एक बार फिर असम में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि हो रही है। अल्फा(आई) ने ऊपरी असम में धन उगाही का काम तेज कर दिया है। अल्फा (आई) के इस खतरे को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां चौकस हो गई हैं। असम पुलिस के विशेष डीजीपी जीपी सिंह ने डिब्रूगढ़ में असम पुलिस, सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस एवं खुफिया विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर तथा उससे निपटने के तरीकों पर मंथन किया। ऐसी खबर है कि अल्फा(आई) सहित अन्य उग्रवादी संगठन पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जिले तिराप, चांगलांग, लॉगडिंग एवं मोन जिले में सक्रिय हुए हैं। डिगबोई के पास आतंकियों एवं सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ की घटना यह दर्शाता है कि आतंकवादी फिर से सक्रिय हो रहे हैं। पड़ोसी देश बांग्लादेश में जेहादी एवं कट्टरपंथी तत्वों का उभरना भारत के लिए बड़ा खतरा है। बांग्लादेश में अल्कायदा का विंग अंसार बांग्ला टीम, जमात-उल-मुजाहिदीन, आईएस का नया विंग न्यू जेएमबी तथा जमात-उल-हिंदल शरक्या एवं हिजबुत तहरीर जैसे आतंकी एवं जेहादी संगठन सक्रिय हैं। अंसार बांग्ला टीम भारतीय उपमहाद्वीप में सक्रिय हैं। बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार अपने देश में सक्रिय पूर्वोत्तर के आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। मिली सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने अंसार बांग्ला टीम के 40 से ज्यादा समर्थकों को गिरफ्तार किया है। हिजबुत तहरीर नामक नए आतंकी संगठन ने शेख हसीना सरकार को ही धमकी दी है। चटगांव पहाड़ी क्षेत्र में जमात-उल-हिंदल ने पोस्टर लगाकर सरकार विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। बांग्लादेश में सक्रिय सभी आतंकी संगठन असम तथा पश्चिम बंगाल में घुसकर अपना मजबूत बेस बनाना चाहते हैं। असम की सुरक्षा एजेंसियां इस खतरे से वाकिफ है। बांग्लादेश और भारत के बीच आतंकी गतिविधियों के विषय में सूचनाओं का आदान-प्रदान हो रहा है। बांग्लादेश भी पूर्वोत्तर के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जिससे असम पुलिस को भी जानकारी मिल रही है। बांग्लादेश के कोक्स बाजार में स्थित शरणार्थियों शिविर में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों के भारत में घुसने की खबर ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। इन शरणार्थियों के साथ-साथ आतंकी भी भारत में घुसने का प्रयास कर सकते हैं। अलकायदा एवं आईएस जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के लड़ाकों का भारत में घूसने का प्रयास चिंताजनक है। बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है। इजरायली तकनीक से सीमा पर निगरानी की व्यवस्था करने से सुरक्षा बलों को सुविधा हो रही है। बांग्लादेश से सटी सीमा पर फैंसिंग का काम पूरा करना जरूरी है। नदी से लगती सीमा को भी अवरूद्ध किया जाना चाहिए। सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर ऐसी रणनीति बनानी होगी ताकि आतंकी एवं जेहादी संगठनों की कमर तोड़ी जा सके। जेहादी संगठनों के सक्रिय होने से देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पैदा होगा। विकास की गति तेज करने के लिए हर हालत में आतंकवाद पर अंकुश लगाना ही होगा।