पूर्वी एशिया, यूरोप सहित कुछ अन्य क्षेत्रों में कोविड तेजी से फैल रहा है। इसकी चपेट में कई देशों में मृत्यु दर भी बढ़ी है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 40 दिन भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जनवरी में कोविड संक्रमण में तेजी आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्वी एशिया के देशों में कोविड फैलने के 30-35 दिन बाद भारत में इस महामारी की लहर आती है। हालांकि संक्रमण की गंभीरता कम है। ऐसे में डॉक्टरों का मानना है कि यदि भारत में कोरोना की नई लहर आती है तो इससे होने वाली मौतों और संक्रमितों के अस्पतालों में भर्ती होने की दर काफी कम रहेगी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने फार्मा कंपनियों के साथ बैठक कर देश में उपलब्ध कोविड से संबंधित दवाओं व अन्य वस्तुओं की उपलब्धता की समीक्षा की। मालूम हो कि भारत फार्मा सेक्टर का एक बड़ा केंद्र है जहां से दुनिया के देशों को भी दवाओं की आपूर्ति की जाती है। चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर एवं थाइलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए एक जनवरी से आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। इन देशों से आने वाले यात्रियों को यात्रा से पहले एयर सुविधा पोर्टल पर निगेटिव कोविड टेस्ट रिपोर्ट अपलोड करना होगा। इन देशों से विमानों से आने वाले यात्रियों को 72 घंटे के भीतर टेस्ट करवाना होगा। इसके अलावा एयरपोर्ट पर भी दो प्रतिशत यात्रियों का रेंडम टेस्ट भी किया जाएगा। मालूम हो कि चीन सहित पूर्वी एशिया के देशों में कोविड के बीएफ.7 वेरिएंट ने कोहराम मचा रखा है। भारत के कई राज्यों में खासकर गुजरात एवं ओडिसा में इसकी एंट्री हो चुकी है। बीएफ.7 वेरिएंट अधिकतम 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। बुखार, गले में खराश, खासी एवं नाक का बहना इसका लक्षण है। कुछ संक्रमित लोगों को दस्त एवं उल्टी की शिकायत भी हो रही है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार भारत में बीएफ.7 की जगह ओमिक्रोन की एक्सबीबी वेरिएंट ज्यादा मिल रही हैं। भारत के साथ-साथ 34 अन्य देशों में भी इसकी पहचान की गई है। बदन में दर्द होना एवं हल्का बुखार इसका लक्षण बताया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये दोनों ही वेरिएंट उतने खतरनाक साबित नहीं होंगे जितने चीन, जापान सहित पूर्वी एशिया के देशों के साथ-साथ यूरोप, अमरीका एवं लैटिन अमरीका के देशों में हो रहे हैं। पिछले 24 घंटे में भारत में कोविड के 268 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3552 हो गई है। भारत में संक्रमण दर अभी 0.14 प्रतिशत है जो दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है। भारत सरकार पहले से ही संक्रमण को रोकने के लिए काफी सजग है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर सभी राज्यों के प्रमुख सरकारी एवं निजी अस्पतालों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था जिसमें कोरोना से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की गई थी। भारत में लगभग सभी आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक दी जा चुकी है। लेकिन बूस्टर डोज अभी तक केवल 27 प्रतिशत लोगों को ही दी गई है।  कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए तीसरे डोज की गति बढ़ाने की जरूरत है। डॉक्टरों का मानना है कि भारत में अभी चौथी डोज देने की जरूरत नहीं है। जनवरी से कोरोना के बढ़ने की आशंका को देखते ही लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत होगी। सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने एवं अन्य सावधानियां बरतनी जानी चाहिए। असम सरकार भी कोरोना के नए वेरिएंट को लेकरपूरी तरह सजग है। राज्य में अभी तक कोई नया मामला सामने नहीं आया है किंतु सरकार किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा जनवरी के प्रथम सप्ताह में स्थिति की समीक्षा करेंगे तथा जरूरत के हिसाब से फैसला लेंगे। कोरोना संक्रमित देशों से आने वाले यात्रियों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। अभी भारत में वैसी स्थिति नहीं है किंतु संक्रमण बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए निगेटिव कोविड टेस्ट अनिवार्य कर सही फैसला लिया है।