संसद के दोनों सदनों लोकसभा तथा राज्यसभा में ब्रिटेन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की भारतीय लोकतंत्र एवं मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर की गई टिप्पणी को लेकर 13 मार्च को भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस तथा भाजपा दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ हंगामा किया। विपक्ष अडाणी मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की मांग को लेकर मोदी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर चुकी थी।

लेकिन भाजपा ने अपनी रणनीति से मामले को दूसरी तरफ मोड़ दिया। लोकसभा में सदन के उपनेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय लोकतंत्र पर राहुल गांधी की टिप्पणी को भारत का अपमान बताया। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस से तुरंत माफी मांगने की बात कही। संसदीय मामलों के मंत्री प्रफुल्ल जोशी ने राहुल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को आपातकाल के दौरान की गई कारगुजारियों पर गौर करना चाहिए। कांग्रेस ने उस दौरान लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दी थी। राज्यसभा में सदन के नेता पीयुष गोयल ने भी राहुल की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस को घेरा। मालूम हो कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है।

विपक्षी नेताओं को संसद में बोलने नहीं दिया जाता है तथा उनका माइक बंद कर दिया जाता है। उन्होंने अमरीका तथा पश्चिमी देशों से अनुरोध किया था कि आप लोग भारतीय लोकतंत्र को बचाने के लिए पहल करें। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया था कि भारत और चीन के बीच तनाव का मुख्य कारण भारत का अमरीका के प्रति झुकाव है। यह सबको मालूम है कि चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत भारतीय जमीन पर कब्जा करने के लिए घुसपैठ करता रहा है। राहुल के बयान से लगता है कि ड्रैगन की नीति सही है तथा भारत की गलत। भारत में लोकतंत्र की जड़ जितनी गहरी है वैसा कहीं नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कर्नाटक के एक चुनावी सभा में राहुल पर हमला करते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र सबसे पुराना है तथा भारत सभी लोकतंत्र की जननी है। भारत में सबको बोलने की आजादी है। संसद में माइक बंद करने जैसे अनर्गल आरोप लगाना सही नहीं है। पश्चिमी देश भारत के मामले में हस्तक्षेप करने का मौका तलाशते रहते हैं। राहुल गांधी ने उनको ऐसा मौका देकर सही नहीं किया है। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों को मोदी विरोध के नाम पर राष्ट्रहित के खिलाफ नहीं जाना चाहिए। भारतीय लोकतंत्र दुनिया के लिए एक उदाहरण है।