तमाम प्रयासों के बावजूद देश में मादक पदार्थों की तस्करी कम होने का नाम नहीं ले रही है। बढ़ती तस्करी गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। भारत-बांग्लादेश के बीच 4096 किलोमीटर लंबी सीमा है। बहुत जगहों पर फैंसिंग नहीं है तथा कई जगहों पर पहाड़ और जंगल हैं। मादक पदार्थों (ड्रग्स) की तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्य आसानी से भारतीय सीमा में पहुंचा देते हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद में यह स्वीकार किया कि पिछले दो वर्षों के दौरान ड्रग्स तस्करी में तेजी आई है। उन्होंने संसद में कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने कुल 19494 किलो ड्रग्स जब्त किया है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 11768 किलोग्राम था। ड्रग्स तस्करी पर नियंत्रण के लिए भारत और बांग्लादेश दोनों देशों को संयुक्त कार्य योजना बनाना चाहिए। हालांकि दोनों देश आतंकवाद, ड्रग्स तस्करी एवं पशु तस्करी को रोकने के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं। इस क्षेत्र में अधिक सफलता हासिल करने के लिए और कारगर योजना बनाने एवं बेहतर तालमेल पर जोर देने की जरूरत है। आतंकी संगठन अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए भी ड्रग्स तस्करी का सहारा ले रहे हैं। इसी तरह भारत-म्यामां सीमा से भी ड्रग्स तस्करी का काम चल रहा है। म्यामां से लगती सीमा पर निगरानी की जिम्मेवारी असम रायफल्स के पास है। खुली सीमा और बीहड़ क्षेत्र होने के कारण अवैध घुसपैठ को रोकना आसान नहीं है। म्यामां सीमा की ओर बैठे ड्रग्स तस्कर हवाला चैनल के माध्यम से अपना कारोबार चला रहे हैं। अभी तक सुरक्षा बलों की गिरफ्त में केवल ड्रग्स ले जाने वाले लोग ही पकड़े गए हैं। उनसे ज्यादा नगद राशि नहीं मिली है। इसका अर्थ यह है कि रुपयों का भुगतान हवाला माध्यम से हो रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले की पूरी तरह जांच करने तथा इस धंधे को चलाने वाले मुख्य सरगना सहित सभी लोगों को कानून के दायरे में लाने का निर्देश दिया है। अभी तक ड्रग्स तस्करी से जुड़े प्रमुख लोगों का पकड़ा न जानी निश्चित रूप से चिंता का विषय है। असम सरकार ने भी कुछ महीने पहले राज्य में ड्रग्स तस्करी के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने का निर्देश दिया था। पुलिस ने अभियान चलाकर 781 करोड़ रुपए मूल्य के ड्रग्स जब्त किये थे तथा इस सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था। वर्ष 2021 में  400 करोड़ रुपए मूल्य के ड्रग्स को असम से जब्त किया गया था। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने नववर्ष के मौके पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि ड्रग्स तस्कर असम को कॉरिडोल को रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। असम पुलिस ने राष्ट्रीय  हित में ड्रग्स तस्करी के खिलाफ अभियान चलाया था। मालूम हो कि बांग्लादेश और म्यामां से ड्रग्स की खेप पश्चिम भारत तक पहुंच रही है। सुरक्षा एजेंसियों को इस क्षेत्र में और अलर्ट रहने की जरूरत है। पाकिस्तान की सीमा से होकर भी ड्रग्स तस्करी हो रही है। जल-मार्ग एवं ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स की खेप भारतीय सीमा में पहुंच रही है। हाल ही में गुजरात सीमा के पास भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त किया गया था। आतंकी संगठन हथियार खरीदने एवं अपने कैडरों को भत्ता देने आदि के लिए ड्रग्स तस्करी कर धन जुटाते हैं। आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए ड्रग्स तस्करी के धंधे पर अंकुश लगना जरूरी है। म्यामां के कुछ हिस्से पर वहां की सरकार का प्रशासनिक नियंत्रण नहीं है। इसका फायदा आतंकी संगठन एवं ड्रग्स तस्कर उठा रहे हैं। देश की भावी पीढ़ी को बचाने के ड्रग्स तस्करी के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाने की जरूरत है।