तिरुवनंतपुरम के ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए तीसरे और अंतिम वनडे क्रिकेट मैच में भारत ने श्रीलंका को 317 रन से पराजित कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इसके साथ ही भारत ने वनडे शृंखला 3-0 से जीतकर अपनी विजय अभियान जारी रखा है। इससे पहले भारत ने पहला वनडे 67 रन से, दूसरा वनडे चार विकेट से जीता था। वनडे क्रिकेट मैच के इतिहास में इससे पहले वर्ष 2008 में न्यूजीलैंड ने आयरलैंड को 290 रन से शिकस्त दी थी। वर्ष 2015 में आस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान को 275 रन से, 2010 में दक्षिण अफ्रीका ने जिम्बाब्वे को 272 रन से तथा वर्ष 2012 में दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को 258 रन से रौंद दिया था। भारत का पिछला रिकार्ड 257 रन से जीतने का था। उस मैच में भारत ने बरमूडा को पराजित किया था। तीसरे वनडे मैच में विराट कोहली के नाबाद 166 रन एवं शुभमन गिल के 116 रन की बदौलत भारत ने 390 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में श्रीलंका की टीम नौ विकेट पर केवल 73 रन ही बना पायी। भारत के तेज गेंदबाज मो. सिराज ने चार विकेट लेकर तथा एक रनआउट कर श्रीलंका की कमर तोड़ दी थी। इस जीत के साथ टीम इंडिया का मनोबल अगले मैचों के लिए निश्चित रूप से बढ़ेगा। पिछले वनडे शृंखला में विराट कोहली ने दो शतक जमाकर यह दर्शा दिया कि उनका फॉर्म वापस लौट आया है। अब वनडे मैचों में विराट का कुल शतक 46 पहुंच गया है, जो महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से तीन शतक कम है। मालूम हो कि सचिन तेंदुलकर के वनडे मैचों में कुल 49 शतक हैं। तीसरे स्थान पर पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग के 30 शतक, चौथे स्थान पर श्रीलंका के ओपनर सनथ जयसूर्या के 28 शतक तथा पांचवें स्थान पर श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा के 25 शतक हैं। विराट कोहली के वर्तमान फॉर्म को देखते हुए ऐसा लगता है कि वे अगले चार-पांच वर्ष तक भारत के लिए खेल सकते हैं। ऐसी स्थिति में कोहली निश्चित रूप से सचिन का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। इसी वर्ष वनडे क्रिकेट का विश्व कप आयोजित होने वाला है जिसके लिए टीम बनाने की तैयारी चल रही है। आगे आस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड के साथ क्रिकेट मैच होना है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि टीम प्रबंधन को खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। सूर्य कुमार यादव एवं ईशान किशन जैसे खिलाड़ियों को बैठाकर बार-बार केएल राहुल को मौका देना क्रिकेट प्रेमियों के समझ से बाहर है। कई क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि कुलदीप यादव को भी ज्यादा मौका देना चाहिए, क्योंकि वह बल्लेबाजों पर ज्यादा प्रभाव डाल रहे हैं। भारत के पास कई प्रतिभावान खिलाड़ी हैं, जो मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ही मौका मिलना चाहिए।