पृथ्वी पर जीवन और उससे संबंधित पारिस्थितिकी तंत्रों के लिए नदियों की बड़ी भूमिका है। जमीन पर रहने वाले जीवों को तापमान में बदालव की ज्यादा अहमियतनहीं पता होती है, लेकिन नदियां तापमान के मामले में बहुत संवेदनशील होती हैं। नदियों का तापमान बहुत ही अहम मापन है जो बहते हुए पानी की भौतिक रासायनिक और जैविक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है। इसका पारिस्थितिकी, मानव स्वास्थ्य, औद्योगिक, घरेलू और अन्य मानवीय गतिविधियों के लिए बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम और इंडियाना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दलील दी है कि नदी के तापमान और उसे बढ़ाने वाले वैश्विक कारकों को बेहतर समझ जलवायु परिवर्तन और अन्य मानवीय प्रभावों के लिए एक अच्छा मापक साबित हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पानी की गुणवत्ता के मापन का एक वृहद डेटाबेस जैवविविधता, पारिस्थितिकी तंत्र की कार्यप्रणाली और शैवाल प्रस्फुटन की अग्रिम चेतावनी, जलजनति रोगाणु मछलियों की जनसंख्या में बदलाव के अग्रिम चेतावनी सहित बहुत से जोखिमों पर तापमान के बदलाव के प्रभाव की समझ को बढ़ाएगी।

यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम और इंडियाना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दलील दी है कि नदी के तापमान और उसे बढ़ाने वाले वैश्विक कारकों को बेहतर समझ जलवायु परिवर्तन  और अन्य मानवीय प्रभावों के लिए एक अच्छा मापक साबित हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पानी की गुणवत्ता के मापन का एक वृहद डेटाबेस जैवविविधता, पारिस्थितिकी तंत्र की कार्यप्रणाली, और शैवाल प्रस्फुटन की अग्रिम चेतावनी, जलजनति रोगाणु मछलियों की जनसंख्या में बदलाव के अग्रिम चेतावनी सहित बहुत से जोखिमों पर तापमान के बदलाव के प्रभाव की समझ को बढ़ाएगी। पृथ्वी पर बहुत से क्षेत्रों में ये सभी पहलू मानव के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए बहुत ही गंभीर हो सकते हैं।

इसके साथ ही हमें नदियों के तापमानों की कैसे निगरानी करनी है और उनका प्रतिमान कैसे बनाना है, इस पर पुर्विचार बहुत उपयोगी होगा। इसकी जलीय जीवों और पारिस्थितिकी सेवाओं पर नाकारात्मक असर डालने वाले चरम तापमान के प्रबंधन, उसके कम करने या उसके अनुकूल ढलने के लिए हमारी क्षमता में बड़ी भूमिका होगी।