पिछले वर्ष के दौरान हिमंत विश्वशर्मा सरकार का प्रदर्शन संतोषजनक रहा। राज्य में जीडीपी 12.6 प्रतिशत रही, जो मजबूत अर्थ-व्यवस्था की ओर संकेत दे रही है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने नववर्ष पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 31 मार्च 2023 तक जीडीपी 13 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए 2538 करोड़ रुपए अपने आंतरिक संसाधनों से जुटा रही है। ऑयल रॉयल्टी, परिवहन राजस्व, जीएसटी एवं आबकारी विभाग से मिलने वाले करों से सरकार अब तक 3178 करोड़ रुपए जुटा चुकी है, जबकि इस वित्तीय वर्ष के खत्म होने में तीन महीना बाकी है। पेंशन का भुगतान भारत सरकार की ओर से दी जा रही धनराशि से किया जा रहा है, जिस पर करीब 900 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। बाकी के 1200 से 1400 करोड़ रुपए राज्य के विकास पर खर्च हो रहे हैं। राज्य में केंद्र सरकार के ईएपी प्रोजेक्ट के तहत 28000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं राज्य के विभिन्न स्थानों पर चल रहे हैं, जबकि 12000 करोड़ की परियोजनाएं पाईप लाइन में हैं। असम सरकार का कहना है कि उनकी सरकार पिछले वर्ष जनता के बीच रही तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित फैसले लिए। वर्ष 2022 में कैबिनेट की 72 बैठकें हुर्ई, जिसमें 966 निर्णय लिये गए। उसमें से 86.03 प्रतिशत फैसले को कार्यान्वित किया गया। इसी तरह मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 189 समीक्षा बैठकें हुईं, जिसमें 2762 फैसले लिये गए। मुख्यमंत्री ने खुद गुवाहाटी से बाहर 230 यात्राएं की, जिसमें सभी जिलों को कवर किया गया। नए वर्ष के मौकों पर वाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गुवाहाटी सहित राज्य के विभिन्न भागों में पुलिस द्वारा जोरदार अभियान चलाया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि इस बार केवल सात लोगों की वाहन दुर्घटनाओं में मौत हुई, जबकि यह आंकड़ा पिछले वर्ष ज्यादा था। सरकार भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए सरकारी कार्यालयों में डिजिटल सर्विस पर जोर दे रही है। इंप्लायमेंट एक्सचेंजों, डीसी कार्यालयों, राजस्व विभाग, जीएमसी तथा डीटीओ ऑफिस में ऑनलाइन कामकाज को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार अपने कार्यकाल के अंत तक डिजिटल सेवा को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है। भ्रष्टाचार के आरोप में अब तक 50 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। राशन कार्ड शत-प्रतिशत डिजिटल कर दिया गया है। सरकार के तमाम दावों के बावजूद अभी तक प्रशासन भ्रष्टाचार से मुक्त नहीें हुआ है, जिस पर ध्यान देने की जरुरत है। कानून एवं व्यवस्था के फ्रंट पर सरकार ने अलकायदा एवं आईएस से संबंधित जेहादी गुटों के आठ मॉड्यूल को खत्म किया है तथा 53 जेहादियों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस ने पिछले वर्ष 757 हथियारों को जब्त किया है, जो एक रिकॉर्ड है। लेकिन अल्फा से शांति वार्ता शुरू होना बाकी है। मुख्यमंत्री ने 1 जनवरी को नववर्ष पर कहा कि सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, किंतु वह संप्रभुता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि असम की जनता को अल्फा सुप्रीमो परेश बरुवा पर दवाब डालना चाहिए कि वे वार्ता की मेज पर आएं। राज्य से ट्राईबल आतंकवाद खत्म होना अच्छी बात है। पिछले वर्ष राज्य में बंद सहित आंदोलन का कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया जिससे असम सरकार के राजस्व में वृद्धि के साथ-साथ असम की साख पर भी प्रभाव पड़ा। आंदोलन राज्य के विकास में सबसे बड़ा बाधक है। इससे राजस्व की हानि के साथ-साथ औद्योगिक वातावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। उम्मीद है कि इस वर्ष भी राज्य में शांति बनी रहेगी जिससे राज्य विकास के पथ पर अग्रसर होता रहेगा। राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने से राज्य में बाहरी निवेश बढ़ेगा जिससे रोजगार के भी अवसर मिलेंगे।
हिमंत सरकार का प्रदर्शन
