रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के सरकारी आवास क्रेमलिन पर बुधवार को ड्रोन हमला हुआ। इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। एयर डिफेंस सिस्टम ने दोनों मानवरहित ड्रोनों को मार गिराया है। 16 मिनट के अंतर पर ही दोनों ड्रोन हमले हुए। जिस वक्त यह हमला हुआ उस वक्त पुतिन अपने सरकारी आवास में नहीं थे। रूस ने कहा है कि यूक्रेन ने रूसी राष्ट्रपति की हत्या का प्रयास किया है। रूस के पास जवाबी कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है, जिसका प्रयोग रूस समय के हिसाब से करेगा। रूसी सरकार ने इसे आतंकवादी हमला बताया है। दूसरी तरफ यूक्रेन ने रूस के इस आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि यह हमला रूस ने यूक्रेन पर हमला करने के बहाने के रूप में किया है। मालूम हो कि 9 मई को रूस में विक्ट्री डे परेड होता है। ऐसा लगता है कि रूस 9 मई से पहले ही यूक्रेन पर बड़ा हमला कर अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहता है।
रूस ने पहले ही यूक्रेन के कई इलाकों पर हमले तेज कर दिए हैं। ऐसी खबर है कि रूस अब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेस्की को खत्म करने के लिए कदम उठा सकता है। पुतिन पिछले 24 वर्षों से रूस के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के पद पर बने हुए हैं। 1999-2000 एवं 2008 से 2012 तक पुतिन रूस के प्रधानमंत्री थे तथा 2012 से लगातार रूस के राष्ट्रपति बने हुए हैं। उन पर अभी तक पांच बार जानलेवा हमला हो चुका है। हर बार वे बाल-बाल बचे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध 24 फरवरी 2022 से शुरू हुआ है, जो अब तक जारी है। 14 महीने तक युद्ध चलने के बावजूद यह विनाशकारी युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस युद्ध का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। विश्व की आॢथक स्थिति तथा विकास की रफ्तार प्रभावित हो रही है एवं महंगाई आसमान छू रही है। अमरीका सहित नाटो के देशों से मिल रहे लगातार समर्थन के कारण यूक्रेन अभी भी मैदान में डटा हुआ है, ङ्क्षकतु रूसी हमले में यूक्रेन पूरी तरह तहस-नहस हो चुका है। इस हमले को लेकर कई तरह की बातें उठ रही हैं। यूक्रेन का आरोप है कि रूस ने खुद हमला करवाकर यूक्रेन पर हमला तेज करने का बहाना खोजा है।
दूसरी तरफ रूस का कहना है कि यूक्रेन ने यह हमला करवाकर नाटो देशों पर दबाव डाला है ताकि वह यूक्रेन को उन्नत हथियारों की आपूॢत करे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि फिलहाल यूक्रेन में घातक हथियारों की कमी हो गई है। नाटो द्वारा आपूॢत किए जा रहे हथियारों की रफ्तार धीमी है। इसका नतीजा यह है कि यूक्रेन में लगे मिसाइल डिफेंस सिस्टम में मिसाइल भरने के लिए मिसाइल नहीं है। अगर देखा जाए तो रूस यूक्रेन युद्ध रूस एवं अमरीका के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। वास्तव में यह लड़ाई रूस बनाम नाटो के बीच हो गई है। अमरीका सहित नाटो के देश यूक्रेन को हथियार, गोला बारूद, मिसाइल एवं हर तरह के उपकरणों की आपूॢत कर रहे हैं। यह लड़ाई जितनी लंबी खींच रही है रूस का धैर्य खत्म होते जा रहा है। हाल ही में रूस ने परमाणु हमले के लिए युद्धाभ्यास किया है। काला सागर में रूसी पनडुब्बियों एवं परमाणु हथियारों से लैस युद्धपोतों को तैनात किया गया है। नाटो देशों से सटे रूस के मित्र बेला रूस में भी रूस ने अपने घातक परमाणु हथियारों को तैनात किया है ताकि जरूरत पडऩे पर उसका इस्तेमाल नाटो देशों के खिलाफ किया जा सके। ऐसा लग रहा है कि विक्ट्री डे से पहले रूस ताबड़तोड़ हमले कर यूक्रेन पर रणनीतिक बढ़त हासिल करने की कोशिश करेगा। तमाम कूटनीतिक पहल के बावजूद इस युद्ध पर विराम नहीं लग रहा है। इस युद्ध को किसी भी हालत में परमाणु युद्ध के रूप में तब्दील नहीं होना चाहिए।