगाए जाएंगे। खास बात यह होगी कि एक निश्चित दूरी तक एक ही प्रजाति व फूलों वाले पौधे लगाये जाने से इन फूलों व छायादार वृक्षों की छटा लोगों को आकर्षित करेगी।