अवैध खनन मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चौतरफा घिरते जा रहे हैं। इससे राज्य में सियासी संकट पैदा होने की स्थिति बन गई है। चुनाव आयोग द्वारा हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खत्म करने संबंधी अनुशंसा राज्यपाल रमेश वैस को भेजे जाने की खबर के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। अवैध खनन मामले में झारखंड उच्च न्यायालय सुनवाई करने पर राजी हो गया है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसी वर्ष फरवरी में दावा किया था कि हेमंत सोरेन ने खुद को खनन का पट्टा आवंटित किया था जो जन प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है। इस बारे में राज्यपाल ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उनकी सलाह मांगी थी। चुनाव आयोग ने तमाम चीजों पर गौर करने के बाद राज्यपाल को अपनी अनुशंसा भेज दी है। राज्यपाल भी स्वस्थ होने के बाद दिल्ली से रांची पहुंच गए हैं। हालांकि अभी तक चुनाव आयोग की रिपोर्ट के बारे में आधिकारिक बयान नहीं आया है। अगर सोरेन की विधानसभा सदस्यता खत्म होती है तो उनको निश्चित रूप से मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ेगा। बढ़ते सियासी संकट के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)में नए नेता के चुनाव के लिए बातचीत शुरू हो गई है। मालूम हो कि झारखंड में झामुमो, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन वहां की बागडोर संभाल सकती हैं। इसका कारण यह है कि हेमंत का भाई बसंत सोरेन तथा पिता शिबू सोरेन पहले से ही कई मामलों में फंसे हुए हैं। शिबू सोरेन की उम्र भी अब सक्रिय राजनीति की अनुमति नहीं देगी। एक तबके का यह भी आरोप है कि विपक्षी पार्टियां तथा जांच एजेंसियां कल्पना सोरेन को भी भ्रष्टाचार के मामले में घेर सकती हैं। ऐसी स्थिति में झामुमो के पास परिवार से बाहर के नेता को सीएम पद के लिए चुना जा सकता है। झारखंड के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन तथा महिला विकास मंत्री जोबा मांझी भी मुख्यमंत्री की रेस में हो सकते हैं। ये दोनों नेता हेमंत सोरेन परिवार के काफी नजदीकी बताये जाता हैं। जांच एजेंसियां लगातार अपनी जांच का दायरा बढ़ाती जा रही हैं। हाल ही में हुई छापेमारी के दौरान जांच एजेंसियों ने हेमंत सोरेन के करीबी के घर से एके-47 रायफल भी बरामद किया था। चौतरफा घिर चुके हेमंत सोरेन के पास गद्दी छोड़ने के अलावा अब कोई विकल्प दिखाई नहीं दे रहा है। झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई के लिए तैयार होने के बाद मुश्किलें और बढ़ने की संभावना है। आजकल पूरे देश में सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का रेड चल रहा है। कांग्रेस पार्टी की सुप्रीमो सोनिया गांधी, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आदि के खिलाफ ईडी की जांच चल रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी हुई है। पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ ईडी का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। बिहार में भी राजद के पांच नेताओं के यहां सीबीआई की छापेमारी हुई है। अब देखना है कि विधानसभा की सदस्यता खत्म होने के बाद झारखंड की सियासत किस ओर करवट लेती है।
मुश्किल में हेमंत सोरेन
